एग्रीकल्चर यूरिया के इस्तेमाल को लेकर सख्ती, हरियाणा, तेलंगाना, गुजरात समेत अन्य राज्यों में फर्टिलाइजर टीम की रेड - यमुनानगर की प्लाइवुड इंडस्ट्री में अफरा-तफरी, सड़क‍ पर उतरे मालिक व श्रमिक

person access_time   3 Min Read 20 May 2022

सेंट्रल फर्टिलाइजर मिनिस्ट्री ने एग्रीकल्चर यूरिया का प्लाइवुड व लेमिनेट उद्योग में इस्तेमाल को लेकर सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है। इसी तहत सरकार ने देश व्यापी जांच शुरू की है, और एक कमेटी का गठन किया है, जो सभी राज्यों के प्लाइवुड व लेमिनेट उद्योग में छानबीन करेगी, अगर किसी की फैक्टरी में बिना बिल का यूरिया पकड़ा जाता है, तो उन पर कारवाई करेगी। सेंट्रल फर्टिलाइजर टीम का कहना है कि उद्योग को सिर्फ टेक्नीकल यूरिया का ही इस्तेमाल करना है।

इसी के तहत सेंट्रल मिनिस्ट्री आफ फर्टिलाइजर की टीम ने यमुनानगर में कई प्लाइवुड फैक्ट्रियों में 19 व 20 मई को अचानक ताबड़तोड रेड करनी शुरू कर दी। सूचना के मुताबिक, हैदराबाद समेत कई अन्यों राज्यों में भी प्लाइवुड व लेमिनेट उद्योग पर छानबीन चल रही है।  

अचानक हुई कारवाई से पूरे यमुनानगर व जगाधरी की प्लाइवुड उद्योग में अफरा तफरी का माहौल बन गया। प्लाइवुड उद्यमियों ने बताया कि ये टीम केंद्र से आई है, और हर फैक्टरी में यूरिया की चेकिंग कर रही है, साथ ही पिछले 3 साल में यूरिया के खरीद का बिल मांग रही है।   

केंद्र सरकार की फर्टिलाइजर की टीमों की रेड के विरोध में शहर के कई प्लाइवुड इकाईयां बंद कर दी गई, और फैक्टरी मालिक व श्रमिक सड़कों पर आ गए, कई जगहों  पर श्रमिकों ने जाम लगा दिया।

व्यापारियों का कहना है कि पहले ही व्यापार मंदी के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में बिना सूचना के सरकार के इस कारवाई से उद्योग पर बुरा असर पड़ रहा है। काम बंद हो रहा है। इस तरह से वह व्यापार नहीं कर सकेंगे। इंडस्ट्री पहले से ही परेशानी की स्थिति में है जिसकी वजह से कई यूनिटें बंद पड़ी है क्योंकि टिम्बर की शार्टेज है और बाजार में डिमांड कम है।

20 मई को एआईपीएमए और एचपीएमए के पदाधिकारियों व सदस्यों ने श्री दवेन्दर चावला व श्री जे के बिहानी के नेतृत्व में लघु सचिवालय जाकर स्थानीय प्रशाशन से बात की और उन्हें अपनी समस्यों से अवगत करवाया। उद्योग का कहना है कि जब तक इसका कोई ठोस समाधान नहीं होता, हम आगे इंडस्ट्री को नहीं चलाएंगे।

इंडस्ट्री से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अगर सख्ती से एग्रीकल्चर यूरिया पर रोक लग जाएगी, तो रेजीन की कीमतें बढ़ेगी, जिससे प्लाइवुड व लेमिनेट महंगे हो़ सकते हैं। 

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