वुड बेस्ड इंडस्ट्रीज के लिए यूपी को 15,000 आवेदन

person access_time   3 Min Read 25 August 2018

ਤत्तर प्रदेश वन विभाग को राज्य में नए वुड बेस्ड इंडस्ट्रीज के लिए तकरीबन १५,000 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए हैं। आवेदन 15 जुलाई 2018 तक तय समय सीमा के दौरान प्राप्त किए गए। दरअसल लकड़ी की उपलब्धता के आधार पर यूपी सरकार ने वुड बेस्ड इंडस्ट्रीज के लिए नए लाइसेंस की प्रक्रिया शुरू की है। राज्य ने सॉ मिल, विनियर, प्लाईवुड, विनियर और प्लाईवुड, स्टैंड अलोन चिप्पर, एमडीएफ/एचडीएफ और पार्टिकल बोर्ड जैसे आठ केटेगरी में वुड बेस्ड इंडस्ट्रीज स्थापित करने के लिए नए लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये थे।

रिपोर्ट के अनुसार, एमडीएफ और पार्टिकल बोर्ड केटेगरी में, सरकार को 30 आवेदन प्राप्त हुए हैं जबकि विनियर और प्लाईवुड में, प्रत्येक में लगभग 2000 आवेदन प्राप्त हुए हैं। सरकारी स्रोतों से प्राप्त रिपोर्ट से पता चलता है कि वुड पैनल सेक्टर में लगभग 4600 आवेदन आए हैं जिनमें एमडीएफ, पार्टिकल बोर्ड, कोर विनियर, प्लाइवुड और विनियर संयुक्त रूप से शामिल हैं।

सूत्रों और उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार, प्लाईवुड और लैमिनेट्स सेगमेंट में प्रमुख ब्रांड वाली कंपनियों का यूपी में कोई मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट नहीं है। राज्य में प्लांटेशन टिम्बर की उपलब्धता और बाजार को देखते हुए ये प्लेयर्स उत्तर प्रदेश में वुड पैनल मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए बहुत उत्सुक हैं। इसी तरह, बड़ी संख्या में वितरक और अन्य उद्योग के लोग भी प्लाईवुड और वुड पैनल मैन्यूफैक्चरिंग में प्रवेश करने के इच्छुक हैं, जिसके लिए उन्होंने आवेदन किए हैं। अभी विभाग के अधिकारी सभी आवेदनों की जांच की प्रक्रिया में लगे हैं, जिनमें अंतिम चयन प्रक्रिया शुरू होने से पहले

निष्कर्ष निकालने तक कुछ महीने लगने की उम्मीद है। आगे की प्रक्रिया पर अब तक कोई भी आधिकारिक अधिसूचना नहीं मिली है। सूत्रों का कहना है कि वन विभाग लकड़ी के स्टॉक की उपलब्धता के अनुसार प्रत्येक श्रेणी में लॉटरी सिस्टम से लाइसेंस वितरित करेगा। यूपी वन विभाग ने चयन की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए नियम और शर्तें संशोधित किए है ।

एक बात निश्चित है कि उत्तर प्रदेश इन उत्पाद मैन्यूफैक्चरिंग में सबसे ज्यादा वृद्धि हासिल करने और भारत में प्लाइवुड और पैनल उत्पादन के लिए सबसे बड़ा हब बनने के लिए तैयार है। प्लाई रिपोर्टर एक साल पहले एक पूरा लेख प्रकाशित किया था कि जल्द ही यूपी में नई इकाइयां स्थापित की जाएगी, जिससे स्थापित इकाइयों की सख्या में बृद्धि होगी जो लम्बी अवधि में ओवरसप्लाई और टिम्बर प्राइस में वृद्धि करेगा।

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