उत्तर भारत में लूवर्स पैनल का बाजार तेजी से बढ़ा

Tuesday, 17 May 2022

लूवर्स पैनल की मांग तेजी से बढ़ी है और इसने चारकोल के शेयर पर कब्जा कर लिया है। उत्तर भारत के विभिन्न बाजारों जैसे दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, ट्राई-सिटी, हरियाणा, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लूवर्स पैनल की मांग में शानदार वृद्धि हुई है, इसलिए रिटेलर इस उत्पाद में शामिल हो रहे हैं। नए सप्लायर की खोज के लिए प्लाई रिपोर्टर को अप्रोच करने वाले लोगों की संख्यां आश्चर्यजनक रूप से बढ़ा है।

यह एक प्रीफिनिश्ड डेकोरेटिव पैनल है, जिसे आसानी से इंसटाल किया जा सकता है और इसके एस्थेटिक रिजल्ट भी बहुत अलग हैं इसलिए इंटीरियर कांट्रैक्टर इस मेटेरियल को उपयोग करना पसंद करते हैं। इसके एप्लिकेशन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू इसको बहुत तेजी से इंसटाल किया जा सकता है और कम से कम बर्बादी होती है। इसकी सुंदरताऔर रंग इंटीरियर के दीवारों में वैल्यू ऐडिशन करते हैं, और एक नया रूप देते हैं। इन पैनलों को ऑफिस, डाइनिंग रूम, टीवी केबिनेट, सीलिंग आदि में व्यापक रूप से उपयोग किए जा रहे है।

दिल्ली स्थित शुभनेन इंपेक्स के श्री यश अग्रवाल उत्तर भारत में लूवर्स पैनल के एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है, उनका कहना है कि उत्तर भारत लूवर्स पैनल का सबसे बड़ा खरीदार बना हुआ है। यहाँ भारत के अन्य भागों की तुलना में वॉल्यूम की खपत दोगुने से भी अधिक है। सबसे बड़े कारणों में से एक यह है कि उपभोक्ता बड़े पैमाने पर बंगले वाले हैं और ऊंची इमारतों के बजाय स्टैंड अलोंन हाउस हैं, इसलिए ये बड़े वॉल्यूम में मेटेरियल मागंते है और अगर उन्हें उत्पाद पसंद है तो कीमतों के लिए वे ज्यादा चिंतित नहीं होते हैं।

प्लाई रिपोर्टर ने पाया कि उत्तर भारत का व्यापार तहलका मचा रहे हैं और प्रति पैनल की कीमत पर ध्यान केंद्रित करते हैं। लेकिन, वे खपत अधिक करते हैं। हालांकि दक्षिण में, आर्किटेक्ट के पसंद के चलते और डिजाइन पैटर्न में डिजाइन के अनुसार विभिन्न मेटेरियल का उपयोग किया जाता हैं।चूंकि उत्तर भारत में टर्नकी प्रोजेक्ट का आम चलन में हैं। किसी ठेकेदार के लिए पहले की तुलना में दीवारों या छत के लिए लूवर्स का उपयोग करना आसान होता है, जबकि पहले उन्हें ग्रिल या विनियर या वॉल पेपर बेस या एमडीएफ का उपयोग करना पड़ता था और खांचे काटना पड़ता था।

लूवर्स, लेवर कोस्ट को भी बहुत बचाता है क्योंकि यह मुख्य रूप से एक रात में ही इंसटाल किया जा सकता है। शुभनेन इंपेक्स, ट्रीलैम, विवरे, कॉस्मिक और मन इंफ्रा इत्यादी के 4.5 उत्तर भारत में लूवर्स पैनल का बाजार तेजी से बढ़ा इंच से 6 इंच तक की चौड़ाई में 8 फीट से 9.5 फीट तक के लूवर्स पैनल के 11 कैटलॉग प्रदान करते है। लूवर्स पैनल रेंज में उनके पास 300 से अधिक डिजाइन हैं।

दिल्ली स्थित वेंचुरा इंटरनेशनल भी वेंचुरा प्लैंक, जिसमें फॉयल की क्वालिटी यूरोपीय के जैसा है, प्रदान करता है। वेंचुरा के श्री प्रशांत माहेश्वरी कहते हैं कि हाई क्वालिटी फॉयल के कारण मेटेरियल के अलग अलग बैचों में कोई अंतर नहीं होता है। दूसरे कंपनियों में यह बहुत ही आम शिकायत है। श्री प्रशांत कहते हैं कि उत्तर भारत बाकी प्रदेशों की तरह ही वेंचुरा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह सभी उत्पादों के लिए वेंचुरा का सबसे मजबूत बाजार है। यहां ग्राहक ब्रांड और गुणवत्ता को काफी महत्व देते हैं।

लूवर्स पैनलों का ग्रोथ अभी भी तेजी से हो रहा है और ऐसा लगता है कि यह अगले 3 से 4 वर्षों तक बना रहेगा, क्योंकि काफी ज्यादा डोमेस्टिक प्रोडूसर्स इस लाइन में शामिल हो रहे हैं। लूवर्स पैनल का बाजार निश्चित रूप से कुछ क्षेत्रों जहां विनियर, लेमिनेट, कई अन्य हाइलाइटर वॉल पैनल का उपयोग किया जा रहा था, उन्हें प्रभावित कर रहा है। प्राथमिक सर्वे में लूवर्स पैनल में वॉल्यूम काफी ज्यादा है जो चारकोल पैनल वॉल्यूम साइज से दोगुना है। इस पर अन्य तथ्यों के साथ एक विस्तृत रिपोर्ट प्लाई रिपोर्टर के अगले अंक में प्रकाशित की जाएगी।

Image
Ply Reporter
Plywood | Timber | Laminate | MDF/Particle Board | PVC/WPC/ACP

Ply Reporter delivers the latest news, special reports, and industry insights from leading plywood manufacturers in India.

PREVIOS POST
5 More New Laminate Plants in Nepal
NEXT POST
North India: Rise of Louver Panels