कोविड काल में वुड पैनल इंडस्ट्री और ट्रेड के पक्ष में एक अच्छी चीज हुई है, यह है पेमेंट देने के चलन में बदलाव और पेमेंट की प्राथमिकता। अब हर कंपनी पेमेंट को लेकर बहुत स्पस्ट है, चाहे वह कोई मैन्युफैक्चरर हो या कच्चे माल का सप्लायर, या यहां तक कि एक थोक बिक्रेता। 90 दिनों की औसत क्रेडिट पीरियड, जो 2019 तक स्टैण्डर्ड माना जाता था, 2021 में घटकर 30 दिनों तक होने लगी है और इसके लिए बाजार में लगातार दबाव भी है। लंबा क्रेडिट अब उपलब्ध भी नहीं है। कच्चे माल के मामले में यह समय अधिकतम 15 दिन तक ही है। यदि निर्माता बेहतर रहना चाहते है, तो कच्चे माल जैसे लकड़ी, वुड, फॉर्मल्डिहाइड, मेलामाइन इत्यादि, इन उद्योगों के लिए नकद खरीद ही उत्तम हैं। क्राफ्ट पेपर, फेस विनियर, डिजाइन पेपर या कोई और आइटम, केवल अच्छीपार्टियों के लिए 30 दिनों की ही क्रेडिट उपलब्ध है। हालांकि यह चलन वैसे उद्योगों के लिए परेशानी साबित हो रहा है, जो मामूली वर्किंग कैपिटल के साथ काम कर रहे हैं।
वुड पैनल इंडस्ट्री के लिए वर्किंग कैपिटल की जरूरत 2 गुनी बढ़ गई है। डेकोरेटिव लेमिनेट और पीवीसी लेमिनेट निर्माताओं को, इसकी जरूरत अब 3 गुनी है, क्योंकि इनके कई रॉ मेटेरियल आयात किए जाते हैं, और उन्हें बिक्री के लिए विभिन्न भारतीय शहरों में पहुंचने में ट्रांजिट टाइम ज्यादा होती है। पूरी डेकोरेटिव सरफेस इंडस्ट्री, कोविड के बाद ट्रेड प्रैक्टिसेज के इस बदलाव को तेजी से अपना रहा है, और अपने ग्राहकों को भी अपनाने पर मजबूर कर रहा है।
ट्रेड और रिटेल सेक्टर में, यह बदलाव 2020 में ही दिखने लगा था जब कोविड की शुरुआत हुई थी। रिटेलर चतुराई से इसे अपने ग्राहकों पर लागू करने में कामयाब रहे, क्योंकि शुरू से ही वे कैश एंड कैरी पर माल बेचते रहे। समझदार थोक विक्रेताओं ने भी यह तरीका कोविड 1.0 के बाद अपनाने की कोशिश की और कुछ बड़े व्यापारी इस नए मानदंड के साथ स्थापित हो गए। लेकिन, कई व्यापारी ऐसे थे, जिन्होंने सोचा कि यह अस्थायी होगा! उन्हें अब बदलाव का एहसास हो रहा है। कई थोक विक्रेता पूर्व-निर्धारित क्रेडिट लिमिट के बाद दुकानों को मेटेरियल की सप्लाई नहीं कर रहे हैं। हमारे व्यापार में पेमेंट साइकल स्वचालित रूप से एक बेहतर और संगठित कार्य प्रणाली की ओर बढ़ रहा है।
पूरे पेमेंट साइकल में अचानक 90 दिनों से नकद खरीद पर आने के लिए हुए बदलाव निश्चित रूप से बाजार में धन संकट पैदा कर दिया है। पेमेंट के इस सख्त अनुशासन के अपनाने के बाद कमजोर प्लेयर्स खेल से बाहर होते जा रहे है। पेमेंट के लिए बढ़ता दवाव वुड पैनल सेक्टर में कंसॉलिडेशन की गति तेज कर दी है।
मुझे लगता है कि 2023-24 या उससे पहले ही, वुड पैनल और डेकोरेटिव इंडस्ट्री में सख्त वित्तीय अनुशासन वाले बड़े प्लेयर बेहतर करेंगे, जो अधिकतम 30 दिनों के पेमेंट क्रेडिट के साथ ऑर्गनाइज बिजनेस को ही सपोर्ट करेंगे, क्योंकि, दुर्भाग्य से आलसी और लापरवाह लोग इसे गलत साबित करने के लिए सर्वाइव ही नहीं कर पाएंगे। यदि वे करेंगे भी, तो उन्हें कीमतों और मार्जिन पर मजबूत पकड़ बनानी होगी और गुड पे मास्टर होने के लिए कुशल बनना होगा। यही बात स्टॉकिस्टों पर भी लागू होती है। अगर वे सीडी पर खरीदारी नहीं कर रहे हैं, तो उन्हें अपने फोलियो में अच्छे ब्रांड रखने के लिए और ज्यादा वर्किंग कैपिटल लगानी होगी, क्योंकि, यदि आप प्रतिस्पर्धी हैं; तो बड़ा बनने के लिए आपको नकद खरीददारी करनी होगी।
नवरात्रि की शुभकामनाएं ।