कई राज्यों के उत्पादकों ने प्लाइवुड की कीमतें 10 फीसदी तक बढ़ाई

person access_time   5 Min Read 20 August 2019

देश भर में प्लाइवुड की कीमतों को बढ़ाने की चर्चा और इसको लेकर बैठकों का दौर पिछले 3-4 महीनों से चला आ रहा है। प्लाइवुड निर्माताओं द्वारा उद्योग में चल रही परेशानी के मूल्यांकन के लिए अलग-अलग राज्यों में ग्रुप मीटिंग्स का आयोजन किया जा रहा हैं। कई बैठकों के बावजूद कोई भी एक सुर में कीमतों को बढ़ाने के लिए एकमत निर्णय पर नहीं पहुंच पा रहा था। लकड़ी की बढती कीमतों के कारण बढ़ रही कठिनाइयों के साथ अब हर राज्य में मौजूद निर्माताओं ने प्लाइवुड उत्पादों की कीमतों में बढ़ोत्तरी की घोषणा कर दी है।

उत्तर भारत में पंजाब, दिल्ली, राजस्थान आदि राज्यों में स्थित प्लाइवुड इंडस्ट्री से संबंधित उद्योग के संगठनों के साथ-साथ केरल के प्लाइवुड मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन भी इसको लेकर आगे आए और कीमत बढ़ाने को लेकर इस मुद्दे पर चर्चा की। इस संबंध में सभी संगठनों ने सभी मैन्यूफैक्चर्स को उद्योग के हित में सावधान रहने और संस्टेनबल कीमतों के साथ कारोबार के संचालन की सलाह दी है।

देश के अलग-अलग प्लाइवुड कलस्टर्स में विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित बैठकों में की गयी चर्चा के बाद प्लाइवुड निर्माताओं ने तत्काल प्रभाव के साथ प्लाइवुड उत्पादों की कीमतों में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। इसी के साथ विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में प्लाइवुड की कीमतों में 10 प्रतिशत तक की मूल्य वृद्धि तत्काल रूप से प्रभावी हो गयी है। इस समय उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक समूची प्लाइवुड इंडस्ट्री कैपिटल क्रंच से बुरी तरह जूझ रही है, पार्टियों के पास उत्पादकों का पेमेंट फंसा हुआ है और कच्चे माल की लागत लगातार बढ़ रही है।

इस इंडस्ट्री और ट्रेड से जुड़े लोग पेमेंट में देरी के लिए मार्केट में लिक्वडिटी उपलब्ध न होने को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि लकड़ी की कीमतों में पिछले तीन माह से लगातार बढ़ोत्तरी हो रही हैं। इस चुनौतीपूर्ण परिदृश्य ने देश भर के प्लाइवुड उत्पादकों को प्लाई समेत फ्लश डोर, ब्लॉक बोर्ड, डोर्स आदि जैसे वुड प्रोडक्ट की कीमतों में वृद्धि करने के लिए मजबूर किया है। विभिन्न राज्यों में मौजूद प्लाइवुड मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन ने विभिन्न अवसरों पर इस इंडस्ट्री में चल रहे अन्य चिंताजनक मुद्दों को लेकर भी संबंधित राज्यों में बैठकें कीं, जिसका मकसद प्लाटेंशन को बढ़ावा देना और ट्रेड के हितों की रक्षा करना है।

पीपीएमए (पंजाब प्लाइवुड मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन) ने प्लाइवुड उद्योग की बढ़ती परेशानियों पर चर्चा के लिए 13 जुलाई, 2019 को अपने पदाधिकारियों की बैठक बुलाई। बाद में यह निर्णय लिया गया कि कच्चे माल की कीमतों में हो रहे इजाफे के विरुद्ध प्लाइवुड की कीमतों में 10 फीसदी की वृद्धि की जाएगी। पीपीएमए के चेयरमैन श्री अशोक कुमार जुनेजा और प्रसिडेंट इंद्रजीत सिंह सोहल के अनुसार प्लाइवुड, बोर्ड, फ्लश डोर आदि के निर्माण के लिए कच्चे माल और अन्य इनपुट कॉस्ट में अत्यधिक वृद्धि हो गई है और उद्योग को भारी नुकसान से बचाने के लिए पंजाब की पूरी इंडस्ट्री ने सभी तरह के फिनिश्ड गुड्स की कीमतों में 10 प्रतिशत की वृद्धि का फैसला किया है।

