टिम्बर ट्रेडर्स की कड़ी शर्तों से प्लाइवुड निर्माताओं में हलचल, पेमेंट की षर्तें होंगी सख्त

person access_time4 24 May 2019

यमुनानगर जिले में जगाधरी प्लाइवुड मैन्युफैक्चरिंग हब को जगाधरी टिम्बर अढाती एसोसिएशन द्वारा जारी एक दिशानिर्देश के बाद बड़ा झटका लगा है। टिम्बर व्यापारी के माध्यम से सादे कागज पर बिना किसी
आधिकारिक हस्ताक्षर के लिखित शर्तें यमुनानगर में वितरित किया गया था जिसमें भुगतान की कड़ी शर्तों का उल्लेख किया गया था। उल्लेख की गई बातें इस प्रकार हैंः

1ं) भुगतान उसी दिन 3 फीसदी सरचार्ज के साथ किया जाना चाहिए

2) पिछले एक महीने का भुगतान एक सप्ताह के भीतर होना चाहिए,

3) ट्रॉलियाँ केवल उन्हीं इकाइयों को डिलीवर करेंगी जिनके नाम चालान जारी की गई हैं,

4) यदि तौल में कोई त्रुटि मिलती है, तो ऐसी इकाइयों पर जुर्माना लगाई जाएगी

5) किराए पर चल रहे इकाइयों को ब्लैंक चेक देनी होगी।

इस पत्र में उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि, वैसे निर्माता, जो इन शर्तों को स्वीकार नहीं करते, वे खरीददरी के लिए टिम्बर मंडी परिसर में प्रवेश नहीं करेंगे। यमुनानगर और जगाधरी के प्लाइवुड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर में चर्चा है कि आढ़ती ग्रुप बनाकर कारखानों में आकर, तुरंत पेमेंट के लिए दबाव बनाते हैं और आगे से उन्हें लकड़ी की सप्लाई बंद करने की धमकी देते हैं। हालांकि यह खबर लिखे जाने तक इस तरह की रिपोर्ट बहुत कम लोगों नें ही बताई, लेकिन निश्चित रूप से इस बार पहले से कहीं अधिक दबाव बनाया गया है।

एक अनुमान के अनुसार जगाधरी स्थित प्लाइवुड मिलें हर दिन हजारों ट्राली लकड़ी का उपयोग करती हैं। 2018 के पहले तक, चीजें सुचारू रूप से चल रही थी, लेकिन जीएसटी लागू होने और बाजार में मंदी के बाद, कारखानों को बंद करने या उत्पादन स्थगित करने जैसे हालत का सामना करना पड़ रहा है। साझेदारियां टूट रही है, कंपनियां भारी कर्ज के साथ बंद हो रही हैं क्योंकि लकड़ी की कीमतें बढ़ने लगी हैं और बाजार में पेमेंट बहुत स्लो है। टिम्बर ट्रॉली के आने की दर कम है और पेमेंट के लिए दबाव बनाया जा रहा है, इसलिए टिम्बर मर्चेंट एसोसिएशन की भूमिका बढ़ गई है।

You may also like to read

shareShare article
×
×