रेजीन, टिम्बर जैसे विभिन्न रॉ मेटेरियल और लेवर की बढ़ती कीमतों के चलते पार्टिकल बोर्ड मैन्युफैक्चरर्स ने रेट बढ़ाने का फैसला लिया है। पार्टिकल बोर्ड इंडस्ट्री से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इंडस्ट्री में विभिन्न ब्रांडो ने अपने उत्पाद की गुणवत्ता और बाजार में अपनी पहंुच के अनुसार अलग अलग ब्रांड में 10 फीसदी तक कीमत बढ़ाई है।
इंडस्ट्री के लोगों का कहना है की फॉर्मल्डिहाइड की कीमतें तेजी से बढी है, साथ ही लेवर कॉस्ट भी बढ़ी है जिससे उनका रेजिन मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट काफी बढ़ गया है। इसके आलावा टिम्बर के रेट में भी इजाफा देखने को मिल रहा है, इन कारणों से उनका उत्पादन लागत काफी बढ़ गया है इसलिए वे पार्टिकल बोर्ड की कीमतें बढ़ने को मजबूर हुए हैं। इंस्डस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक बढे हुए रेट तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं और बाजार ने भी इसे स्वीकार कर लिया है।
दरअसल कोविड -19 के अनलॉकड के बाद पार्टिकल बोर्ड की मांग काफी अच्छी देखने को मिल रही है। प्लांट अपनी उत्पादन क्षमता का भरपूर उपयोग करने में सक्षम हैं। आजकल उनके पास काफी आर्डर पेंडिंग हैं, जिससे पार्टिकल बोर्ड इंडस्ट्री को यह बढ़ा हुआ भाव बाजार को पास करने में किसी प्रकार का दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा है। बाजार के सूत्रों का भी कहना हैं कि डिमांड काफी अच्छी हैं इसलिए बढे हुए रेट रिटेलरों ने भी आगे ग्राहकों को पास कर दिए हैं।
उधर इंटरनेशनल माल धुलाई भाड़ा और कंटेनर के रेट बढ़ने की खबर हैं, जिसका असर आयातित पार्टिकल बोर्ड पर पड़ा हैं और इम्पोर्ट कॉस्ट बढ़ने से ये आयातित उत्पाद मंहगे हो गए हैं। यह स्थिति भी घरेलू पार्टिकल बोर्ड उद्योग को अपने उत्पाद की कीमतें बढ़ाने में मददगार साबित हुई है। मोरबी, गांधीधाम, अंकलेश्वर, सूरत, दक्षिण और उत्तर भारत से प्राप्त जानकारी के मुताबिक सभी घरेलू पार्टिकल बोर्ड उत्पादकों ने सफलतापूर्वक बोर्ड की कीमतें बढ़ाई है।
वुड बेस्ड के साथ साथ बगास बोर्ड के उत्पादकों ने भी अपने उत्पादों की कीमतें बढ़ाई है। कोविड के बाद उत्पाद की बढ़ती मांग भी कीमतें बढ़ने में मददगार साबित हुई हैं। बाजार के सूत्रों के मुताबिक कोविड के बाद रेडीमेड फर्नीचर की मांग भी बढ़ी हैं, जिसके चलते फर्नीचर मैंन्यूफैक्चरर्स, ओईएम, कीचन मैन्युफैक्चरर्स के पास आर्डर का इजाफा हुआ है। इन बढ़े आर्डर के चलते भी पार्टिकल बोर्ड की डिमांड अच्छी मानी जा रही हैं। पार्टिकल बोर्ड की कीमतें बढ़ने से बाजार में कई कम्पनियाँ अपनी कैपेसिटी एक्सपेंशन की भी बात कर रही है। आने वाले समय में पार्टिकल बोर्ड मैन्युफैक्चरिंगक्षमता में और विस्तार देख सकते हैं। मशीन सप्लायर्स से प्राप्त जानकारी के मुताबिक केरल, गुजरात और
उत्तर भारत से भी नए प्लांट स्थापित किये जाने और कैपेसिटी एक्सपेंशन की खबरें हैं, इसलिए आने वाले समय में पार्टिकल बोर्ड की उत्पादन क्षमता बढ़ सकती हैं। फिलहाल पार्टिकल बोर्ड की कीमतें बढ़ने से मैन्युफैक्चरर्स को अपने प्रोडक्शन कॉस्ट और मार्जिन संतुलित करने में मदद मिल रही है और वे बाजार की वर्तमान हलचल और बढ़ते डिमांड से काफी खुश हैं।