बड़े लेनदेन में होगी सहूलियत, 14 दिसंबर से प्रभावी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बड़े रकम के डिजिटल लेनदेन के लिए अब रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (आरटीजीएस) मनी ट्रांसफर की सुविधा को भी साल भर चैबीसों घंटे देने का फैसल किया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में आयोजित मौद्रिक नीति समिति की बैठक में बदलाव का संकेत दिया था इसके बाद आज इसकी घोषणा की गई है। यह सुविधा 14 दिसंबर से प्रभावी हो जाएगा। आरबीआई ने 1 साल पहले एनईएफटी की सुविधा साल भर चैबीसों घंटे देने का फैसल किया था।
आरटीजीएस प्रणाली मुख्य रूप से उच्च मूल्य के लेनदेन के लिए उपयोग किया जाता है। इसके माध्यम से भेजी जाने वाली न्यूनतम राशि 2 लाख है जिसमें कोई अधिकतम सीमा नहीं है। इस हस्तांतरण में, लाभार्थी बैंक से लेनदेन करने पर तुरंत धनराशि हस्तांतरित करने का निर्देश प्राप्त होता है, और हस्तांतरण तात्कालिक होता है। जुलाई 2019 से, RBI ने देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से RTGS और NEFT के माध्यम से लेनदेन पर शुल्क लगाना बंद कर दिया।
आरबीआई ने कहा ‘‘आरटीजीएस एक विश्वसनीय आईएसओ 20022 सर्टिफाइड वित्तीय लेनदेन व्यवस्था है। आरटीजीएस की चैबीस घंटे की उपलब्धता से व्यवसायों को काफी सहूलियत मिलेगी। भारतीय वित्तीय बाजार और सीमा पार से पेमेंट ट्रांसक्शन में भी इससे फायदा होगा।‘‘