भारत ने घरेलू उद्योगों की शिकायत के बाद कुछ खास प्रकार के प्लास्टिक के आयात अचानक बढ़ने से सेफगॉर्ड ड्यूटी जांच शुरू कर दी है। डीजीटीआर ने ‘2 पीपीएम से ज्यादा वीसीएम वाले पीवीसी सस्पेंसन रेजिन‘ के आयात की जांच शुरू की है, जिसका उपयोग विभिन्न उद्योगों जैसे पाइप, पैकेजिंग, वायरिंग और इन्सुलेशन, बोर्ड और चिकित्सा उत्पादों में किया जाता है।
डीजीटीआर की एक अधिसूचना के अनुसार, केमप्लास्ट कुड्डालोर विनाइल और डीसीडब्ल्यू लिमिटेड ने जांच शुरू करने के लिए आवेदन भेजे है। उन्होंने आरोप लगाया है कि भारत में आयात की मात्रा में अचानक, हाल ही में तेज वृद्धि हुई है जिससे घरेलू उद्योग को गंभीर क्षति होने लगी है। इससे और ज्यादा क्षति होने का खतरा पैदा हो रहा है। तदनुसार, कंपनियों ने आयात पर मात्रात्मक प्रतिबंध के रूप में सेफगॉर्ड ड्यूटी उपायों को लागू करने का अनुरोध किया है।
अधिसूचना में कहा गया है कि याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर आवेदन और घरेलू उद्योग द्वारा प्रस्तुत प्रथम दृष्टया साक्ष्य के आधार पर खुद को संतुष्ट करने के बाद, प्राधिकारी का मानना है कि सेफगॉर्ड ड्यूटी जांच शुरू करने को उचित ठहराने के पर्याप्त सबूत हैं ।
जांच में, डीजीटीआर यह निर्धारित करेगा कि क्या हाल हीm में और अप्रत्याशित बृद्धि के परिणामस्वरूप आयात अचानक और तेजी से बढ़ा है, और क्या इस तरह के बढ़े हुए आयात ने घरेलू उद्योग को गंभीर चोट पहुंचाया या खतरा पैदा किया है या नहीं।
ज्ञातव्य है कि इम्पोर्टेड पीवीसी रेजिन की कीमतों में सितंबर में 25 फीसदी की गिरावट आई है और यह प्रवृत्ति अभी भी जारी है, जिससे घरेलू उत्पादकों को कीमतें कम करने को मजबूर होना पड़ा। भारतीय पीवीसी बोर्ड निर्माता,पीवीसी रेजिन के यूजर, कीमतों में कमी के कारण राहत महसूस कर रहे हैं, और इसके बाजार बढ़ने की उम्मीद कर रहे है, जो एक साल से रेजिन की ऊँची कीमतों के कारण अन्य पैनल प्रोडक्ट में स्थानांतरित हो गया था। पीवीसी बोर्ड के उत्पादकों का कहना है कि सेफगॉर्ड ड्यूटी लगने से घरेलू बोर्ड उत्पादक हतोत्साहित होंगे।