वुडपैनल सेक्टर को सरकारी राहत पैकेज का इंतजार

person access_time4 28 April 2020

उद्योग की सुरक्षा के लिए, भारतीय वुड पैनल और प्लाईवुड उद्योग के सदस्य सामूहिक रूप से राहत पैकेज की मांग कर रहे हैं। 12 अप्रैल 2020 को प्लाई रिपोर्टर द्वारा आयोजित एक वेबिनार के दौरान, उद्योग लीडिंग प्लेयर्स ने सरकार से तत्काल राहत की मांग की और पूरे वुड पैनल, प्लाइवुड, लैमिनेट और फर्नीचर उत्पादों पर जीएसटी घटाकर 12 फीसदी करने का आग्रह किया। उन्होंने बैंकों से सीसी लिमिट बढानें, आसान बैंक ऋण, कम ब्याज दर, अधिस्थगन, चैनल फाइनेंसिंग आदि के संदर्भ में उद्योग को सर्पोट करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करनेकी भी मांग की।

वेबिनार के दौरान, शिरडी इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन श्री राकेश अग्रवाल ने 2008 की मंदी के साथ तुलना करते हुए कहा उस समय सरकार उद्योग और व्यापार को बचाने के लिए स्टिमुलस पैकेज लेकर आई थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृश्य 2008 की तुलना में अधिक कठिन है, इसलिए सरकार को वुड सेक्टर के लिए अधिक राहत पैकेज प्रदान करना चाहिए क्योंकि यह क्षेत्र प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करोड़ों लोगों को रोजगार प्रदान करता है। उन्होंने आगे कहा कि हमें दृढ़ता से इस बात को रखना चाहिए कि फर्नीचर और बोर्ड का आयात कम से कम एक या दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाए। मांग बढ़ाने के लिए, जीएसटी में कटौती, आयकर दर में कटौती, उपभोक्ता ऋण में वृद्धि, आदि सहायक होंगे। आज वुड बेस्ड इंडस्ट्री के लिए अल्पकालिक राहत योजना की सख्त जरूरत है।

बालाजी एक्शन बिल्डवेल के चेयरमैन श्री एन के अग्रवाल, ने कहा कि कृषि आधारित प्लांटेशन टिम्बर इस उद्योग के कच्चे माल के रूप में उपयोग किया जाता है। इसलिए, सेक्टर को कृषि उत्पादों के तहत ही देखना चाहिए और सरकार से तदनुसार लाभ प्राप्त करना चाहिए। फिप्पी के अध्यक्ष और सेंचुरी प्लाई के चेयरमैन श्री सज्जन भजंका ने बताया कि एसोसिएशन और वुड पैनल सेक्टर की ओर से, उन्होंने इस क्षेत्र की सहायता की मांग की एक सूची तैयार की है और इसे केंद्र सरकार और वित्त मंत्री को भेजेंगे। पीएचडीसीसीआई के प्रसिडेंट श्री डी के अग्रवाल ने वुड पैनल उद्योग को अपना ज्ञापन भेजने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उद्योग चैंबर के रूप में उन्होंने एमएसएमई सेक्टर के लिए 11 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज मांग की है। विभिन्न वुड पैनल उद्योग से संबंधित एसोसिएशन के सूत्रों ने पुष्टि की है कि वे मांगों की एक सूची तैयार कर रहे हैं और इसे सरकार को भेजेंगे।

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