कैलिब्रेटेड प्लाइवुड की सप्लाई घटी

person access_time3 28 December 2020

मैट आधारित, कोल्ड प्रेस्ड कैलिब्रेटेड प्लाइवुड के उत्पादन के लिए मौजूद मुश्किल से 30 प्लांट्स के साथ, भारतीय बाजार को अचानक सप्लाई की मुश्किलांे से जूझना पड़ रहा है। सिर्फ सितंबर और अक्टूबर महीनों में कुछ प्रमुख फर्नीचर निर्माताओं ने कैलिब्रेटेड प्लाइवुड की अगली सप्लाई की मांग की, तो उत्पादकों ने उनके बजट के अनुसार क्वालिटी सप्लाई करने में असमर्थता जाहिर की। अब तक, कैलिब्रेटेड प्लाइवुड की जरूरतें और स्वीकार्यता धीमी थी क्योंकि इसकी कीमत डायरेक्ट प्रेसिंग प्लाइवुड की तुलना में 6 से 8 फीसदी अधिक है। अभी तक, ओकूमे और रिकॉन आधारित कैलिब्रेटेड प्लाइवुड के बाजार पर बड़े पैमाने पर चीन से आयात हावी था, लेकिन कोविड से उत्पन्न हुई परिस्थितियांे के चलते अचानक सही कैलिब्रेटेड प्लाइवुड की बड़ी मांग पैदा हो गई है।

सीमाओं पर भारत-चीन गतिरोध में कोई सुधार नहीं है, इसलिए आसान आयात, कंटेनर की बेहतर उपलब्धता, या पहले की तरह सस्ती समुद्री माल ढुलाई भाड़ा जैसे महत्वपूर्ण कारकों की दिक्कतेंा के चलते कैलिब्रेटेड प्लाइवुड की घरेलू मांग, हर महीने बढ़ने की उम्मीद है। मुंबई, दिल्ली, इंदौर और सुरत में रेडीमेड फर्नीचर निर्माताओं से बात करने पर पता चला कि 50-52 रुपये के कैलिब्रेटेड प्लाइवुड की मांग कोविड के पहले के स्तर की तुलना में पांच गुना ज्यादा है।

कैलिब्रेटेड प्लाइवुड की मांग इतनी तेजी से बढ़ी है कि पारंपरिक प्लाइवुड प्लांट आधुनिक और अधिक सुसज्जित प्लाइवुड प्लांटों के साथ कीमत और गुणवत्ता से मेल नहीं खा सकते हैं। पंजाब स्थित प्रमुख प्लाइवुड निर्माता ने बताया कि यदि डिस्ट्रीब्यूटर और डीलर बढ़िया क्वालिटी के लिए कैलिब्रेटेड प्लाइवुड निर्माताओं पर कितना दबाव है, वे यदि समझे और उसी अनुसार पेमेंट करें तो मेटेरियल की सप्लाई में कोई दिक्कत नहीं होगी। प्रति वर्ग फीट 4 रुपये का अंतर काफी महत्वपूर्ण होता है और मार्केटिंग प्रोफेशनल को इसके लिए कीमत और गुणवत्ता कम करने के बजाय बाजार से मांगना होगा।

प्लाई रिपोर्टर द्वारा सितंबर और अक्टूबर में किए गए सर्वे के अनुसार, भारत कुल 1200 ट्रकों का उत्पादन कर सकता है, जबकि अनुमानित मांग 3 गुना अधिक है। यद्यपि कैलिब्रेटेड प्लाइवुड की कीमत भारतीय बाजार में जो पूछी जाती है, वह सप्लायर के दाम से मेल नहीं खाती है इसलिए कम-कैलिब्रेटेड प्लाई, इस कमी को पूरा करता है। भारत में कैलिब्रेटेड प्लाइवुड की मांग धीरे-धीरे 4 फीसदी बाजार हिस्सेदारी हासिल कर ली है, जो 2022 तक बढ़कर 11 फीसदी होने की उम्मीद है।

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