एनसीआर स्थित प्लाई-लैम इकाइयां एक हफ्ते तक बंद

person access_time   3 Min Read 28 November 2018

सभी प्लाइवुड, ब्लॉक बोर्ड, फ्लश डोर, डेकोरेटिव लैमिनेट्स, डेकोरेटिव विनियर और अन्य उत्पाद जो प्रदूषण के प्रभाव के रूप में सूचीबद्ध हैं, इनके मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों को 4 से 10 नवंबर 2018 तक एक सप्ताह से अधिक समय तक बंद कर दिया जाएगा। ईपीसीए, पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ने निर्देश दिया है कि 4 और 10 नवंबर, 2018 तक दिल्ली और एनसीआर में कोयले और बायोमास ईंधन (थर्मल और अपशिष्ट ऊर्जा संयंत्रों को छोड़कर) के रूप में उपयोग करने वाले सभी इकाइयों को बंद रखा जाए। वैसे इंडस्ट्रीज जो प्राकृतिक गैस का उपयोग ईंधन के रूप में कर सकते हैं वे अपना उत्पादन जारी रख सकते हैं ।

वैसे प्लाइवुड और लैमिनेट उद्योग जो दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में स्थित है जैसे दिल्ली बॉर्डर, सांपला, बहादुरगढ़, गाजियाबाद, हापुड़, गुडगाँव, फरीदाबाद, भिवाड़ी, नोएड़ा, इत्यादि को बढ़ते प्रदूषण के स्तर के चलते उत्पादन को रोकने के लिए ईपीसीए द्वारा जारी निर्देशों के अनुपालन में एक सप्ताह तक बंद रखने के लिए निर्देशित किया गया है।

प्लाई रिपोर्टर की ग्राउंड फीडबैक के अनुसार ‘दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में स्थित लगभग 200 प्लाई-बोर्ड, डोर, डेकोरेटिव विनियर और लैमिनेट्स की मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों को उत्पादन को रोकने का आदेश दिया गया है क्योंकि वे कोयले और बायोमास ईंधन पर अपने बॉयलर का उपयोग कर रहे हैं।

अनुमान बताते हैं कि इन प्लांट में उत्पादन की हानि करोडो है जिसे इस बढ़ते क्षेत्र के लिए बड़े स्तर पर योगदान कम होने के रूप में गिना जा सकता है। दिल्ली-एनसीआर प्लाइवुड मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री विकास खन्ना ने प्लाई रिपोर्टर से कहा कि उद्योग इस क्षेत्र में प्रदूषण की स्थिति को रोकने के लिए ईपीसीए निर्देश का सख्ती से पालन करेगा।

दिल्ली-एनसीआर स्थित प्लाइवुड और लैमिनेट्स उद्योग को बचाने की आवश्यकता है जिसमें बॉयलर में पेटकोक या अन्य प्रदूषण करने वाली वस्तुओं के उपयोग करने के बजाय और गैर जीवाष्म ईंधन मोड जैसे सौर ऊर्जा और बिजली जैसे विकल्प में स्विच करने की आवष्यकता है। प्लाइवुड और लैमिनेट्स उद्योग का कहना है कि वे लकड़ी और कोयले का उपयोग करते हैं, जो प्रदुषण उत्सर्जन के लिए ज्यादा खतरनाक नहीं है। हाल में हुए एनजीटी के नियमों में परिवर्तन अब भविष्य में इस क्षेत्र की पूरी प्लाई और लैमिनेट्स मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों के लिए एक चुनौती हैं. इसका एक मात्र समाधान चिह्नित क्षेत्र से इसे स्थानांतरित किया जाए, आज या कल ये करना ही होगा।

You may also like to read

shareShare article
×
×