क्या आप एक सफल उद्यम बना रहे हैं?

person access_time   5 Min Read 11 October 2018

क्या आप कभी ऐसे घटिया क्वालिटी के उत्पाद अपने लिए या अपने परिवार के लिए खरीदेंगे? मेरा मानना है कि आपका उत्तर अवश्य ‘नहीं’ होगा, आपकी प्रतिक्रिया ही ऐसे बिजनेस का भविष्य भी है।

वुड पैनल व्यापार में दो प्रोडक्ट प्लाई व लेमिनेट सबसे अहम होता है, और एक प्लाइवुड रिटेलर के लिए इसकी हिस्सेदारी तकरीबन 80 फीसदी होती है, इसलिए एक दुकानदार की कमाई इसी दो प्रोडक्ट पर निर्भर करता है। साल 2018 में इन दोनों प्रोडक्ट के बाजार में प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ी है, नतीजतन इसका पूरा असर एक व्यापारी के मुनाफे पर देखा गया है। प्रोडक्ट की सप्लाई बढ़ने से उत्पादक, होलसेलर या डीलर्स, सभी की शुद्व आमदनी घटी है, क्योंकि सभी स्तर पर प्रोडक्ट के रेट कम किए गए हैं। लोगों ने प्रोडक्ट के रेट को कम कर बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाया है। नतीजतन बाजार में एक ठहराव सा देखने को मिल रहा है, और कई फैक्टरियां बंद हो रही है या बिक रही हैं। इसके उदाहरण इस प्रकार हैं... अगर लेमिनेट की बात करें तो एक स्टैंडर्ड प्रोडक्ट 1 एमएम व 0.8 एमएम की जगह, अब बाजार में उससे कम थीकनेस का मेटेरियल परोसा जा रहा है। 1 एमएम से करीब 100 रू सस्ता 0.92 एमएम या 0.85 एमएम का लेमिनेट दिया जा रहा है, बशर्ते कि पेपर का लागत खर्च छोड़ दिया जाए, तो 1 एमएम व 0.92 एमएम के उत्पाद लागत खर्च में कोई अंतर नहीं है। लेकिन कुछ हद तक यह गणित, एक डीलर को एक्ट्रा 60 से 100 रू तक कमाने का मौका जरूर देता है, और वे इसे काम करने को स्मार्ट तरीका मान बैठता है। इस शार्टकट के चक्कर में कई लेमिनेट उत्पादक मानते है कि 0.9 एमएम लाना एक स्मार्ट तरीका है, क्योंकि डीलर्स इसे आराम से स्वीकार कर लेता है, क्योंकि कई डिस्ट्रीब्यटर्स ऐसी राय देते हैं।

तथ्य ये है कि एक मैन्यूफैक्चर्र सोचता है कि अगर वो 1 एमएम की जगह 0.9 एमएम के लिए 20 से 25 फीदसी रेट घटा रहा है, तो वो 1 एमएम थीकनेस का प्रोडक्ट नहीं बना रहा है, और वो रेट कम कर देता है? उसी प्रकार एक डिस्ट्रीब्यटर जरूरी सोचता है कि ये बेहतर नहीं होता कि 1 एमएम का थीकनेस मिलता व उसे सस्ता बेचा जाता क्योंकि कम से कम थीकनेस स्टैंडर्ड मिलता अगर डेकोर क्वालिटी अच्छी नहीं भी हो। जरा सोचिए ! थीकनेस गेम में कौन किसे मूर्ख बना रहा है, क्योंकि इस गेम का कोई अंत नहीं है। क्योंकि लेमिनेट का थीकनेस 1 एमएम से घटाकर 0.92, 0.9, 0.85, 0.76, 0.7, 0.65, 0.55, 0.45, 0.4 एमएम आदि कुछ भी किया
जा सकता है, लेकिन क्या ये आपकी आमदनी को बढ़ाता है या क्या इससे आप एक बेहतर क्वालिटी का डेकोर प्रोडक्ट दे पाते हैं? क्या आपने कोई कंपनी या ब्रांड या शोरूम देखा है, जिसने घटिया क्वालिटी के दम पर सफलता हासिल की हो। क्या आप, खुद के लिए ऐसे प्रोडक्ट कभी खरीदेंगे, चाहे कोई भी प्रोडक्ट हो?

ये समझना सबसे महत्वपूर्ण है कि रेट की प्रतिस्पर्धा बाजार से संचालित होती है, और कभी कभी बाजार को बढ़ाने में मदद करती है, लेकिन प्रोडक्ट की क्वालिटी को चालबाजी से गिराना, हमेशा बाजार को घटाएगा, और वैकल्पिक मेटेरियल को जगह देगा। चाहे आप मैन्यूफैक्चरर हो, या डीलर, उचित क्वालिटी का प्रोडक्ट, उचित मुनाफा और गुडविल, यही रास्तें हैं, जिससे आप इस व्यापार में लंबे समय तक बेहतर बने रह सकते हैं। आप खुद सोचें कि क्या आप एक सफल उद्यम बना रहे हैं? ज्यादा मात्रा में प्रोडक्ट बनाने का लक्ष्य बनाएं, लेकिन अगर प्रोडक्ट की क्वालिटी व रेट को गिराते हैं, तो इस गेम में आप टिकाऊ नहीं हैं। मुझे पुरी तरह विश्वास है कि आप इन बातो का ख्याल रखेंगे और वर्ष 2019 में बुद्धिमत्ता पूर्ण कदम उठायेगें। अनेको शुभकामनाऐं...

प्रगत द्धिवेदी

Mail to “dpragat@gmail.com”, (M) 9310612991

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