बैठक के दौरान श्री नरेश तिवारी, चैयरमैन आॅल इंडिया मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन और श्री सुखदेव छाबड़ा, महासचिव (पीपीएमए) ने भुगतान के मुद्दों को उठाया और कहा कि यदि कोई डीलर बकाया भुगतान नहीं करेगा या सप्लाई किये गये माल के भुगतान में अनावश्यक देरी करेगा, तो प्लाइवुड मैन्यूफैक्चरर्स उन्हें किसी भी तरह के मेटेरियल की आपूर्ति बंद कर देंगे और उनका नाम ब्लेक लिस्टेड कर दिया जाएगा। इस बैठक में पंजाब के सभी प्रमुख प्लाइवुड निर्माताओं ने भाग लिया और अपने-अपने विचार व्यक्त किए। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इस मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी एक ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि पिछली सरकार ने पंजाब में प्लाइवुड उद्योग को कृषि आधारित उद्योग घोषित किया था, लेकिन कोई अतिरिक्त लाभ नहीं दिया गया। उन्होंने कृषि आधारित उद्योग का दर्जा देने के प्रोत्साहन के रूप में रियायती बिजली और बैंक ब्याज दरों में कमी की मांग भी की।

दूसरी तरफ, श्री एमएम मुजीब रहमान, अध्यक्ष, एकेपीबीएमए (ऑल केरला प्लाईवुड एंड ब्लॉक बोर्ड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन) ने 11 जुलाई, 2019 को एक पत्र जारी कर अपने सदस्यों से सभी तरह के प्लाइवुड, ब्लॉक बोर्ड और फ्लश डोर्स की कीमत में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने को कहा। इस पत्र में उन्होंने तर्क दिया गया कि कच्चे माल की लागत और लेबर चार्जेज में भारी बढ़ोतरी के कारण उद्यमियों को अपने कारखाने चलाने में मुश्किल हो रही है। राजस्थान प्लाइवुड मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने भी पोपलर, सफेदा, आडू जैसी लकड़ियों और इसके कोर की कीमत में 15 प्रतिशत की वृद्धि होने के कारण तैयार उत्पादों की कीमत में 5 फीसदी की वृद्धि की घोषणा की।

देश की राजधानी दिल्ली के दिल्ली-एनसीआर प्लाइवुड मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन ने 20 जुलाई, 2019 को एक बैठक का आयोजन किया और एक्ज्यूकिटिव कमैटी ने इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा की। बैठक में कहा गया कि पिछले कुछ महीनों से उद्योग में कच्चे माल की कीमतों में भारी वृद्धि और कैश फ्लो में भारी कमी आ गयी है, जिस कारण इंडस्ट्री की वर्किंग कैपीटल पर बुरा प्रभाव पड़ा है, इन कुप्रभावों से उद्योग को बचाना लगभग मुश्किल है। उन्होंने अपने आधिकारिक पत्र में कहा कि उद्योग चलाने और इसके अस्तित्व को बचाये रखने के लिये फिनिश्ड प्रोडक्ट की कीमतों में वृद्धि करना आवश्यक हो गया है। इसलिए एसोसिएशन के सभी सम्मानित सदस्यों की आपसी सहमति से यह निर्णय लिया कि सभी प्लाइवुड उत्पादों की कीमतों में तत्काल प्रभाव से 8 प्रतिशत की वृद्धि की जायेगी और भुगतान की शर्तें भी 30 दिनों से अधिक नहीं होंगी।

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