उत्तर प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र को पीछे छोड़ते हुए, बगास आधारित पार्टिकल बोर्ड की सबसे अधिक उत्पादन क्षमता वाला राज्य बनने जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में बगास आधारित पार्टिकल बोर्ड की चार नई विनिर्माण लाइनें स्थापित की जा रही हैं, जिनका उत्पादन वित्त वर्ष 2026 की अंतिम तिमाही में शुरू हो जाएगा। सीतापुर क्षेत्र बगास आधारित इकाइयों का केंद्र बनकर उभरा है, जिसके बाद मुजफ्फरनगर का स्थान है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सीतापुर क्षेत्र में दो नई इकाइयाँ चालू हो रही हैं, जिनकी कुल क्षमता 600 घन मीटर प्रतिदिन होगी और वे अगले सत्र में अपना उत्पादन शुरू कर देंगी। यमुनानगर स्थित ट्रेनॉक्स समूह शाहजहाँपुर क्षेत्र में 300 घन मीटर प्रतिदिन क्षमता का एक संयंत्र स्थापित कर रहा है, जिसके इस वर्ष के अंत में शुरू होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर क्षेत्र में एक छोटी इकाई स्थापित होने की सूचना है।
रिपोर्ट के अनुसार, नई उत्पादन इकाइयों के जुड़ने से उत्तर प्रदेश में बगास आधारित पार्टिकल बोर्ड की क्षमता लगभग 4000 घन मीटर प्रतिदिन हो जाएगी, जो भारत के बगास आधारित पार्टिकल बोर्ड की कुल क्षमता का लगभग 45 प्रतिषत होगा। सबसे अधिक बगास आधारित पार्टिकल बोर्ड क्षमता वाली कंपनी एसआरबी बोर्ड्स के निदेशक श्री मयंक खंडेलवाल का कहना है कि नई इकाइयों के जुड़ने से उद्योग के लिए कच्चे माल की खरीद पर दबाव बनेगा। वे बगास आधारित पार्टिकल बोर्ड पर 5 फीसदी जीएसटी लगाने के सरकार के कदम की सराहना करते हैं और कहते हैं कि इससे भविष्य में इस क्षेत्र को बढ़ने में मदद मिलेगी।
लेविस पार्टिकल बोर्ड्स, गुजरात के श्री अमृत पटेल का कहना है कि बगास आधारित पार्टिकल बोर्ड क्षेत्र दीपावली के बाद फसल सीजन शुरू होने के साथ बगास की नई खेप के आने का इंतजार कर रहा है और उद्योग को इस बार फसल की अच्छी आवक की उम्मीद है।
[Published in Ply Reporter's October 2025 Print Issue]