जून में उत्तर भारत और केरल स्थित छोटे और मिड सेगमेंट प्लाइवुड उत्पादकों को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि जून के अंतिम सप्ताह में कोविड महामारी के कारण सभी अनिश्चितताओं के बावजूद वे लगभग 50 प्रतिशत क्षमता तक पहुंच गए।
यमुनानगर, पंजाब, यूपी और केरल से प्लाई रिपोर्टर के संवाददाताओं के अनुसार इकोनॉमिकल ग्रेड प्लाइवुड, ब्लॉक बोर्ड और फ्लश डोर की मांग में अच्छी रिकवरी के संकेत है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 40-45 की कीमत रेंज वाले कमर्सिअल और एमआर ग्रेड प्लाइवुड की पूरे भारत में टियर 2, टियर 3 और ग्रामीण बाजार में अच्छी मांग है। बड़े शहरोंके डिस्ट्रीब्यूटर्स ने बताया कि उन्हें छोटे शहरों और उपनगरों के बाजारों से छोटे छोटे कई ऑर्डर मिल रहें हैं, जिससे नए बाजारों का पता चल रहा है। वे यह भी कहते हैं कि सभी नए ऑर्डर एडवांस पेमेंट के साथ ही हैं, जिससे उन्हें सुचारू रूप से व्यवसाय चलाने में बड़ी राहत है।
कोरोना के पहले की तुलना में प्लाइवुड डिस्ट्रिब्यूटर्स ने अपनी बिक्री का 45 से 50 प्रतिशत बिक्री हासिल कर ली है, लेकिन इनमें से 80 प्रतिशत इकोनॉमिकल रेंज की होती है। वे कहते हैं कि प्रीमियम ग्रेड प्लाइवुड की मांग सीमित ग्राहकों तक है, जहां कोरोना से पहले ही काम शुरू हुआ था।
बड़े प्लाइवुड ब्रांड इन इकोनॉमिकल ग्रेड प्लाइवुड की डिमांड पूरा करने को लेकर उत्साहित भी हैं, अच्छी सर्विस के साथ उचित कीमत पेश कर रहे हैं। डीलरों का कहना है कि बाजार में इकोनॉमिकल ग्रेड प्लाइवुड में प्रतिस्पर्धा कड़ी है, और उन्हें बड़े ब्रांडेड कंपनियों से भी अच्छे ऑफर और कीमत मिल रहे हैं।