रेडीमेड फर्नीचरः रिटेलर्स जरूर उतरें इस व्यवसाय में!

person access_time5 29 October 2020

रेडीमेड फर्नीचर की मांग देश में तेजी से बढ़ रही है, इसके लिए गुणवत्ता के प्रति बढ़ती जागरूकता और उपयोगकर्ताओं के पास समय की कमी बहुत महत्वपूर्ण है। भारत स्थित मेटेरियल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए फर्नीचर के आयात या संबंधित वस्तुएं काफी मायने रखता हैं। भारत में कोविड 19 के बाद, काम जल्दी करने की तत्परता, किफायती और स्वच्छता के मानदंड इत्यादि किसी भी ग्राहक के लिए काफी महत्वपूर्ण हो गए है। इसलिए, ऐसे हालात में रेडीमेड फर्नीचर का व्यवसाय काफी फायदेमंद हो चला है।

बदलते कारोबारी परिदृश्य, फर्नीचर निर्माताओं की बढ़ती संख्या के साथ स्थानीय मैनुफैक्चरर्स की मांग बढ़ाने के लिए देश में माॅडर्न और अच्छी मशीनरी सेटअप की उपलब्धता बढ़ रही है। 2019 की कुछ घटनाएं घरेलू फर्नीचर निर्माताओं के लिए आगे का मार्ग प्रस्सत कर रहा हैं, इसलिए कच्चे माल के निर्माताओं के लिए भी नई राहें खुलने वाली है। भारत में 2020 में कोविड के फैलने के बाद, लोगों के व्यवहार में बदलाव से निश्चित रूप से देश में रेडीमेड फर्नीचर की स्वीकृति काफी बढ़ने वाली है। इसके बाद, भारत एक नए दौर में आगे बढ़ेगा जहां रेडीमेड फर्नीचर के प्रति लोगों का रूझान, स्वीकार्यता और सामर्थ्य तेजी से बढ़ेगी। चूंकि भारत में सभी खुदरा काउंटरों को मेटेरियल और डिजाइनरवस्तुओं का अच्छा ज्ञान है, इसलिए वे अगले दशक में भारत की आगामी रेडीमेड फर्नीचर की मांग में बहुत महत्वपूर्ण स्टेकहोल्डर बन सकते हैं।

चूंकि भारत व्यापार घाटे के अंतर को कम करने का प्रयास कर रहा है, जिसके कारण विभिन्न नए उपायों पर विचार किया जा रहा है और नीतिगत फैसला भी लिए जा रहे हंै। चीन और भारत के बीच बढ़ती दूरियां और फर्नीचर सेगमेंट में अन्य देशों से उभरती मांग भारतीय पैनल ट्रेड और फर्नीचर की मांग के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण निर्णायक साबित होने वाला है। प्लाई रिपोर्टर की रिसर्च टीम देश में फर्नीचर निर्माताओं की गतिविधियों पर लगातार नजर रखे हुए है और उनकी मांग-आपूर्ति के पैटर्न का अध्ययन कर रहा है, साथ ही पिछले वर्ष की तुलना में क्या अंतर है,

इसका भी अध्ययन कर रहा है। बदलाव दिखाई दे रहा है, हालांकि अभी यह इतना व्यापक नहीं कहा जा सकता, लेकिन बदलाव में काफी तेजी आई है। स्व-उत्पादन के माध्यम से भारतीय फर्नीचर की मांगों को पूरा करने के लिए, भारतीय वाणिज्य मंत्रालय ने भारत में फर्नीचर उत्पाद बनाने में सुविध्ाा हो, इसके लिए नीतियां बनाना शुरू कर दिया है और इस संबंध में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सकारात्मकता बढ़ रही है। यहां तक कि भारतीय ग्राहकों ने स्वदेशी फर्नीचर खरीदना और मेक इन इंडिया का समर्थन करना शुरू कर दिया है। कोविड के बाद, भारतीय पैनल ट्रेड में एक नया स्टेक होल्डर तैयार हो रहा है, जिसकी भूमिका 2025 तक काफी महत्वपूर्ण हो जाएगी, और यह हर शहर में फर्नीचर निर्माता के रूप में होगा।

 

वर्ष 2019 में देश ने मुक्त व्यापार समझौते ‘आरईसीपी‘ से पीछे हट गया, और कोरिया, जापान, मलेशिया आदि के साथ मजबूत व्यापार वार्ता प्रारम्भ किया। वाणिज्य मंत्रालय से प्राप्त समाचार के अनुसार, कोविड फैलने से पहले, भारत भी एशियाई और अन्य राष्ट्र, जैसे कि एशियाई देशों के साथ-साथ एशिया-पैसिफिक ब्लॉक में व्यापार घाटे को देखते हुए मुक्त व्यापार समझौतों को फिर से शुरू करने की प्रक्रिया में था। भारत सरकार ने पहले से ही कुछ जाचें लागू कर दी है और आयात के लिए क्वालिटी स्टैण्डर्ड को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। मुख्य रूप से चीन से आयात को ध्यान में रखते यह फैसला लिया गया। इसके चलते तेजी से घरेलू निर्माताओं के लिए एक लेवल प्लेइंग फिल्ड तैयार करने में आसानी हो रही है और भारतीय फर्नीचर मैन्युफैक्चरिंग सेगमेंट के लिए आने वाले समय में और तेजी आने की उम्मीद है।

