समय की जरूरत है, कैलिब्रेटेड प्लाइवुड

person access_time   3 Min Read 31 December 2020

कोविड ने लोगों के रहन सहन का तरीका बदल दिया है। लोग तेजी से फर्नीचर आइटम और अन्य वैसे उत्पाद की मांग करने लगे हैं जो पहले से तैयार, आकर्षक, पोर्टेबल और टिकाऊ हो, इसलिए रेडीमेड शटर, कारकेश, वार्डरोब और अन्य घरेलू फर्नीचर की मांग काफी बढ़ गई है। यही कारण है कि आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कैलिब्रेटेड प्लाइवुड की अधिक जरूरत है, लेकिन गुणवत्तापूर्ण सप्लाई की कमी एक बड़ी बाधा है। पहले चीन, वियतनाम आदि से आयात होते थे, लेकिन अब यह एक चुनौती है।

वर्तमान में भारत में बने कैलिब्रेटेड प्लाइवुड, कुछ ब्रांडों को छोड़कर, सटीक कैलिब्रेटेड प्लाई नहीं दे पाते हैं। माल ढुलाई भाड़ा में वृद्धि और सप्लाई में देरी के कारण आयात 30 फीसदी महंगा हो गया है। पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय प्लाइवुड फैक्ट्रियों ने मैट प्लाई बनाने के लिए नए इन्फ्रास्ट्रक्चर और मशीनंे इनस्टॉल कर कैलिब्रेटेड प्लाइवुड बनाना शुरू किया है, लेकिन भारत में ज्यादा से ज्यादा ऐसे 30 यूनिट्स हो होंगे। जबकि हमारे अनुमान के मुताबिक कम से कम 100 इकाइयों से उत्पादन की जरूरत है। आने वाले ट्रेंड के अनुसार कैलिब्रेटेड प्लाइवुड की भारी आवश्यकता है, और यह आगे भी जारी रहेगी।

हालाँकि, प्लाइवुड इंडस्ट्रीज, कैलिब्रेटेड प्लाइवुड के लिए सही कीमत नहीं देने के लिए खरीदारों को दोषी ठहराती है क्योंकि कैलिब्रेटेड प्लाई बनाने में उनकी इनपुट कॉस्ट 5 फीसदी बढ़ जाती हंै, इसलिए कहीं न कहीं उन्हें इस तरह की प्लाई बनाने में निवेश करने के लिए हतोत्साहित करता है। हमें उम्मीद है कि बाजार प्लाइवुड निर्माताओं की बात पर गौर करेगा और उनके साथ संतुलन बनाएगा। आयातित कैलिब्रेटेड प्लाइवुड बाजार के एक बड़े हिस्से के अलावा, बाजार में चारों ओर से फ्रेश डिमांड भी बढ़ी हैं। अगर सप्लाई में सुधार होता है, तो यह और बढ़ेगा क्योंकि यह सेगमेंट अभी भी एमडीएफ, पार्टिकल बोर्ड्स, पीवीसी बोर्ड आदि जैसे अन्य विकल्पों में शिफ्ट नहीं हुआ है क्योंकि प्लाइवुड में मजबूती, टिकाउपन और स्थायित्व के साथ मैकेनिकल प्रॉपर्टी की अनोखी विशेषताएं होतीं हैं, और ये विश्वसनीय भी है।

इस अंक के प्लाई रिपोर्टर में कई न्यूज रिपोर्ट के साथ साथ विभिन्न उत्पादों जैसे प्लाईवुड, लेमिनेट, पीवीसी लेमिनेट और बोर्ड, पीवीसी एजबैंड टेप आदि पर नई जानकारियां प्रकाशित की गई है। कच्चे माल की बढ़ती लागत के साथ भी एमडीएफ, पार्टिकल बोर्ड, डोर, एसीपी जैसे कटेगरी में कोई खास दिक्कत नहीं हैं। असम स्थित गटानी इंडस्ट्रीज के एमडी श्री माखन गटानी और बैंगलोर स्थित राधेश्याम लेमिनेट्स के पार्टनर श्री अमित पोद्दार साथ बातचीत, संबंधित क्षेत्रों में सफलता की कहानी पढ़ने लायक है। एज बैंड टेप पर कवर स्टोरी, बी ग्रेड क्राफ्ट पेपर की कीमत में भारी बढ़ोतरी पर फीचर, मार्केट अपडेट, प्रोडक्ट लॉन्च और अन्य इवेंट पढ़ने में काफी दिलचस्प हैं।

दर्द भरा 2020 को अलविदा और हर्षित 2021को स्वागत!

Rajiv Parashar

(I appreciate your feedback. Write at plydata@gmail.com or SMS on 93106 12993)

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