सुस्त मांग के साथ 60 फीसदी प्लाइवुड बाजार खुले

person access_time3 20 June 2020

भारत ने अलग-अलग क्षेत्रों को चरणबद्ध तरीके से खोलकर अर्थव्यवस्था को गति देने की कोशिश की है। पूरे देश में लगभग 45 दिनों के पूर्ण लॉकडाउन के बाद, सरकार ने ग्रीन और ऑरेंज जोन में दुकानें खोलने की अनुमति दी है। प्रतिबंधों और सुरक्षा सलाह के साथ, अलग-अलग बाजार खुलने शुरू हो गए हैं, जिनमें कुछ एक दिन के बाद एक दिन और कुछ प्रति दिन के आधार पर खुल रहे हैं। 5 मई से, भारत के विभिन्न हिस्सों में धीरे-धीरे बाजार खुल रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप पहले सप्ताह में मेटेरियल की डिमांड कुछ बढ़ती है।

वैसी साइटें जहां काम ठप हो गया था, अब खुल रही हैं लेकिन लेवर की कमी और सप्लाई चेन की अनिश्चिता को कमजोर रिकवरी के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, औसतन 40 प्रतिशत दुकान मालिक दुकानों पर आ रहे हैं, वहीं अभी भी कई बंद हैं। लोगों में आत्मविश्वास की बहुत कमी है और डर अधिक है, जो दुकानों के संचालन के लिए बड़ी बाधा साबित हो रही है। अब तक, 60 से 70 फीसदी बाजारों में गतिविधियां शुरू हो गई हैं, लेकिन पैनल उत्पादों की मांग, जो कोरोना के पहले होती थी उसका शायद 15 फीसदी ही है। विभिन्न बाजारों से प्लाई रिपोर्टर टीम द्वारा 4 से 18 मई तक एकत्र की गई रिपोर्ट में पाया गया कि दुकानों ने औसतन प्रति दिन 20 फीसदी ही बिजनेस प्राप्त कर सकी है।

बैंगलोर के श्री अनुराग पटेल कहते हैं कि कम स्टॉक, मैनपावर की कमी और लोगों में डर सहित कई चुनौतियाँ सामने हैं। अधिकांश काम या तो लंबित है या जो कोविड फैलने से पहले के प्लानिंग में थे, उसी चल रही साइटों से ही आ रहे हैं, लेकिन नई साइटों से कोई आर्डर नहीं है। नासिक के एक अन्य डीलर ने कहा कि हमारे पास स्टॉक में जो भी मेटेरियल है, उसकी ही बिक्री की जा रही है। व्यापारियों को मेटेरियल सप्लाई की अनियमितता की समस्या का भी सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कई मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां अभी भी शुरू होनी बाकी हैं। बैंगलोर स्थित आर बी ग्लास के श्री नरेश चैधरी ने कहा कि बिक्री पिछले बिक्री का लगभग २५ फीसदी ही है। लोग डर में हैं इसलिए अपार्टमेंट में बाहरी लोगों को घुसने नहीं दिया जा रहा है, इसलिए भी काम शुरू नहीं हो रहे हैं।

मई महीने के अंत तक, राज्य सरकारों ने लगभग दो तिहाई बाजारों को खोलने की अनुमति दी है, लेकिन जमीनी स्तर पर 60 प्रतिशत ही काउंटर खुले हैं। कुछ महत्वपूर्ण बाजार जैसे इंदौर, सूरत, अहमदाबाद, भोपाल आदि में कुछ गतिविधियांे की शुरुआत हुई है, लेकिन लेवर की बहुत ज्यादा कमी, पेमेंट की दिक्क्तें और महामारी को जोर पकड़ने के डर के कारण, शायद कुछ ही लोग 20 से 25 फीसदी से अधिक बेच पाए हैं। प्लाई रिपोर्टर के विश्लेषण के अनुसार मई की तुलना में जून में तेजी की उम्मीद है।

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