ऑल इंडिया पीवीसी लेमिनेट्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एआईपीएलएमए) ने पीवीसी लेमिनेट की कीमतों में 150 रुपये प्रति शीट की बढ़ोतरी की घोषणा की है। डब्ल्यूपीसी/पीवीसी बोर्ड के निर्माता भी कीमतों में 10 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी कर रहे हैं। पीवीसी/डब्ल्यूपीसी के निर्माताओं का इरादा कच्चे माल की बढ़ती कीमत के कारण तैयार उत्पाद की कीमत बढ़ाने की है। पीवीसी लेमिनेट प्लेयर्स ने प्लाई रिपोर्टर को बताया की ‘कच्चे माल जैसे पीवीसी रेजिन, एडिटिव्स, अंतरराष्ट्रीय माल ढुलाई भाड़ा में 8 गुना वृद्धि और अन्य केमिकल की लागत में पर्याप्त उछाल को ध्यान में रखते हुए, इनपुट कॉस्ट आगे बढ़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। पीवीसी लेमिनेट शीट में प्रयुक्त पीवीसी फिल्म केवल 45 दिनों में 40 फीसदी से अधिक बढ़ गई है। ग्राउंड रिपोर्ट में पाया गया कि सितंबर के पहले सप्ताह में पीवीसी रेजिन की कीमत 150 रुपये तक पहुंच गई है जो एक साल पहले 75 रुपये थी।
आयातकों ने इस पर प्लाई रिपोर्टर से बात की और कहा कि ‘लोगों को लगता है कि हम अतिरिक्त फायदा उठा रहे हैं लेकिन यह सच नहीं है, इस कॉस्ट को वहन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है क्योंकि कीमतों में वृद्धि एक वैश्विक परिदृश्य है।
एलस्टोन डब्ल्यूपीसी के निदेशक श्री दीपांकर गर्ग ने कहा कि18 मिमी बोर्ड की कीमत 170 रुपये की ओर जा रहा है जो शुरू में 100 रुपये था। एक परियोजना में सरकार या प्राइवेट सेक्टर द्वारा फर्नीचर सेगमेंट के लिए दिए गए काफी कम बजट के साथ, यदि उत्पाद की कीमत लगातार बढ़ती रही, तो एक ठेकेदार इसे कैसे चुनेगा यदि बाजार में बहुत सारे पैनल उत्पाद हों। फिलहाल हालात इसके भविष्य को बेहद चुनौतीपूर्ण बना रहा हैं।
प्लाई रिपोर्टर के साथ चर्चा के दौरान उद्योग जगत के लीडर्स ने कहा कि बढ़ती इनपुट कॉस्ट के साथ कुछ प्लेयर्स द्वारा गुणवत्ता से समझौता किया जा रहा है और घनत्व घटकर 0.4 हो गया है, यही कारण है कि ग्राहक इस उत्पाद से दूर भागने लगे हैं क्योंकि इसके चलते इसकी मजबूती, लचीलेपन, पेंच धारण करने की क्षमता जैसे कारक विश्वास खो रहे हैं। परिदृश्य उन लोगों को ज्यादा प्रभावित कर रहा है जो ब्रांडिंग में कमजोर हैं और असंगठित प्लेयर्स को अपना ऑपरेशन बंद करने को मजबूर होना पड़ रहा हैं।
ब्लैक कोबरा ग्रुप के निदेशक श्री नरेश गर्ग ने कहा कि पीवीसी की कीमत जरूर बढ़ी है लेकिन इससे मांग पर कोई असर नहीं पड़ा। कच्चे माल की बढ़ती कीमतों के साथ हमने तैयार उत्पादों जैसे डब्ल्यूपीसी/पीवीसी बोर्ड, डोर और डोर फ्रेम आदि की कीमत भी बढ़ा दी है। इसका असर बाजार में भी देखने को मिला। निश्चित रूप से प्लाइवुड और डब्ल्यूपीसी/पीवीसी बोर्ड के बीच कीमत का अंतर अगले स्तर तक बढ़ गया है जो बिक्री को प्रभावित कर सकता है।