पतले एमडीएफ के आयात पर एंटी डंपिंग ड्यूटी से घरेलू उत्पादकों को राहत

person access_time   3 Min Read 05 May 2021

पतले एमडीएफ यानी 6 एमएम से नीचे के थिकनेस वाले एमडीएफ फाइबर बोर्ड के 5 देशों से होने वाले आयात पर भारत सरकार के हालिया एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने के फैसले से घरेलू उत्पादकों में खुशी की लहर है।

उत्पादकों का कहना है कि घरेलू उद्योग के हित को ध्यान मेें रखते हुए, यह निर्णय काफी जरूरी था, और इससे उन्हें काफी राहत मिलेगी। दरअसल भारत में अभी आधा दर्जन कंपनियों में पतला एमडीएफ का उत्पादन होता है, जो भारी मात्रा में घरेलू जरूरतों को पूरा करता है।

घरेलू उद्योग का कहना है कि उनके पास पतले एमडीएफ की भारत की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रचुर मात्रा में उत्पादन क्षमता है, और कई नई घरेलू कंपनियां भी इस सेक्टर में आ रही हैं, वहीं मौजूदा कंपनियां भी अपनी उत्पादन क्षमता में विस्तार कर रही हैं।

दरअसल वाणिज्य मंत्रालय ने इंडोनेशिया, श्रीलंका, वियतनाम, मलेशिया और थाइलैंड से आयातित पतले एमडीएफ पर पांच साल के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने की सिफारिश की है। इस बारे में जारी अधिसूचना में कहा गया है कि सब्सिडी युक्त आयात से घरेलू कंपनियों के हितों पर बुरा असर पड़ रहा है। उनके हितों की रक्षा के लिए यह कदम उठाया गया है।

ग्रीनप्लाई इंडस्ट्रीज लि., ग्रीनपैनल इंडस्ट्रीज लि., सेंचुरी प्लाईबोर्ड (इंडिया) लि. और रूशील डेकोर लि. द्वारा सस्ते आयात पर शुल्क लगाने के लिये दिये आवेदन पर करवाई करते हुए मंत्रालय ने यह निर्णय लिया।   

डीजीटीआर ने अधिसूचना में कहा कि सब्सिडी मार्जिन और घरेलू कंपनियों को हो रहे नुकसान के बराबर ड्यूटी लगाने की सिफारिश की गई है। डीजीटीआर ने अपनी जांच में पाया कि इन देशों से होने वाले सस्ते आयात से घरेलू उद्योग को नुकसान हुआ है और आयात काफी बढ़ा है।

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