प्लाई रिपोर्टर और बीएसएमआर रिसर्च द्वारा एकत्रित आंकड़े दर्शाते हैं कि पूरे भारत के प्लाइवुड और लेमिनेट निर्माता एक बार फिर अपने कोविड के पहले वाली क्षमता उपयोग कर रहे हैं। सितंबर में हरेक फैक्ट्री में बम्पर ऑर्डर थे, जो निर्माताओं को बहुत बल प्रदान किया और वे महसूस कर रहे थे कि चीजें वापस अपनी जगह पर लौट आई है। उद्योग से प्राप्त आंकड़े बताते हैं कि क्षमता उपयोग कोविड के पहले के स्तर के लगभग 85 प्रतिशत है। ब्रांड और अच्छे प्लेयर्स के पास बढ़ते ऑर्डर के साथ अक्टूबर और नवंबर में भी ऑर्डर फ्लो जारी रहने की उम्मीद है। व्यापक डीलर नेटवर्क और मजबूत पूँजी वाले कुछ अच्छे प्लाइवुड उत्पादकों ने पहले ही 100 प्रतिशत कोविड के पहले के स्तर तक सफलतापूर्वक वापसी कर ली है।
रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब, यमुनानगर, दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश स्थित प्लाइवुड मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करने में सक्षम हैं, क्योंकि उनके पास अब फैक्ट्रियों में पर्याप्त लेवर मौजूद है। मैन्युफैक्चरर्स गुजरात, एमपी, यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र (मुंबई और पुणे को छोड़कर), राजस्थान, दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा और दक्षिणी राज्यों के कुछ हिस्से से बढ़ती मांग से काफी खुश हैं। प्लाई रिपोर्टर के सर्वे से संकेत मिलता है कि केरल, गांधीधाम आदि से कम सप्लाई भी उत्तर भारत स्थित प्लाइवुड उद्योग की मांग बढ़ने में मदद कर रही है।
वर्तमान आर्डर फ्लो में सबसे बड़ी बात यह है कि यह कीमतों और इकोनॉमिकल ग्रेड मेटेरियल को लेकर बहुत संवेदनशील है। व्यावहारिक रूप से हाई ग्रेड की तुलना में इकोनॉमिकल ग्रेड उत्पादों की अधिक मांग है। प्लाई रिपोर्टर टीम से बात करते हुए अलग-अलग मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर के निर्माता कोविड के पहले के स्तर तक तेजी से पहुंचने और अच्छी रिकवरी के लिए आश्वस्त होने का दवा किया, लेकिन कच्चे माल की लागत में वृद्धि उत्पादन खर्च पर दबाव बनाकर उनका गणित बिगाड़ रहा है, लेकिन यह वास्तव में ट्रेडर्स की मांग को बढ़ावा दे रहा है और वे अधिक से अधिक आर्डर दें रहे हैं।
अचानक आर्डर बढ़ने से निर्माताओं को कोविड के चलते हुई मायूसी के बाद उनके चेहरे पर रौनक लौट आई है। लाइनर और 0.8 मिमी केटेगरी में भी पर्याप्त डिमांड से भी लैमिनेट निर्माता उत्साहित हैं और उसके बीच इसे पूरा करने की होड़ भी दिखती है।