विशाखापतनम क्षेत्र एमडीएफ और प्लाई उत्पादन हब बनने की ओर

person access_time3 30 November 2022

वुड पैनल इंडस्ट्रीज विशेष रूप से प्लाइवुड और एमडीएफ, पार्टिकल बोर्ड्स के ग्रोथ के लिए टिम्बर प्रमुख कच्चा माल है। भारतीय रेडीमेड फर्नीचर सेक्टर में तेज ग्रोथ के चलते वुड पैनल इंडस्ट्री सेक्टर में निवेश में भी तेजी आई है। इसके अलावा, पैनल प्रोसेसिंग और पैनल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए नए क्षेत्रों की खोज हो रही है।

चूंकि उत्तरी राज्यों में लकड़ी की कमी है, इसलिए दक्षिणी भारतीय राज्य तेजी से वुड पैनल मैन्युफैक्चरिंग के लिए हॉटस्पॉट के रूप में उभर रहा हैं। ग्रीनपैनल और रुशिल डेकोर एमडीएफ प्लांट्स के साथ-साथ दक्षिण भारत स्थित प्लाइवुड यूनिट्स इन नए प्लांट के लिए उत्प्रेरक का काम कर रही है। सेंचुरी प्लाई और ग्रीनलैम की नई ग्रीनफील्ड परियोजनाएं क्रमशः आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में आ रही हैं। दक्षिणी में, विशाखापतनम और मैसूर बेल्ट, वुड पैनल सेक्टर के लिए प्रमुख हॉटस्पॉट के रूप में उभरे हैं, और कई निवेशक इन क्षेत्रों में एमडीएफ, पार्टिकल बोर्ड और प्लाइवुड यूनिट्स लगाना चाहते हैं। इंडस्ट्री के सूत्रों के अनुसार, एमडीएफ और प्लाइवुड यूनिट्स के लिए आधा दर्जन नए उद्यमी इस क्षेत्र में जमीन खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ मामलों में जमीन के सौदे भी हुए हैं।

ज्ञातव्य है कि विशाखापतनम में लगभग एक दर्जन प्लाइवुड मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं, जो हाई क्वालिटी कैलिब्रेटेड प्लाइवुड के उत्पादन के लिए स्थापित प्लांट का आक्रामक रूप से आधुनिकीकरण कर रही हैं। हालांकि, हर महीने नए प्लांट के आने की खबर से, लकड़ी की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। दूसरी तरफ दूर-दराज के प्लाइवुड और पेपर मिलों के लिए लकड़ी का ऑउटफ्लो बढा है। विशाखापतनम के एक प्लाइवुड मैन्युफैक्चरर का कहना है कि कोलकाता स्थित प्लाइवुड यूनिट को भी इस क्षेत्र से लकड़ी की आपूर्ति की जा रही है।

इसी तरह, कर्नाटक में मैसूर बेल्ट में भी प्लाइवुड और यहां तक कि पार्टिकल बोर्ड के लिए नए प्लांट लगाने का आकर्षण बढ़ा है। स्थानीय उत्पादकों का कहना है कि यह क्षेत्र टिम्बर के प्रमुख सप्लाई पॉइंट बने हुए हैं और यहां तक कि दूर के प्लाइवुड यूनिट में भी लकड़ी भेजी जा रही है। यूकालि के अलावा, मैसूर बेल्ट में मेलिया दुबिया उपलब्ध है, जो प्लाइवुड बनाने के लिए काफी उपयुक्त है। अभी इस क्षेत्र में कोई बड़ी प्लाइवुड यूनिट नहीं है, लेकिन करीब एक दर्जन पीलिंग यूनिट सफलतापूर्वक चल रहे है। हाल ही में उत्तर भारत के दो प्लाइवुड उत्पादकों ने इस क्षेत्र में प्लाइवुड यूनिट लगाने के लिए प्रयासरत है।

You may also like to read

shareShare article
×
×