भारत में आ रही है कई और रिकॉन फेस विनियर की इकाइया

person access_time3 13 November 2021

ऊंची कीमतों और फेस विनियर की असमान्य आपूर्ति और अनिश्चितता के चलते घरेलू सप्लाई बढ़ाने की जरूरत महसूस हो रही है। परिस्थितियां भारतीय प्लाइवुड उत्पादकों को अन्य विकल्प तलाशने को मजबूर कर रही है। इसको देखते हुए उत्तर भारत के कई प्लाईवुड बनाने वाली इकाइयां एक विकल्प के रूप में रिकॉन फेस विनियर में संभावनाए तलाश कर रही हैं। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश मेंरिकॉन फेस विनियर मैन्युफैक्चरिंग के 4 नई इकाइयां चालू होने की प्रक्रिया में हैं, जो इस साल के अंत तक अपना व्यावसायिकm उत्पादन शुरू कर देगी।

प्लाई रिपोर्टर को उद्योग के अन्य लोगों से मिली जानकारी के अनुसार कई और बहुत जल्द ही रिकॉन फेस विनियर के उत्पादन में उतरने की योजना बना रहे हैं। प्लाई रिपोर्टर को इंडस्ट्री एक्सपर्ट से लगातार खबर मिल रही है कि भारत में रिकॉन फेस विनियर उत्पादन के नए प्लयेर्स जल्द ही उतर रहे हैं। इनमें से सभी नॉर्थ इंडियन में आएँगे।

प्लाई रिपोर्टर का रेगुलर सुर्वे बताते हैं कि कई प्लाईवुड ब्रांड भी ओईएम, खासकर किचेन और फर्निचर मेकर्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए रिकॉन फेस विनियर के उत्पादन में उतर रहेहैं। यूजर्स का कहना है रिकॉन फेस प्लाई इम्पोर्टेड बर्च प्लाई के जैसा दिखता है और यह उनके लिए सबसे जयादा उपयुक्त है, जब यह जेन्युन्ली कैलिब्रेटेड हो। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि कैलिब्रेटेड प्लाई की डिमांड और बढ़ती है तो यह प्लाईवुड बनाने के लिए रिकॉन फेस विनियर की मांग में इजाफा करेगी।

ज्ञातव्य है कि 6 मैन्युफैक्चरिंग इकाई हैं, जो भारत के कुल फेस विनियर की खपत का लगभग 10 प्रतिशत योगदान देते है। फिल्म फेस्ड प्लाइवुड की मैन्युफैक्चरिंग रिकॉन फेस विनियर में स्थानांतरित हो गई है, अब डेकोरेटिव प्लाइवुड निर्माताओं ने हाल ही में अपने बेस प्लाइवुड उत्पादन के लिए रिकॉन फेस विनियर का उपयोग करना शुरू किया है क्योंकि 2.5 मिमी से 3 मिमी के आयातित बेस प्लाइवुड की कीमत पिछले एक साल में 40 से 50 प्रतिशत बढ़ गई है।

रिकॉन फेस विनियर के निर्माता प्लाई रिपोर्टर संवाददाता से कहते हैं कि चीन उनका प्रमुख प्रतिद्वंदी है लेकिन बढ़ते माल भाड़ा और लॉजिस्टिक की परेशानी ने उन्हें बेहतर अवसर प्रदान किया है। उद्योग का कहना है कि भविष्य में रिकॉन फेस विनियर की इकाइयां बढ़ सकती हैं क्योंकि आयातित फेस विनियर जैसे गर्जन, केरुइंग, ओकूमे आदि की सप्लाई असामान्य है।

You may also like to read

shareShare article
×
×