डोर्स बिजनेस का भविष्य बेहतर, अगर....

Wednesday, 17 May 2023

इंडियन डोर इंडस्ट्री मुख्यतः फ्रेग्मेंटेड, अनऑर्गनाइज्ड, और स्टैंडर्डाइजेशन की काफी कमी है। यहां डोर बनाने के लिए अनेक तरह के कच्चे माल हैं, जैसे टिम्बर, बोर्ड, एमडीएफ, डब्ल्यूपीसी/पीवीसी, यूपीवीसी, स्टील, एल्यूमीनियम, ग्लास, इत्यादि लेकिन इनमें टिम्बर या बोर्ड और ग्लास काफी काॅमन है।

भारत में रेसिडेंसियल हाउसिंग बूम के साथए डोर की मांग भी आसाधारण तरीके से बढ़ेगी लेकिन अधिकांश मैन्युफैक्चरिंग यूनिट रीजनल हैं जिनकी उत्पादन क्षमता सीमित है। इसलिए भारत में अभी भी एक बुनियादी ढांचा तैयार करने की जरूरत हैए जहां एक कंपनी हर महीने 2.5 लाख वर्ग फुट से ज्यादा के डोर का उत्पादन कर सकेए जैसा कि प्लाइवुडए पार्टिकल बोर्ड और एमडीएफ मैन्युफैक्चरर करते है। कुछ प्रमुख ब्रांडों ने इस दिशा में योजना बनाई हैए लेकिन इसके परिणाम अभी देखना बाकी है।

इंफ्रास्ट्रक्चर की चुनौतियों के साथ-साथ टिम्बर की कमी के कारण, फ्लश डोर उत्पादकों को उत्पादन क्षमता बढ़ाने में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है और वे प्रतिदिन मुश्किल से 200 से 500 डोर का ही उत्पादन कर सकते हैं। फ्लश डोर भारत में सबसे आम प्रचलन मे है और भरोसेमंद डोर माना जाता हैं, जिन पर हम सभी डिजाइन इनोवेशन जैसे लेमिनेट, विनियर, मेम्ब्रेन, कोटिंग आदि का उपयोग कर सकते हैं।

फ्लश डोर मजबूत, टिकाऊ, बीआईएस प्रमाणित हैं, फायर रिटरडेंट भी होगा और इंस्टालेशन में भी आसान है। इसके यांत्रिक और भौतिक गुण भारतीय परिस्थितियों के लिए उपयुक्त हैं, और यह एक आजमाया हुआ उत्पाद है। लेकिन, यह केटेगरी फ्रेग्मेंटेड होने के साथ यूजर एजुकेशन को लेकर भी गंभीर नहीं हैं। यदि वे एक अभियान चलाकर इसके उपयोग के फायदे पर प्रकाश डाले तो इस डोर सेगमेंट में बाजार पर हावी होने की क्षमता है।

डोर सेगमेंट के लिए सरफेस और इसकी सुंदरता एक और महत्वपूर्ण पहलू है, क्योंकि सुंदर इंटीरियर्स के बढ़ते आकर्षण के कारण, इस इंडस्ट्री के पास इस सेगमेंट में एक जगह बनाने के अच्छा मौका हैं। डोर साॅल्यूशन के साथ सर्विस भी काफी महत्वपूर्ण हैं, जिसपर काफी ध्यान देने की जरूरत है। डोर का साइज भी एक बड़ी चुनौती है, जिसे डोर मैन्युफैक्चरर इसका स्टैंडर्डाइजेशन कर इंडस्ट्री को एक नई दिशा देकर संगठित कर सकते हैं। भारत में हाउसिंग की डिमांड को देखते हुए डोर मैन्युफैक्चरिंग भविष्य में सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाला सेक्टर होगा।

इस अंक में प्लाइवुड, एमडीएफ, लेमिनेट, डोर, टिम्बर, डब्ल्यूपीसी, हार्डवेयर, फर्नीचर आदि पर बहुत सारी खबरें हैं जो विशेष रूप से प्लाई रिपोर्टर के पाठकों के लिए उपलब्ध हैं। न्यूज रिपोर्ट बाजार अनुसंधान, सर्वे, डेटा विश्लेषण और तथ्यों पर आधारित हैं, जिन्हें वुड पैनल सेक्टर में प्लाई रिपोर्टर टीम द्वारा लगातार पेश किया जाता है।

लेमिनेट शोरूम के नए आइडिया पर श्री राज पटेल, निदेशक, रॉयल टच; श्री अजय खुराना, एमडी, फाॅरमाइका इंडिया के साथ बातचीत ट्रेड और इंडस्ट्री के लिए काफी जानकारियों से भरा है। एकाॅस्टे डब्ल्यूपीसी के निदेशक श्री अंकुर होरा ने इटालियन टेक्नोलॉजी पर अपनी डब्ल्यूपीसी सीरीज के विस्तार की घोषणा की है। वुड और डेकोरेटिव पैनल सेक्टर में कई घटनाओं के अलावा ग्रीनप्लाई, एक्शन टेसा, डेक्सार्ट आदि द्वारा लॉन्च किए गए उत्पाद भी कवर किया गया है।

सभी के लिए वित्त वर्ष 2024 समृद्धि केलर आए। आइए, इंटरजुम, जर्मनी में प्लाई रिपोर्टर के बूथ पर मिलते हैं। मेटेशिया 23, नई दिल्ली में अनपे उत्पाद के डिस्पले के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं।

Rajiv Parashar

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