एमडीएफ को प्लाइवुड का शेयर पाने के लिए कड़ी मेहनत की आवष्यकता

person access_time   3 Min Read 13 August 2018

वर्तमान बाजार परिदृश्य यह संकेत देता है कि एमडीएफ/पीबी का बाजार बढ़ रहा है लेकिन यह प्लाइवुड के एवज में नहीं है, यहां तक कि इकोनोमिकल ग्रेड प्लाई के एवज में भी नहीं है, बल्कि यह बृद्धि मुख्य रूप से इसके बढ़ते अप्लीकेशन के बदौलत है। वर्तमान में बाजार ने एमडीएफ/ पीबी उत्पादकों को कीमतें कम करने को मजबूर किया है।

अक्सर वुड पैनल उद्योग के व्यापारियों, उद्यमियों, मशीनरी विशेषज्ञों और लीडिंग प्लेयर्स द्वारा व्यक्त किये गए विचार पढते-सुनते हैं कि एमडीएफ की मांग बढ़ रही है, और जल्द ही यह प्लाइवुड को रिप्लेस कर देगा। वे कहते हैं कि ‘‘विश्व स्तर पर वुड पैनल केटेगरी का 80 प्रतिशत बाजार एमडीएफ/पार्टिकल बोर्ड के पास है जबकि प्लाइवुड कां केवल 15-20 प्रतिशत है लेकिन भारत में यह आंकड़ा उल्टा है। अब भारत में यह स्थिति बनेगी, क्योंकि एमडीएफ/ पीबी, जो प्लाइवुड से सस्ता है, के पक्ष में बाजार बदलने की उम्मीद है।‘‘ उनकी टिप्पणियों ने बहुतांें कंपनियों को एमडीएफ/पार्टिकल बोर्ड की मैन्यूफैक्चरिंग में प्रवेश करने के लिए प्रेरित किया है। नतीजतन कंपनियों ने भारतीय उपभोक्ताओं के व्यवहार को समझे बिना, यहां तक कि उपभोक्ताओं को शिक्षित करने, लकड़ी की उपलब्धता या वास्तविक निवेश की आवश्यकता को जाने समझे बिना, एमडीएफ व पार्टिकल बोर्ड की उत्पादन इकाई लगाने में जुटी है ।

पिछले 2-3 वर्षों के दौरान, एमडीएफ की उत्पादन क्षमता 150 प्रतिशत से अधिक और पार्टिकल बोर्ड की 75 प्रतिशत बढ़ी है, लेकिन दोनों प्रोडक्ट के बाजार ग्रोथ में तकरीबन 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्लाइवुड उत्पादन का परिदृष्य भी कम नहीं है जहां पिछले तीन वर्षों के दौरान लगभग 7-8 प्रतिशत की वार्षिक बाजार ग्रोथ के मुकाबले उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान बाजार परिदृश्य यह संकेत देता है कि एमडीएफ/पीबी का बाजार बढ़ रहा है लेकिन यह प्लाइवुड के एवज में नहीं है, यहां तक कि इकोनोमिकल ग्रेड प्लाई के एवज में भी नहीं है, बल्कि यह बृद्धि मुख्य रूप से इसके बढ़ते अप्लीकेशन के बदौलत है। वर्तमान में
बाजार ने एमडीएफ/पीबी उत्पादकों को कीमतें कम करने को मजबूर किया है। एमडीएफ और प्रीलैमिनेटेड पार्टिकल बोर्ड की कीमतें पिछले सालों की तुलना में 15-20 प्रतिशत घटी है, जो कि कई निर्माताओं के अनुमान के मुताबिक नहीं था। इसका मतलब बाजार धीमी गति से इस प्रोडक्ट को स्वीकार कर रहा है और ये प्रोडक्ट अपनी साख बनाए रखने के लिए काफी संघर्ष कर रहा है।

कीमतों में कमी के बावजूद, एमडीएफ कंपनियां बिक्री के लिए जोर लगा रही हैं। फिर भी बाजार ग्रोथ के लिए एमडीएफ/पीबी उद्योग को यूजर्स के बीच इसके उपयोग/फायदे के बारे में जागरूकता, शिक्षा और सूचना के प्रसार में निवेश करने की योजना बनाने की जरूरत है। उन्हें बाजार में तेजी लाने के लिए धैर्य के साथ अपनी ऊर्जा, समय और धन खर्च करना पड़ेगा, क्योंकि केवल आपूर्ति बढ़ाना, प्लाइवुड बाजार के अच्छे शेयरपाने के लिए पर्याप्त नहीं है।

अगस्त के अंक की तैयारी करते समय, प्लाई रिपोर्टर टीम ने वास्तव में कुछ अच्छी खबरों को पाने के लिए काफी संघर्ष किया लेकिन हमें ज्यादा कुछ नहीं मिला। ‘द प्लाई रिपोर्टर‘‘ पत्रिका के अगस्त अंक में एमडीएफ, लैमिनेट्स, प्लाइवुड, टिम्बर और कई अन्य विषयों पर ग्राउंड मार्केट रिपोर्ट है। इसके साथ सीडार लैमिनेट्स (डुरियन) के निदेशक श्री विशाल डोकानिया का साक्षात्कार, लैमिनेट उद्योग और व्यापार के लिए पढ़ने योग्य है। ‘प्लाइवुड उद्योग में सैंडिंग मशीन‘ के महत्व को हमारे नियमित कॉलम मशीनरी टॉक में कुमार इंजीनियरिंग के निदेशक श्री सुनील श्रीवास्तव ने अच्छी तरह से समझाया है। इसके अलावा, एफआरआई, देहरादून में वुड टेक्नोलॉजी पर आयोजित सेमिनार की विस्तृत कवरेज है साथ ही विभिन्न उत्पाद लॉन्च, पुरस्कार समारोह और उद्योग/व्यापार के अपडेट पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। पढ़ें, और अपना विचार अवश्य भेजें।

राजीव पाराशर

(I appreciate your feedback. Write at plydata@gmail.com or SMS on 93106 12993)

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