ऊंचे फेनाॅल और डाॅलर ने बढ़ाई मुश्किले, लेकिन आपकी क्षमता परखने का मौका भी दिया

person access_time   3 Min Read 22 November 2018

इस महीने में यमुनानगर के प्लाईुड उद्योगों को एक बात का पता चला कि यदि टिम्बर की कीमत 100 रुपये प्रति क्विंटल  बाजार में पारित नहीं हो सकती है, तो उस समय क्या होगा, जब उत्तर प्रदेश में नए लाइसेंस आवंटित किए जाएंगे और वहां 2019 के दौरान 200 नई पीलिंग मशीनें और इकाइयां आ जाएंगी? आखिरकार उत्तर प्रदेश में नए उद्योग उत्तर भारत के सबसे बड़े प्लाइवुड क्लस्टर को लकड़ी आपूर्ति को लेकर परेशानियां खड़ी करेंगे जिससे कच्चे माल की लागत तेजी से बढ़ेगी।

अक्टूबर व इसके पिछले महीने आई मुश्किलों ने वुड पैनल और डेकोरेटिव लैमिनेट-विनियर उद्योग को मानो तोड़ कर रख दिया। सभी प्रमुख कच्चे माल की कीमत तेजी से बढ़ी जिससे नुकसान व भय ने उद्योग की व्यवहारिकता जैसे कई महत्वपूर्ण सवाल खड़े कर दिए। जब आयकर कर, जीएसटी (कम्पोजिट टैक्स के तहत विक्रेताओं से खरीदना) के रूप में चुकाए गए टैक्स और अन्य कम्प्लाइंस की कॉस्ट की वास्तव में गणना की गई तो ’सेल्स और कॉस्ट प्राइस’ के बीच कोई मेल नहीं दिखा। उन लैमिनेट बनाने वाली कंपनियों को सबसे बड़ा झटका लगा, जो 0.6/0.7/0.85/ 0.9 एमएम और सस्ते लाइनर ग्रेड के शीट का उत्पादन कर खुश हो रहे थे। फेनाॅल और डॉलर की कीमतों ने ऐसी कंपनियों को एक दर्दनाक, लेकिन आंखें खोलने का मौका दिया, जो कुछ हद तक भ्रमित गणना और लागत खर्च के साथ आगे बढ़ रहे थे। एचपीएल में कुछ मूल्य वृद्धि के बावजूद, अधिकांश कंपनियां अभी भी आराम महसूस नहीं कर रहीं हैं, क्योंकि वे कहीं न कहीं अंदर तक जानती हैं कि ’उनका व्यावसायिक मॉडल टिकनेवाला नहीं है।’

अक्टूबर में फेनाॅल, फॉर्मलिन और टिम्बर में तेज वृद्धि हुई और पेमेंट कलेक्शन में वैसी ही तेज गिरावट देखी गई। इस महीने में यमुनानगर के प्लाईुड उद्योगों को एक बात का पता चला कि यदि टिम्बर की कीमत 100 रुपये प्रति क्विंटल बाजार में पारित नहीं हो सकती है, तो उस समय क्या होगा, जब उत्तर प्रदेश में नए लाइसेंस आवंटित किए जाएंगे और वहां 2019 के दौरान 200 नई पीलिंग मशीनें और इकाइयां आ जाएंगी? आखिरकार उत्तर प्रदेश में नए उद्योग उत्तर भारत के सबसे बड़े प्लाइवुड क्लस्टर को लकड़ी आपूर्ति को लेकर परेशानियां खड़ी करेंगे जिससे कच्चे माल की लागत तेजी से बढ़ेगी। क्या ऐसे स्थान में आने वाले नए निर्माताओं को विश्लेषण करने की आवश्यकता नहीं है? अंधेरे में रहकर काम करना केवल परेशानी ही खड़ा करेगा।

आजकल चल रही कमजोर मांग और फेनाॅल का संकट निश्चित रूप से एक अवांछित परेशानी है, लेकिन इसने मुनाफे के मौके, फंड की ताकत और डीलर के व्यवहार को फिर से जांचने का अवसर प्रदान किया है। इसने सही मूल्य चुनने का मौका दिया है, एक सही चैनल पार्टनर चुनने की दिशा दिखाई है, मार्केटिंग व टीम बिल्डिंग के लिए तत्काल सही रणनीति तैयार करने की आवश्यकता महसुस कराई है। मेरी राय में, अक्टूबर के संकट ने भविष्य की एक झलक पेश की है जिसमें प्रतिस्पर्धा, नियम-कानून का अनुपालन और लागत खर्च आकलन के लिए सही मौका है। इसने व्यापार में 2020 तक और आगे भी इस तरह के झटके के कारण को सहन करने,
बनाए रखने और आगे बढ़ने या रोकने के लिए एक संकेत प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया है। जो कंपनियां ब्रांड, स्पष्ट शर्तों, सही मूल्य निर्धारण वाली कंपनियां (जिसमें लागत, लाभ, कर और ब्याज शामिल है), साथ ही पेमेंट कलेक्शन पर पूरी सतर्कता व सिस्टम से काम कर रहे थे, वे आज बेहतर स्थिति में हैं। वे जानते हैं, कि उनके पास ठोस आधार है, जो 2019 के बाद भी बेहतर तरीके से बढ़ने के लिए पर्याप्त है।

प्रगत द्धिवेदी

Mail to “dpragat@gmail.com”, (M) 9310612991

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