लाइनर लेमिनेट की सप्लाई में सुधार, कीमतें भी घटी

person access_time3 14 December 2021

मेलामाइन और फार्मल्डिहाइड सहित कच्चे माल की तेजी के कारण लाइनर की कीमतों में भारी उछाल आया था। मेलामाइन की ऊंची कीमतों ने लाइनर लेमिनेट के उत्पादन को भी प्रभावित किया और कई कंपनियों ने लाइनर के उत्पादन को बंद करने का फैसला किया था। सितंबर और अक्टूबर महीने में लाइनर की काफी कम आपूर्ति के चलते बाजार में अचानक उतार-चढ़ाव के कारण संकट पैदा हो गया था।

लेकिन, अब मेलामाइन और अन्य केमिकल की कीमतों में नरमी से उत्पादकों को राहत मिली है। इस बदलाव से निर्माताओं को लाइनर लेमिनेट का उत्पादन फिर से शुरू करने का बल मिला है। नवंबर में लाइनर लेमिनेट की सप्लाई में सुधार हुआ और बाजार इसकी पुष्टि भी करता है। बाजार के सूत्रों के अनुसार कीमत पहले से 10-12 प्रतिशत कम बताई जा रही है। बाजारों में वितरकों ने अक्टूबर में और यहां तक कि नवंबर में भी परेषानी का सामना करना पड़ा, जब उन्होंने अपनी लाइनर लेमिनेट की जरूरतों के लिए 10 से ज्यादा निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं से संपर्क किया, पर उन्हें कही से मेटेरियल नहीं मिला था। अब, आपूर्ति में सुधार हुआ है और कीमतें भी 10-12 फीसदी तक कम हो गई है। आने वाले हफ्तों में 1 से2 फीसदी की और कमी आने की उम्मीद है।

इंदौर, लुधियाना, लखनऊ, बैंगलोर आदि के डीलरों ने लाइनर लेमिनेट की सप्लाई में सुधार की पुष्टि की है, जो अक्टूबर में नहीं था। इससे उनकी रेंज और कैटेगरी की मांग पर भी असर
पड़ा था। कई प्लयेर्स द्धारा लेमिनेट के रिप्लेसमेंट के तौर पर सॉलिड कोर शीट पेश किया जाने लगा था, क्योंकि लाइनर की कीमत लगभग उसी स्तर तक पहुंच गई थी। यह समाचार लिखे जाने तक, लाइनर की कीमतें जो 400 का आंकड़ा पार कर चुकी थी, अब 10-12 फीसदी कम कीमतों पर पेश की रही हैं, जो अलग-अलग ब्रांड से लेकर अलग अलग थिकनेसके लिए अलग अलग हैं।

आर्गेनाइज्ड प्लेयर्स ने अभी तक प्राइस को लेकर विचार नहीं.किया है। ज्ञातव्य है कि लाइनर ग्रेड लेमिनेट का बाजार कम मार्जिन पर काम करता है इसलिए कच्चे माल की कीमत में वृद्धि से कीमत बढ़ाने या घटाने की क्षमता पर असर नहीं पड़ता। लाइनर ग्रेड काफी ज्यादा वाल्यूम के साथ लेमिनेट इंडस्ट्री को बनाए रखने में कारगर भूमिका अदा करता है इसलिए प्लांट के ओवरहेड कास्ट में किसी भी कीमत में उतार-चढ़ाव के साथ गतिशीलता बदल जाती है। इसलिए कच्चे माल की उपलब्धता फिर से शुरू होने के बावजूद काफी ज्यादा पूंजी की जरूरत के चलते उत्पादन में गिरावट केकारण लाइनर की सप्लाई में कमी एक समस्या बनी ही रहेगी।

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