सभी प्रोडक्ट केटेगरी में कीमतों में उतार-चढ़ाव अब भारत में एक स्वीकृत वास्तविकता है। डेकोरेटिव सरफेस के साथ साथ वुड पैनल प्रोडक्ट के सभी केटेगरी में पिछले एक वर्ष में कीमतों में 15 से 40 फीसदी की वृद्धि हुई है, लेकिन टीक प्लाई की कीमतें अभी भी उन्हीं स्तर पर उपलब्ध हैं, और यदि गुणवत्ता सही है तो इसकी गणना करना मुश्किल है। हाल ही में विनियर सेक्टर पर किए गए एक सर्वे के दौरान, यह तथ्य स्पष्ट रूप से उभर कर आया कि टीक सेगमेंट में कीमतों में मुश्किल से 3 से 5 फीसदी की वृद्धि हुई। डेकोरेटिव विनियर और प्लाइवुड सेगमेंट में ग्रेड और थिकनेस कम करने के विश्लेषण के लिए गहराई से खोज की गई।
चीन से आयातित टीक प्लाई अब उसी कीमत और मात्रा पर उपलब्ध नहीं है लेकिन घरेलू उत्पादकों ने मांग को पूरा करने के लिए अपने प्लाइवुड उत्पादन बढा दिया है। बेस प्लाइवुड की कीमत में तेजी के बावजूद कुछ बड़े पैमाने पर खपत होने वाली प्रजातियों सहित टीक की कीमतों में ज्यादा वृद्धि नहीं हुई। विनियर रिटेल एक्सपर्ट्स का मानना है कि टॉप लेयर ग्रेडिंग में गिरावट आय यानी थिकनेस, कलर, ग्रेड और गुणवत्ता से समझौता करने से मुआवजा मिल रहा है। सूरत केएक रिटेलर ने कहा कि क्वालिटी और ग्रेड घटता जा रहा है, क्योंकि अधिकांश उत्पादक वॉल्यूम बेचने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए कीमतों पर दबाव है।
विनियर बाजार के सर्वे से पता चलता है कि टीक विनियरका अभी भी दबदबा है और विनियर केटेगरी में सबसे सस्ता प्रोडक्ट है। कीमत जाँच करने पर पता चला, टीक विनियर की कीमतें मुश्किल से 4 से 6 फीसदी बढ़ी हैं, जबकि अन्य सभीस्पेसीज में 12 से 20 फीसदी तक की वृद्धि दर्ज की गई है। टीक की कीमतों के पीछे तर्क यह था कि यह पड़ोसी देशों से आ रहा है, इसलिए समुद्री माल भाड़ा का असर ज्यादा नहीं रहा, लेकिन उत्पादकों के साथ इन तथ्यों की क्रॉस-चेकिंगकरने पर पता चलता है कि यह स्थिति प्रतिस्पर्धा और पेमेंट पर दबाव के कारण है।
यदि कोई 0.3 मिमी से ज्यादा वाले टीक के साथ अच्छी क्वालिटी, हाई ग्रेड उत्पाद की तुलना करें तो टीक प्लाई की कीमतें 50 से कम नहीं हैं। फिर भी 20 - 25 फीसदी सस्ते में उत्पाद बिक रहे हैं। विनियर केटेगरी में सभी अनिश्चितताओं के बीच, जो सावधानी बरती जा रही है वह है ग्रेड के अनुसार टीक खरीदना।