एमडीएफ की आपूर्ति बढ़ी, मांग और आपूर्ति का संतुलन अभी तक बरकरार

person access_time3 12 February 2021

एमडीएफ प्लांट के पूरी क्षमता से चलने से इसकी मांग और आपूर्ति में भी तेजी से सुधार हो रहा है। जनवरी में क्षमता उपयोग स्थापित क्षमता के अधिकतम 95 फीसदी तक पहुँच गया। इसकी वजह से डिस्पैच पर दबाव घट रहा है और सप्लाई भी तेजी से हो रही है। इसके साथ ही नए लाईन भी स्थापित किये जा रहे हैं।

एमडीएफ सेक्टर में दक्षिण में भी तेजी है और रूशिल डेकोर के नये प्लांट में ट्रायल रन शुरू हो गया है। इसके अलावा ग्रीनपैनल के आंध्रप्रदेश स्थित प्लांट अपनी पूरी क्षमता पर चलरही है। इसकी वजह से एमडीएफ की बढती मांग को पूरा किया जा रहा है।

दक्षिण भारत में बड़ी क्षमता वाले रूशिल डेकोर के नये प्लांट में उत्पादन शुरू हो रही है। इसकी वजह से दक्षिण में 2000 सीबीएम प्रति दिन से उपर की क्षमता हो जाएगी। माना यह जाता है कि दक्षिण भारत एमडीएफ का बड़ा बाजार है, साथ ही इस क्षेत्र के कुछ हिस्सों में आयातित एमडीएफ का भी प्रभाव है। लेकिन, आयात की दिक्कतों के चलते घरेलू उत्पादकों के लिए लगातार अच्छी संभावना पैदा हो रही है। इसके साथ ही मांग को पूरा करने के लिए मैन्युफैक्चरर्स कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं और प्लांट की अधिकतम क्षमता उपयोग पर ध्यान दे रहे हैं। प्लाई रिपोर्टर ने बंगलौर, हैदराबाद, विजयवाड़ा के अलावा केरल के कई शहरों में डीलरों से बात की, उन्होंने रूशिल डेकोर के दूसरे बड़े प्लांट के शुरू होने पर खुशी जाहिर की। उनका कहना है कि इससे इस क्षेत्र में एमडीएफ की आपूर्ति बढे़गी। रूशिल डेकोर के डीलर इसके शुरू होने से काफी खुश हैं। हालांकि कुछ डीलर और डिस्ट्रीब्युटर का मानना है कि दक्षिण भारत के एमडीएफ बाजार में ओवर सप्लाई भी हो जाएगी। इससे उद्योग और व्यापार को कुछ हद तक फायदा ही होगा, बाजार के साथ प्रतिस्पर्धा भी बढे़गी।

गौरतलब है कि कुछ महीनों से ऊंची मांग के साथ, यह कहा जा रहा है कि एमडीएफ कम्फर्ट जोन में है, लेकिन सर्वे से संकेत मिलता है कि जनवरी के बाद बाजार में वास्तविक मांग देखी जा रही है। यह तेजी से बढ़ रहा है। दक्षिणी भारत के बाजार एमडीएफ के लिए टेस्टिंग टाइम के रूप में देखा जा रहा है कि इतनी बड़ी क्षमता विस्तार का उपयोग कैसे होगा। उत्तर भारत स्थित घरेलू ब्रांड जैसे सेंचुरी प्रोवुड, एक्शन टेसा, और कई और जिनक दक्षिण में भी अपनी अच्छी उपस्थिति हैं, वे भी उस बाजार में अपना प्रभाव डाल रहे हैं। इसलिए, डीलरों का मानना है कि बाजार अधिक प्रतिस्पर्धी होगा जो उन्हें एमडीएफ की सप्लाई के साथ कीमत में वृद्धि को नियंत्रित करने में सहायक होगा।

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