एक लंबे ठहराव के बाद, वुड पार्टिकल बोर्ड् सेक्टर को जून के दूसरे पखवाड़े से थोड़ी राहत मिलनी शुरू हुई है। कच्छ और सौराष्ट्र रीजन से मिली जानकारी के अनुसार अधिकांश वुड पार्टिकल बोर्ड बनाने वाली कंपनियों में धीरे-धीरे कामकाज सामान्य हो गई है। मोरबी स्थित रंगोली लैमिनेट्स के श्री कांति पटेल ने कहा कि उनके क्षेत्र की सभी यूनिट्स जून के दूसरे पखवाड़े से प्रतिदिन 12 घंटे चल रही हैं, और जुलाई तक इसमें और सुधार हो जाएंगी, क्योंकि मजदूर जल्द ही वापस आने वाले हैं। उनका कहना है कि उनके पास पर्याप्त आर्डर थे, लेकिन लेवर की कमी के कारण, वे प्लांट नहीं चला पा रहे थे, अब इस क्षेत्र में पार्टिकल बोर्ड सेक्टर में कामकाज सामान्य हो गए हैं, और उन्हें पर्याप्त मात्रा में कच्चे माल के साथ-साथ आर्डर भी मिल रहे है।
इसके विपरीत, गुजरात में बगास पर आधारित यूनिट्स मई में ही उत्पादन शुरू कर दिया था, जिससे उनको काफी फायदा हुआ है। यह भी बताया गया है कि उत्पादकों के पास इस सीजन में बगास का पर्याप्त स्टॉक था, और वे जल्द से जल्द इसका उपयोग करना चाहते थे। लेविस पार्टिकल बोर्ड्स के श्री अमृत पटेल ने कहा कि वह मई से 50 फीसदी क्षमता पर अपना संयंत्र चला रहे हैं और एडवांस पेमेंट के साथ उनके पास पर्याप्त ऑर्डर भी हैं। उन्हें फायदा इसलिए हुआ क्योंकि वुड बेस्ड पार्टिकिल बोड यूनिट्स लेवर की कमी के कारण देर से शुरू हुई।
ज्ञातव्य है कि प्री-लैम पार्टिकल बोर्ड की आमतौर पर हर साल अप्रैल से जून तक अच्छी मांग होती है, लेकिन कोविड के कारण, इसमें बहुत नुकसान हुआ, हालांकि उद्योग को उम्मीद है कि वे जुलाई, अगस्त तक वापस सामान्य स्थित में आ जाएंगे, और धीरे धीरे वृद्धि करेंगे। अलग-अलग कई सरकारी कामों में जैसे अस्थायी आइसोलेशन सेण्टर और अस्पताल बनाने के चलते पार्टिकलबोर्ड की मांग अच्छी रहने के आसार है।