लकड़ी की बढ़ती कीमतों के बीच इम्पोर्टेड लॉग और कोर की तलाश जारी

person access_time   2 Min Read 06 September 2019

पोपलर की कीमतें 1000 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच चुकी है, जिससे प्लाइवुड, पार्टिकल बोर्ड और एमडीएफ उत्पादकों की कीमतों पर इसका प्रभाव देखा जा रहा हैं। लेकिन इससे प्लाइवुड उद्योग सबसे अधिक प्रभावित हो रहा हैं, क्योंकि कोर विनियर काफी हद तक 16 इंच से अधिक गोलाई वाले लॉग या बेहतर लॉग स्टेम से प्राप्त होते हैं। बेहतर आकार और अच्छी गुणवत्ता वाले लॉग की कीमतें तेजी से बढ़ी है, जो प्लाइवुड मैन्यूफैक्चरर्स को उचित बिक्री मूल्य पर उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। इसलिए उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के प्लाइवुड उत्पादकों का एक हिस्सा यूकेलिप्टस कोर विनियर के इस्तेमाल की तरफ शिफ्ट हो गये हैं, लेकिन यूकेलिप्ट्स की बढ़ती मांग इसकी कीमतों को निरंतर उपर बढ़ा रही है। यूकेलिप्टस की बढ़ती मांग से कोर विनियर के मूल्य में और अधिक वृद्धि होगी, इसलिए प्लाइवुड उत्पादकों के एक समूह ने अपनी कोर विनियर की आवश्यकताओं के लिए वैकल्पिक विकल्पों की खोज शुरू कर दी है।

प्लाइवुड उत्पादकों ने अब वियतनाम के यूकेलिप्टस कोर विनियर की लागत का आकलन करना शुरू कर दिया है, जिसकी कीमत उत्तर प्रदेश से कोर लाने की लागत के करीब है। वियतनाम के टिम्बर इंडस्ट्री के ट्रेडर्स ने यहां के प्लाइवुड उत्पादकों द्वारा इस संबंध में पूछताछ की पुष्टि भी की हैं, जिससे उन्हें लगता है कि एक या दो महीने में बाजार में इसकी मांग फिर से शुरू हो जायेगी और विनियर इंपोर्ट का समय शुरू हो जायेगा। वियतनाम में इससे संबंधित कारोबार करने वाले एक व्यापारी ने कहा कि मौजूदा दरें, भुगतान की शर्तें और शिपमेंट अवधि अभी भी भारतीय प्लाइवुड निर्माताओं के पक्ष नहीं है, लेकिन जल्द ही यह उनकी अर्थव्यस्था में शामिल हो सकता है।

इसके अलावा पोर्ट क्षेत्रों में स्थित प्लाइवुड उत्पादक बेल्जियम, जर्मनी और यूरोप के अन्य हिस्सों से पोपलर लॉग आयात करने के अवसरों की तलाश कर रहे हैं। टिम्बर ट्रेडर्स और सप्लायर्स के अनुसार, ये इंपोर्टेड लॉग उच्च गुणवत्ता और बेहतर ग्रथ प्रदान करने वाले उच्च स्तर के होंगे, और गुणवत्ता को लेकर सचेत रहने वाले खरीदार भारतीय पोपलर की कीमत 1000 रूपये से अधिक होने से पहले जितनी जल्दी हो सके, इन लॉग को खरीदना शुरू कर देंगे। इंपोर्टेड विनियर और पोपलर व यूकेलिप्टस सेगमेंट के लॉग के लिए अगले चार साल काफी अच्छे रहने वाले है। गौरतलब है कि है कि वियतनाम से कोर विनियर और यूरोप से यूकेलिप्ट्स का आयात भारतीय कंपनियों के लिए कोई नई बात नहीं है। 2011-13 के दौरान, जब लकड़ी की कीमतें चरम पर थीं, तब कई मैन्यूफैक्चरर्स इंपोर्टेड कोर विनियर और लॉग का उपयोग कर रहे थे और यह तब काफी महत्वपूर्ण रहा था।

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