सीआईआई ने फर्नीचर आयात पर सीमा शुल्क घटाने की मांग रखी

person access_time   3 Min Read 20 January 2021

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कई बिंदुओं पर प्रकाश डालाहै और कहा है कि भारत का 854 बिलियन डालर का खुदरा व्यापार 2021-22 के बजट पूर्व ज्ञापन से लाभान्वित हो सकता है। वित्त वर्ष 2022 के केंद्रीय बजट से पहले रखे गए उद्योग निकाय की सिफारिशों में फर्नीचर के आयात पर सीमा शुल्क को कम करने के आलावा खिलौने जैसे आयातित वस्तुओं की स्थानीय परीक्षण सुविधाओं को ओवरहॉल करना, और पूरे भारत में दुकानों में माल वापसी के लिए सक्षम बनाना शामिल है।

पहले वित्त वर्ष की शुरुआत में, केंद्र सरकार ने भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के हितों की रक्षा के लिए आयातित फर्नीचर पर सीमा शुल्क को मौजूदा 20 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी करने का फैसला किया था। घोषणा को केंद्रीय बजट 2020-21 का हिस्सा बनाया गया था।

सीआईआई की सिफारिशों में कहा गया है कि टैक्स की ज्यादा दरें खुदरा विक्रेताओं के लिए हानिकारक हैं क्योंकि यह उन्हें उपभोक्ताओं के लिए लागत कम रखने से रोकता है। सीआईआई ने कहा कि हाल ही में हमने देखा है कि फर्नीचर उत्पादों और फर्नीचर उत्पादों के लिए कच्चे माल पर सीमा शुल्क में काफी वृद्धि की गई है। इससे फर्नीचर उद्योग में खलबली मच गई है। यह आगे ग्राहकों के लिए प्रोडक्ट और महंगा हो जाएगा।

टैरिफ बढ़ने से आयात की कीमतें बढ़ जाती हैं, लेकिन उत्पादन की लागत कम रखने के लिए इंसेंटिव भी घट जाता है। उद्योग के निकायों का कहना है कि यह उत्पादों को ग्राहकों के लिए सस्ते उत्पाद बनाने पर ब्रेक लगाने जैसा है।

सीआईआई ने फर्नीचर उत्पादों और फर्नीचर मैन्युफैक्चरिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल पर सीमा शुल्क में कटौती की मांग की है और सरकार से दरों में लगातार बदलाव से बचने के लिए कहा है। सीआईआई का कहना है कि यह भारत को व्यापार के लिए प्रतिस्पर्धी बनाने और उत्पादों को उपभोक्ता के लिए सस्ती बनाने के प्रयास में एक लंबा रास्ता तय करेगा।

You may also like to read

shareShare article
×
×