भारत में खासकर कोविड लॉकडाउन के बाद हाईडेंसिटी मॉइस्चर रेजिस्टेंस एमडीएफ में तेज ग्रोथ देखी जा रही है। हर एमडीएफ फैक्ट्री अपने उत्पादन की लगभग आधी क्षमता एचएमआर एमडीएफ के उत्पादन में लगा रही है, जो कि भारत में अब तक एमडीएफ के इस्तेमाल के तरीके में एक बड़ा बदलाव है।एचएमआर एमडीएफ कहीं न कहीं सस्ते ग्रेड प्लाईवुड (जिसे डिप्पिंग वाला बीडब्ल्यूआर के नाम पर बेचा जाता था पर शायद ही वह बीडब्ल्यूआर होता था) को रिप्लेस करतेहुए अपनी जगह बना रहा है। कई ठेकेदार जो इंटीरियर साइट पर काम कर रहे है वे अब बेहिचक एमडीएफ का उपयोग करने लगे हैं क्योंकि कॉन्ट्रैक्टर को जल्दी काम और टाइमली डिलीवरी पर अधिक ध्यान होता है जबकि ग्राहक का ध्यान सबस्ट्रेट मटेरियल की जगह डिजाइन में होता है।मेरा मानना है कि डिप्पिंग या नकली 710 प्लाई के बदले फर्नीचर बनाने वालों का रूझान एमडीएफ की इस कैटेगरी पर स्विच हो रहा है। हालाँकि यह बदलाव धीमा है।
संभावना यह है कि अगर प्लाईवुड फैक्ट्रियां अच्छी गुणवत्ता, कैलिब्रेटेड और जेन्युन बीडब्ल्यूआर की तरफ नहीं मुड़ते हैं तो वो धीरे धीरे सस्ता, और सस्ता बनाते हुए अंत में (अगले 3 से 6 साल में) विलुप्त हो जाएंगे। कोई निर्माता बड़े वॉल्यूम जैसे, कम से कम 500 ट्रक की क्षमता के साथ कीमतें कम करते हुए प्लाईवुड सस्ता बेच सकते है, पर छोटे प्लेयर 40 ट्रक क्षमता वाले प्लांट में सस्ता प्लाईवुड बनाकर सर्वाइव नहीं कर सकते। आजकल सस्ते प्लाईवुड विशेष रूप से रू 40 फुट की मांग ज्यादा है, लेकिन कई नए एमडीएफ प्लांट आने से इस कैटेगरी पर और भी ज्यादा दबाव बनेगा।
संभावना यह है कि अगर प्लाईवुड फैक्ट्रियां अच्छी गुणवत्ता, कैलिब्रेटेड और जेन्युन बीडब्ल्यूआर की तरफ नहीं मुड़ते हैं तो वो धीरे धीरे सस्ता, और सस्ता बनाते हुए अंत में (अगले 3 से 6 साल में) विलुप्त हो जाएंगे। आने वाले समय में ग्राहक निश्चित रूप से जेन्युन थ्त् ग्रेड, स्वास्थ्य के अनुकूल लो इमिशन म्0 या म्1 ग्रेड वाले, जेन्युन एंटी बैक्टीरियल, आदि उत्पादों की मांग करेंगे, लेकिन उनकी मांग पूरी करने हेतु भरोसा उन्ही पर रहेगा जिन्होंने प्लांट, मैनपावर, त्-क् और अवेयरनेस क्रिएट करने में निवेश किया हो।
मैं समझता हूँ कि गुणवत्ता के गिरने की कोई सीमा नहीं होती, कोई भी लागत में कटौती करते हुए लगातार सस्ता माल दे सकता है, लेकिन उस मटेरियल पर देर-सवेर ग्राहक विश्वास खो देता है और उसे खरीदना या उसको रेकॉमेंड करना बंद कर देता है। ऐसा सस्ते चाइनीज उत्पाद के साथ होता आ रहा है। समय के साथ गुणवत्ता पसंद ग्राहक और अच्छे फर्नीचर निर्माता केलिब्रेटेडध्जेन्युन बीडब्ल्यूआर प्लाईवुड और एचएमआर एमडीएफ पर स्विच कर रहे हैं और यह जारी रहेगा। आने वाले समय में ग्राहक निश्चित रूप से जेन्युन थ्त् ग्रेड, स्वास्थ्य के अनुकूल लो इमिशन म्0 या म्1 ग्रेड वाले, जेन्युन एंटी बैक्टीरियल, आदि उत्पादों की मांग करेंगे, लेकिन उनकी मांग पूरी करने हेतु भरोसा उन्ही पर रहेगा जिन्होंने प्लांट, मैनपावर, त्-क् और अवेयरनेस क्रिएट करने में निवेश किया हो।
अभी हम भारत में बड़े बड़े त्योहारों और विवाह के मौसम के माहौल से गुजर रहे हैं। हर साल यह समय नए सौदे, नए घर, वाहन खरीदने, विभिन्न प्रकार की खरीदारी और उपहार देने की प्रक्रिया के साथ आती है। इसलिए इस समय बिना कोई सेंटीमेंट और आर्थिक परिदृश्य के मनी फ्लो और व्यवसाय में तेजी बनी रहती है। कोविड के बाद भारतीय पैनल ट्रेड में अब तक बहुत तेज रिकवरी देखी गई है, जिसके चलते उद्योगों, व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं में फिर से आत्मविश्वास पैदा करने में मदद की है।
वर्तमान परिदृश्य मजबूत मांग को दर्शाता है लेकिन अब कच्चे माल की बढ़ती कीमत के साथ रूकावटें और अनिश्चितता भी पैदा हो रही है। सभी प्रोडक्ट केटेगरी में कच्चे माल में कीमतें कम से कम 12-20 फीसदी बढ़ी है, जो तैयार उत्पाद की कीमतों को प्रभावित कर रही है जिससे उच्च गुणवत्तापूर्ण उत्पादों पर दबाव बढ़ रहा है। ऐसे समय में डीलरोंध्रिटेलरों की भूमिका बढ़ जाती है कि वे सही गुणवत्ता के साथ उचित मार्जिन लेते हुए क्वालिटी प्रोडक्ट बेचने पर ज्यादा ध्यान दें। गुणवत्तापूर्ण उत्पाद बेचने के लिए थोड़ा प्रयास करना होता है जो मुश्किल और परेशानी भरा लगता है लेकिन अगर आप लंबे समय में रिटर्न देखते हैं तो यह उतना ही फायदेमंद भी सावित होता है। इसलिए यदि रिटेलर भी सर्वाइव करना और आगे बढ़ना चाहते हैं तो उन्हें भी वास्तविक गुणवत्ता, थिकनेस और ग्रेड को बढ़ावा देंना चाहिए। खूब पढ़ें, सतर्क रहें, सुरक्षित रहे !
प्रगत द्विवेदी
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