जितना लम्बा इन्तजार होगा, अस्तित्व का संकट उतना ही गहराएगा!

person access_time   3 Min Read 23 June 2020

वुड पैनल इंडस्ट्री और ट्रेड, कई उत्पाद केटेगरी जैसे प्लाइवुड, लैमिनेट, एमडीएफ, पार्टिकल बोर्ड, टिम्बर और इससे सम्बंधित कई अन्य के साथ बहुत बड़ा सेक्टर हैं, जहां भारत में प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर 1.5 करोड़ से अधिक रोजगार पैदा करता है। इस पूरे वुड/डेकोरेटिव पैनल सेक्टर में थोक व्यापारी, डिस्ट्रीब्यूटर, और रिटेल से जुड़े कई लाख से अधिक व्यापारिक उपक्रम है। इन उद्यमों में से अधिकांश छोटे और मध्यम स्तर के व्यावसायिक प्रतिष्ठान होते हैं, इसलिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद में उनका प्रत्यक्ष योगदान बहुत महत्वपूर्ण नहीं माना जाता है, लेकिन बिल्डिंग मेटेरियल से जुड़े कामकाज और रोजगार सृजन में इसका योगदान काफी महत्वपूर्ण है।

कोविड 19 के इस काल में, पूरी अर्थव्यवस्था, रियल एस्टेट के साथ-साथ वुड पैनल सेक्टर निचले स्तर पर आ गया है। सभी व्यवसायों ने अप्रैल में शून्य गतिविधियां दर्ज की है और कोरोना पूर्व की तुलना में मई में लगभग 20 फीसदी तक ही कामकाज हो पाया है। अब, लगभग हर जगह व्यावसायिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं और जून के बाद इसमें तेजी आने की उम्मीद है। बाजारों के खुलने के साथ कोविड 19 फैलने के मामले और इससे रिकवरी के मामले भी हर दिन बढ़ रहे हैं।


हालांकि देश के प्रमुख महानगरों और बड़े शहरों जैसे मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, अहमदाबाद, इंदौर आदि में सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन हालात बताते है कि इस समय कोरोना का डर अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है। यह स्पष्ट है कि कोरोना के चलते मृत्यु दर लगभग 2 प्रतिशत ही है, जहां रिकवरी रेट 50 फीसदी के आसपास बताई गई है, इसका मतलब है कि वैश्विक औसत की तुलना में भारत में मृत्यु दर बहुत कम है। मतलब घबराहट से बचना है, लेकिन रोकथाम के उपायों को भी अपनाना आवश्यक है। अगर व्यापार में घबराहट बनी रही, तो भारत में 90 प्रतिशत उद्यमियों के व्यवसाय विफल होंगे और यह उनके लिए घातक हो सकता है। प्लाई रिपोर्टर की टीम के फीडबैक, प्लाई रिपोर्टर द्वारा आयोजित वेबिनार की श्रृंखला के दौरान इंटरप्राइज से जुडे लोगों द्वारा प्राप्त सुझावों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि जून के बाद कोई उद्यम (मैन्युफैक्चरिंग और ट्रेडिंग) अपनी क्षमता का 20 प्रतिशत काम करता है, तो उन्हें निश्चित रूप से बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा, और अगर यही स्थिति बरकरार रहती है तो कई उद्यम भविष्य में अपना व्यवसाय बनाए रखने में असमर्थ होंगे।


यदि कोई अपनी क्षमता का 30 से 40 प्रतिशत तक हासिल करता है, तो वह कामयाब हो सकता है, बशर्ते उन्हें अपने व्यवसाय में अधिक पूंजी निवेश करना होगा। यदि कोई उद्यम 50 फीसदी से अधिक और बेहतर पेमेंट रोटेशन के साथ चलने में सक्षम है, साथ ही जून, जुलाई और अगस्त महीनों में उचित कदम उठाते है, तो उसे ही वास्तविक ग्रोथ हासिल करना कह सकते हैं लेकिन उन्हें इस समय अपने मन मस्तिष्क से कोरोना के डर को निकाल फेकना होगा।

इसलिए, सरकार द्वारा सुझाए गए सभी सुरक्षा उपायों का पालन करें, हर एक का, अपने परिवार को और समाज का उचित देखभाल करें, लेकिन घबराएं बिल्कुल नहीं। विशेषज्ञों व् सरकार द्वारा सुझाव दिया गया है कि ‘दृढ मानसिकता के साथ व्यापार करें, और यदि आवश्यकता हो तो धन का निवेश करने में संकोच न करें‘। सरकार ने बैंकों के माध्यम से कई योजनाएं शुरू की हैं ताकि व्यापार में फंड की कमी न हो। एक बार जब व्यवसाय चलना शुरू हो जाएगा, तो लेवर कि दिक्क्तें धीरे-धीरे अपने आप समाप्त हो जाएगी। जितना लम्बा इन्तजार होगा, अस्तित्व का संकट उतना ही गहराता जाएगा।

हमने पूरे देश में ज्यादा से ज्यादा उद्यमों, कंपनियों, मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों, प्लाई-लैम और वुड पैनल की दुकानों और शोरूमों के खुलने की रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद मई 2020 के अंक को प्रिंट और प्रकाशित किया है। हमने यह अंक अपने डेटाबेस को कुरियर, डाक द्वारा भेजने शुरू कर दिए हैं। यह अंक बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रकाशित समाचार व रिपोर्ट वर्तमान बाजार की गतिविधि का आकलन प्रस्तुत करता हैं और आपका अगला कदम उठाने में सहायक साबित होगा। उद्योग के लीडरों के विचार व वुड पैनल उद्योग की अपेक्षाएं और मांग के विचार भी इस अंक में प्रकाशित किये गए हैं।

आप अपनी कॉपी के लिए अवश्य मंगवा लें! सुरक्षित रहें, और अपने व्यवसाय को सुरक्षित बनाएं रखें!

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