पिछले दो महीनों से प्लाइवुड की मांग कथित तौर पर कोविड के पहले के स्तर को छू रही है। कई निर्माताओं के लिए यह मांग कोविड के स्तर से कहीं बेहतर है, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि इकोनॉमिकल ग्रेड उत्पादों की मांग प्रीमियम ग्रेड की तुलना में अधिक है। बढ़ती मांग से उत्पादकों की आशाएं बढी है, जो कोविड महामारी शुरू होने के बाद अनिश्चितता के माहौल में थे। बाजार का तर्क है कि मांग टीयर 3 शहरों और ग्रामीण बाजारों से अधिक आ रही है, साथ ही मेट्रो शहरों, टीयर 1 और टीयर 2 शहरों में भी तेज खरीददारी हो रही है, लेकिन वे इकोनॉमिकल ग्रेड खरीद रहे हैं, इनका उद्देश्य बेहतर कमाई के साथ प्रतिस्पर्धा से बचना है।
यह प्रवृत्ति न केवल उत्पादकों के लिए चुनौतीपूर्ण है, बल्कि वितरकों, होलसेलर्स और रिटेलर्स के लिए भी अधिक चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि उन्हें यह समझना चाहिए कि अगर वे अच्छी गुणवत्तापूर्ण प्रीमियम प्लाइवुड उत्पादों को सपोर्ट व प्रोमोट नहीं करते हैं, तो आगे चल कर वे अपना प्राॅफिट मार्जिन खो देंगे। और उनका अपना व्यापार, प्राॅफिट मार्जिन और गुडविल भी कम हो सकता है। एक बार जब उनके दुकान का सस्ता वाला या हलका माल वाला टैग लगेगा, तो भविष्य में उनकी कमाई प्रभावित हो जाएगी, गुडविड, इमेज खत्म हो जाएगा
यमुनानगर, पंजाब, यूपी और केरल स्थित प्लाइवुड निर्माता भी इस बात से सहमत हैं कि प्लाइवुड में 80 प्रतिशत से ज्यादा ऑर्डर 40 रुपये या इससे कम रेंज के उत्पादों की है। अच्छी गुणवत्तापूर्ण फुल कोर - फुल पैनल प्लाइवुड, कैलिब्रेटेड प्लाइवुड और वाटर प्रूफ प्लाई, जो 44 से 50 के बीच हैं, की पर्याप्त उत्पादन क्षमता होने के बावजूद, मांग सस्ते 40 के ब्रैकेट का ही है। सस्ती क्वालिटी की मांग का सीधा मतलब है कि अच्छी क्वालिटी के नाम पर सस्ती प्लाई बेची जा रहे हैं और यह डिमांड फर्नीचर मैन्युफैक्चरर्स के कारण हैं। यह स्थिति अस्थायी रूप से प्लांट का सहयोग कर रही है, लेकिन यही प्रवृत्ति प्लाइवुड उद्योग और व्यापार के भविष्य के लिए अच्छा नहीं होगा, क्योंकि बड़ी मात्रा में किफायती वैकल्पिक उत्पाद मजबूती से उनके पीछे खड़े हैं, और वे अपने बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए अधिक जोरदार तरीके से कमर कसकर तैयार हैं। वे बड़े पैमाने पर अपनी क्षमता विस्तार कर रहे हैं और शीघ्र ही अच्छी सप्लाई के साथ फर्नीचर इंडस्ट्री की सेवा के लिए तत्पर हैं। इसलिए, यह सच है कि प्लाइवुड उद्योग का ग्रोथ और स्थिरता तभी बनी रहेगी, जब वे अपने उच्च गुणवत्तापूर्ण उत्पादों का उत्पादन/बिक्री क्षमता में वृद्धि कर अच्छे मार्जिन और सम्मान के साथ काम करेंगे।
यह प्रवृत्ति न केवल उत्पादकों के लिए चुनौतीपूर्ण है, बल्कि वितरकों, होलसेलर्स और रिटेलर्स के लिए भी अधिक चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि उन्हें यह समझना चाहिए कि अगर वे अच्छी गुणवत्तापूर्ण प्रीमियम प्लाइवुड उत्पादों को सपोर्ट व प्रोमोट नहीं करते हैं, तो आगे चल कर वे अपना प्रॉफिट मार्जिन खो देंगे। और उनका अपना व्यापार, प्रॉफिट मार्जिन और गुडविल भी कम हो सकता है। एक बार जब उनके दुकान का सस्ता वाला या हलका माल वाला टैग लगेगा, तो भविष्य में उनकी कमाई प्रभावित हो जाएगी, गुडविड, इमेज खत्म हो जाएगा और अंततः लोग क्वालिटी डेकोरेटिव सरफेस मेटेरियल के लिए नहीं आंएगे, जहां उनका मार्जिन अच्छा है। सस्ते के लिए जोर लगाना रेडीमेड फर्नीचर और कारपेंटर से बने फर्नीचर की क्वालिटी के बराबर होगा, इसलिए रिटेलर्स को अपना बिजनेस ओईएम के हाथांे खोना पड़ेगा। इसलिए केवल सस्ते दामोंपर दांव लगाने के बजाय गुणवत्तापूर्ण मेटेरियल की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए व्यापार में एक संतुलित दृष्टिकोण होना चाहिए। इसलिए, अपने स्वयं के भविष्य के लिए, आपको अपने व्यवसाय और उत्पाद के साथ न्याय करना चाहिए।
अक्टूबर का यह अंक प्लाइवुड, लेमिनेट, पार्टिकल बोर्ड, टिम्बर, केमिकल, डेकोरेटिव सरफेस मेटेरियल आदि से संबंधित कई न्यूज रिपोर्ट, मार्केट अपडेट और प्रोडक्ट लॉन्च से भरपूर है। ऑस्टिन प्लाइवुड के प्रबंध निदेशक श्री सुरेंद्र कुमार अग्रवाल के साथ ऑस्टिन एंटी-वायरस प्लाइवुड और उनकी भविष्य की योजना पर बातचीत पूरे प्लाइवुड सेक्टर के लिए पढ़ने लायक है। डब्ल्यूपीसी/पीवीसी बोर्ड की बढ़ती कीमतों पर विस्तृत रिपोर्ट और इपिर्ति को पर्यावरण मंत्रालय द्वारा बंद करने के प्रस्ताव पर व्यापक फीचर रिपोर्ट शामिल हैं। इसके अलावा, उद्योग और व्यापार के अनेक हलचल के साथ वर्चुअल लॉन्च और प्लाई रिपोर्टर द्वारा आयोजित रूचिकर चर्चाओं जैसी कई इवंेट पर प्रकाशित लेख काफी दिलचस्प हैं।
प्लाई रिपोर्टर पढ़ें और समय से आगे बढ़ते रहे!
Rajiv Parashar
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