पोपलर ने 1000 का आंकड़ा छुआ, प्लाई-बोर्ड 12 से 15 प्रतिशत महंगा

person access_time   4 Min Read 27 May 2019

पोपलर ने अप्रैल माह में अपनी कीमत और उपयोगिता को उस समय फिर साबित किया, जब उद्योग ने कच्चे माल की गैर-लाभकारी कीमतों के कारण अपना संचालन व काम करना बंद कर दिया था। फसल कटाई के मौसम के दौरान पोपलर लॉग की कीमतों में अचानक उछाल खेतों में पोपलर की कटाई व मजदूरों की कमी का परिणाम है। ऐसे वक्त में किसानों की प्राथमिकता गेहूं की फसल कटाई पर केंद्रित हो जाती है, जिस कारण वृक्षारोपण वाली पोपलर लकड़ी का बाजार में आगमन काफी सीमित या कम हो जाता है। इस पूरे साल पोपलर की कीमतों में 60 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी गई है, क्योंकि इसके लॉग प्रचुर मात्रा में प्राप्त नहीं हुआ। आने वाले महीनों में भी इसकी आपूर्ति सुचारू नहीं लग रही है क्योंकि किसानों को अब मांग और आपूर्ति के अंतर के बारे में अच्छी तरह पता है। ऐसा प्रतीत होता है कि फसल कटाई के सीजन के बावजूद भी इसकी कीमतें वापस कम नहीं होने वाली हैं क्योंकि कारखानों में मांग को लेकर बड़ा संशय और घबराहट देखी जा रही है।

प्लाई रिपोर्टर द्वारा जनवरी 2019 में यह भविष्यवाणी कर दी गयी थी कि अगले 3 महीनों के लिए पोपलर लॉग की कीमतें 800 के आंकड़े या इससे उपर की रेंज में पहुंचने वाली है। अब यह पूरा आकलन सामने आ रहा है और लॉग प्राइस या तैयार माल की कीमतों में फिलहाल कोई कमी नहीं दिख रही है। जगाधरी, होशियारपुर, हापुड़, रामपुर, बरेली आदि के लकड़ी के बाजारों का परिदृश्य बताता है कि पोपलर 1000 का आंकड़ा पार कर देगा और बारिश के मौसम की शुरुआत से ठीक पहले तक इसी स्तर पर स्थिर रहेगा।

उत्तर प्रदेश, हरियाणा, एनसीआर क्षेत्र, पंजाब और राजस्थान में कारखानों का विस्तार होने के कराण मांग और आपूर्ति के अंतर में बढ़ोत्तरी हुई है और यही कारण है कि इन नये आंकड़ों पर अचानक पहुंची पोपलर की कीमतों ने प्लाइवुड उद्योगों को आश्चर्य में डाल दिया है। लॉग की कीमतों में वृद्धि ने पंजाब में प्लाई-बोर्ड कंपनियों, उत्तर प्रदेश में प्लाइवुड निर्माताओं और यमुनानगर के प्लाइवुड उत्पादकों को कीमतें घटाने के लिये अपने उत्पादन में कटौती करने, प्लांट्स में सुधार लाने, कीमतें सुधारने जैसे उपायों को अपनाने के लिए मजबूर किया है, जो इस दौर में एक बुद्धिमानी भरा कदम है।

अब बाजार में नई दरों को स्वीकार करने की जानकारी मिल रही है, जहां फुल पोपलर से बनी प्लाइवुड 15 से 18 फीसदी की बढ़ी हुई कीमत पर भी उपलब्ध नहीं है। अल्टरनेट प्लाइवुड की कीमतों में 6 से 10 प्रतिशत, ब्लॉक बोर्ड की कीमतें 10 से 12 फीसदी तक बढ़ गई हैं। फ्लश डोर की कीमतों में अभी 6 से 8 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है, लेकिन आने वाले महीनों में किसी भी अन्य उत्पाद की तुलना में फ्लश डोर की कीमतें तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।

पोपलर की कीमत में उतार-चढ़ाव के कारण बाजार ने व्यापक रूप से नई दरों को स्वीकार किया है, लेकिन फिर भी अल्टरनेट प्लाइवुड की कीमत स्वीकृति पर दबाव बना हुआ है क्योंकि यह अभी भी सफेदा के कोर यूजर्स द्वारा तय होता है। प्लाई रिपोर्टर का आकलन है कि 2019 के दौरान प्लाइवुड उद्योग में अधिक कॉन्सॉलिडेशन के साथ पैनल उत्पादों की कीमतों में और वृद्धि होना तय है।

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