रेजिन की कीमत बढ़ने से डब्ल्यूपीसी/पीवीसी बोर्ड का लागत 10 फीसदी बढ़ा

person access_time   3 Min Read 23 September 2020

पिछले डेढ़ महीने से पीवीसी रेजिन की ऊंची कीमतों के कारण डब्ल्यूपीसी/पीवीसी बोर्ड की कीमतें तत्काल प्रभाव से 10 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। रिपोर्ट्स पुष्टि करते हैं कि डब्ल्यूपीसी/पीवीसी बोर्ड बनाने का मुख्य कच्चा माल, पीवीसी रेजिन, पिछले 4 महीनों में कम से कम 26 रुपये प्रति किलो महंगा हो गया है, जिसने डब्ल्यूपीसी/पीवीसी बोर्ड की इनपुट कॉस्ट को काफी प्रभावित किया है। रिपोर्ट में मई के बाद पीवीसी रेजिन की कीमतों में तेजी का था, जो लगतार बढ़ रहा है। यह 31 अगस्त तक 20 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक हो गया है। पिछले 4 महीनों में पीवीसी रेजिन की कीमतों में लगभग 30 प्रतिशत की उछाल है।

रिलायंस भारत में पीवीसी रेजिन का प्रमुख उत्पादक है, इसके अलावा ताइवान, जापान और अफ्रीका से भी आयात किये जाते हैं। कोविड-19 महामारी के कारण पूरी दुनिया में पीवीसी रेजिन का उत्पादन बाधित हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप रिलायंस को विदेशी बाजार से भी बहुत अच्छे ऑर्डर मिले। पीवीसी रेजिन की कीमत में वृद्धि के लिए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय सप्लाई में रूकावटें मुख्य कारण बताया गया।

कुछ कंपनियों ने खुलासा किया कि घरेलू डब्ल्यूपीसी/पीवीसी बोर्ड के उत्पादक 7 से 10 प्रतिशत तक तत्काल प्रभाव से अपनी कीमतें बढ़ाने के लिए मजबूर है। उत्पादकों का अनुमान है कि मैन्युफैक्चरिंग में दिक्क्तों के कारण पीवीसी रेजिन की कीमत में और वृद्धि होगी, जिससे वे कच्चे माल की लागत पर निर्भर करते हुए कीमतों में वृद्धि कर सकते हैं।

फ्लोरेस्टा डब्ल्यूपीसी बोर्ड के निदेशक श्री विनय अग्रवाल ने प्लाई रिपोर्टर से कहा कि पीवीसी रेजिन की कीमतों में बड़ी उछाल दुर्भाग्यपूर्ण है, इसने तत्काल प्रभाव से कीमतों में वृद्धि करने के लिए मजबूर किया। उन्हें कीमत में 10 फीसदी वृद्धि की उम्मीद है क्योंकि अन्य इनपुट कॉस्ट भी कोविड काल में उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है। फिक्सोबोर्ड्स के निदेशक श्री नरेन ठक्कर का कहना है कि उद्योग कच्चे माल की कीमतों में इतनी बड़ी वृद्धि को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं है, इसलिए हम डब्ल्यूपीसी/पीवीसी बोर्ड की कीमतों में वृद्धि करने के लिए मजबूर हैं। उन्हें लगता है कि पीवीसी रेजिन की कीमतें और बढ़ेंगी, और यह अक्टूबर में स्थिर हो सकता है।

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