पेपरफ्राई, लिवस्पेस, होमलेन और अन्य दिग्गज जैसे आइकिया और अमेजॅन जैसी कंपनियों के माध्यम से फर्नीचर बेचने के लिए क्लिक और मोर्टार मॉडल के माध्यम से भारतीय फर्नीचर निर्माताओं की मांग आगे भी बढ़ेगी। नीतिगत समर्थन से उत्साहित, बढ़ते बाजारों में और अधिक कमर्शियल और इंडस्ट्रियल स्पेस की आवश्यकता होगी। हर प्रमुख शहर में को-वर्किंग कम्प्लेक्सेस बढ़ने से मशीन-अनुकूल रॉ मेटेरियल निर्माताओं के साथ-साथ रेडीमेड फर्नीचर और सर्विस प्रोवाइडर्स की मांग बढ़ता रहेगा। 2021 के बाद एक नए दौर की शुरुआत होगी, तब तक भारत में रेडीमेड फर्नीचर और काॅन्टैªक्टिंग फर्नीचर बनाने के लिए 1500 से ज्यादा नए मशीन संचालित वर्कशॉप जुड़ जाने का अनुमान है।

आर्किटेक्चरल हार्डवेयर के साथ-साथ डेकोरेटिव विनियर, लेमिनेट, वॉल पेपर, वुडेन फ्लोरिंग, फेसेड, प्री-हंग डोर, हाइलाइटर्स के ऑर्गनाइज्ड सरफेस डेकॉर ब्रांड अपनी बिक्री और ब्रांड के प्रति जागरूकता में सुधार करने के लिए अधिक जानकारी प्रदान कर इन्फ्लुएंसर और ग्राहकों तक पहुंचने की योजना बना रहे हैं। उन्हें लगता है कि ग्राहकों को उत्पादों का ज्ञान, इसके सही तरीके से इस्तेमाल करने, उचित तकनीकी ज्ञान, एप्लिकेशन के समय क्या करना है क्या नहीं करना है, कलर और डिजाइन में इनोवेशन, अपने इंटीरियर के लिए डेकॉर आईडिया इत्यादि हर तरह की जानकारी होनी चाहिए, वह भी अच्छी प्रस्तुति के साथ, क्योंकि इससे उन्हें उत्पादों के चयन और खरीद में मदद मिलेगी।

इन्फ्लुएंसर और ग्राहकों की आवश्यकता को समझते हुए, उनकी जरूरत को पूरा करने के लिए सरफेस डेकॉर और एक्सटेरियर प्रोडक्ट से संबंधित कई ब्रांड अपने स्वयं के शोरूम, गैलरी, एक्सपीरियंस सेंटर आदि खोल रहे हैं। कोविड 19 के बाद, एक नए दौर में अधिक संख्या में कंपनियां अपने स्वयं के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ अलग-अलग बाजार में शोरूम खोलने की तयारी कर रही हैं इसलिए पैनल उत्पाद के रिटेलर्स को फर्नीचर प्रोसेसिंग के साथ उनके शोरूम या क्षेत्र के नजदीकी यूनिटों से तालमेल बैठा कर बाजार की हिस्सेदारी हासिल करने के लिए तैयार रहना चाहिए। कोई ग्राहक या तो मेटेरियल खरीदेगा या रेडीमेड इसलिए कोई और इस क्षेत्र में कदम रखे, उससे पहले प्रमुख रिटेलर्स इसके प्रति अपनी सक्रियता बढ़ाकर बाजार हिस्सेदारी सुनिश्चित कर लंे।

केंद्र सरकार विभिन्न अब संरचनात्मक परियोजनाओं जैसे ऊर्जा, सड़क, रेलवे, बंदरगाह, शहरी विकास, ग्रामीण संरचना आदि में संसाधनों को इकट्ठा करने और खर्च करने की कोशिश कर रही है, कोविड की समस्या के बावजूद, निरंतर सरकारी खर्च किये जा रहे हैं, जो अंततः आगे बढ़ेंगे क्यांेकि सरकारी परियोजनाओं में बिल्डिंग मेटेरियल उत्पादों की अच्छी मांग है। संगठित वुड पैनल ब्रांड 2021-22 में अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पाद, स्पेसिफिकेशन, अप्रूवल आदि की पेशकश के माध्यम से इस बढ़ती मांग को और बढ़ाने में मदद करेंगे।

लेमिनेट और यहां तक कि वुड विनियर में, फूल शीट डिस्प्ले में ब्रांड एक्सपीरियंस जैसे कि लेमिनेट का सेलेक्शन आसान होगा और ग्राहक टेक्सचर के बारे में बेहतर समझ सकेंगे, और उनकी बेहतर समझ बिक्री में तब्दील होने में मदद करेगा, खासकर अगर फर्नीचर, किचेन, अलमारी और प्रोसेसिंग यूनिट्स डिस्प्ले सेण्टर के साथ जुड़ी हुई हो। फर्नीचर डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी मैगजीन टीम, का मानना है कि भारत में, भविष्य में कंपनियों की स्वयं की लेमिनेट गैलेरी अधिक संख्या में देखी जा सकती हैं, जो फर्नीचर प्रोसेसिंग यूनिट्स के साथ मिलकर स्थानीय स्तर पर सीमित बजट में तैयार उत्पाद बनाने में उनकी मदद करेंगे। यह बाजार के अत्याधिक प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में बिक्री बनाए रखने में भी मदद करेगा।

अर्थव्यवस्था और रिएल एस्टेट दोनों ही कोविड 19 के बाद संघर्ष कर रहे हैं, जिसके चलते वुड पैनल, सरफेस डेकॉर, इंटीरियर एंड एक्सटेरियर तथा सभी बिल्डिंग मेटेरियल प्रोडक्ट की मांग प्रभावित हुई है। स्लो डिमांड के चलते मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के कामकाज और प्रॉफिट मार्जिन भी प्रभावित हुआ है, लेकिन घरों की बिक्री को लेकर अच्छी खबर है, जिसने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है। अच्छी खबरें उन सभी ओईएम और फर्नीचर निर्माताओं से भी आ रही हैं, और वे अपनी प्री कोविड कैपेसिटी के 80 से 90 प्रतिशत तक पहुंच चुके हैं। चूंकि कोविड के बाद घर-कार्यालय और बड़े घरों को तरजीह मिली है, इसलिए यह सीधा स्थानीय फर्नीचर बनाने वालों के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करता है और वे इसका फायदा उठा सकते है। निस्संदेह, हर शहर और कस्बे  में लीडिंग खुदरा विक्रेता के पास यह बड़ा अवसर है, अगर वे अभी से इसके प्रति सक्रिय होते है और प्रवेश करते हैं।

केंद्र सरकार विभिन्न अब संरचनात्मक परियोजनाओं जैसे ऊर्जा, सड़क, रेलवे, बंदरगाह, शहरी विकास, ग्रामीण संरचना आदि में संसाधनों को इकट्ठा करने और खर्च करने की कोशिश कर रही है, कोविड की समस्या के बावजूद, निरंतर सरकारी खर्च किये जा रहे हैं, जो अंततः आगे बढ़ेंगे क्यांेकि सरकारी परियोजनाओं में बिल्डिंग मेटेरियल उत्पादों की अच्छी मांग है। संगठित वुड पैनल ब्रांड 2021-22 में अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पाद, स्पेसिफिकेशन, अप्रूवल आदि की पेशकश के माध्यम से इस बढ़ती मांग को और बढ़ाने में मदद करेंगे।

सरकारी निकायों जैसे एनबीसीसी, एनएफसीसी, मेट्रो रेलवे, पीडब्ल्यूडी, सीपीडब्ल्यूडी, रेलवे, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, एमआईएस, सड़क परिवहन सेक्टर, आदि से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोविड के कारण अस्थायी रूप से देरी हो रही है आखिरकार, कई परियोजनाओं को पूरा करने की तत्परता के चलते मांग की वापसी जारी है। मेक इन  इंडिया पर जोर देने की वजह से आयात पर अप्रत्यक्ष रूप से रूकावटें और सख्ती है, यह हम सभी के पास पर्याप्त संकेत हैं कि विभिन्न प्रोजेक्ट में प्लाइवुड, डोर, एसीपी, टाइलें, नल, लेमिनेट्स, डब्ल्यूपीसी, एमडीएफ, पार्टिकल बोर्ड्, टिम्बर की मांग में काफी वृद्धि होगी। रेरा कानून के अनुसार सभी उत्पाद ईको-फ्रेंडली, फायर रेटेड और गारंटी वाली होनी चाहिए। मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को इन आर्डर से फायदा होगा, लेकिन हाऊसिंग और फर्नीचर की अप्रत्यक्ष मांग वुड पैनल ट्रेड के प्रत्येक उद्यमी के लिए एक खुली बोली होगी। वुड पैनल, लेमिनट, डोर, एमडीएफ और एसीपी के ऑर्गनाइज्ड प्लेयर्स से मिली जानकारी रिपोर्ट की पुष्टि करती है कि डिमांड के मामले में उन्होंने अपने आपको समय से पहले कोविड के दुष्प्रभाव से उबार लिया है। इसी तरह रिटेलर्स भी मौके को हासिल करने के लिए कमर कसेंगे, रेडीमेड फर्नीचर यूनिट खोलें, क्यांेकि 2021 के बाद से इस केटेगरी में काफी संभावनाए है। इस व्यवसाय में अवसर का फायदा उठाने के लिए पूरी मजबूती से सक्रिय रहें, जो मुख्य रूप यह आपके लिए ही आ रही है।

 

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