पंजाब सरकार ने ई-टिम्बर पोर्टल लॉन्च किया है। 12 फरवरी को, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसकी जानकारी दी, जिससे किसान ऑनलाइन लकड़ी बेच सकते हैं। सीएम ने दावा किया कि यह देश में अपनी तरह का पहला पोर्टल है, और इसे वन विभाग द्वारा विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को लाभ होगा। सरकार की इस नई पहल पर उद्योग जगत के लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया रही।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा पहले, लकड़ी की खरीद बिक्री ज्यादातर असंगठित बाजारों में की जाती थी, जिससे किसानों को उचित मूल्य प्राप्त करना मुश्किल हो जाता था और किसान प्लांटेशन से दूर होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पोर्टल यह सुनिश्चित करेगा कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले। पंजाब के किसान अब इस पोर्टल के जरिए अपनी लकड़ी सीधे कंपनी को बेच सकेंगे, जिससे बिचैलियों की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार का कहना है कि यह पोर्टल पूरी पारदर्शिता के साथ काम करेगा, जिसका उद्योग के लोगों ने स्वागत भी किया और कई ने आलोचना भी की।
डॉ. संजीव कुमार तिवारी आईएफएस, डीएफओ नॉर्थ सर्कल, पंजाब, होशियारपुर ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए बताया की किसानो को प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि किसान पारंपरिक फसल चक्र से बाहर निकल सकें। प्राथमिकता के तौर पर वन विभाग द्वारा सफेदा, डेक एवं अन्य स्पेसीज के प्लांटेशन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने इ-टिंबर पोर्टल से किसानो को लाभ पहुंचने की आशा व्यक्ति की।
उद्योग के लोगों की राय
श्री नरेश तिवारी, अध्यक्ष, एआईपीएमएः यह किसानों और उद्योगपतियों के लिए एक हेल्पलाइन है। इस व्यवस्था में किसान टिम्बर से संबंधित जानकारी जैसे उसकी फोटो, मात्रा और कीमत ऑनलाइन डालेंगे और उसे सार्वजनिक करेंगे। उद्योग इसे देखने के बाद उन किसानों से बात चीत करेगा और उपलब्ध टिम्बर उनसे सीधे खरीद सकेगा। इसमें बिचैलियों की भूमिका नहीं होगी। इस तरह उद्योग को लकड़ी की सही गुणवत्ता मिलेगी और किसानों को सही कीमत मिलेगी। सिर्फ एक हफ्ते में ही पोर्टल पर दोनों तरफ से बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन देखने को मिले हैं। सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है क्योंकि इससे विभिन्न क्षेत्रों में मंडी की मांग को लेकर सभी तरह के विवाद दूर हो गए हैं।
रामनिक इंटरनेशनल के निदेशक श्री बलदेव सिंहः यह सरकार का एक सकारात्मक कदम है जो लकड़ी के व्यापार में बिचैलियों को खत्म करके कीमतों को लेकर किसानों और निर्माताओं के लिए समान रूप से पारदर्शिता बढ़ाएगा। यह लकड़ी के व्यापारियों की गतिविधियों में भी सुधार करेगा और ऑनलाइन के साथ प्रतिस्पध्र् ाा करेगा। यद्यपि हम स्थानीय रूप से लकड़ी की खरीद करते हैं, अगर हमें किसी अन्य जिले में उचित मूल्य पर अच्छी गुणवत्ता वाली टिम्बर मिलती है और लॉजिस्टिक कॉस्ट व्यवहार्य रहती है, तो हम उसे खरीदना चाहेंगे। इस वर्ष प्लांटेशन के इच्छुक किसानों को नर्सरी में हाई क्वालिटी प्लांट्स नहीं मिल पा रहे हैं। मेरा मानना है कि सरकार को हाई क्वालिटी स्पेसीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अधिक नर्सरी और अनुसंधान एवं विकास सुविधाएं स्थापित करके प्लांटेशन को भी प्राथमिकता देनी चाहिए।
श्री मनोज छाबड़ा, जेएमसी प्लाइवुडः यह देखना होगा कि इंडस्ट्री और किसानों के फायदे के लिए सरकारी अधिकारी इसे कैसे आगे बढ़ाते हैं। इसके सुचारू रूप से संचालन के लिए अतिरिक्त लकड़ी की उपलब्धता की आवश्यकता होगी, पर प्लांटेशन में सरकार की कोई दिलचस्पी नहीं है। दूसरा, क्योंकि टिम्बर की क्वालिटी केवल शारीरिक देख और फिजिकली देख छूकर ही निर्धारित की जा सकती है, इसे ऑनलाइन बेचना एक कठिन कार्य होगा। तस्वीरों को देखकर क्वालिटी के बारे में नहीं बताया जा सकता है। एमडीएफ को ज्यादा फायदा होगा, और लकड़ी की कीमत अधिक स्थिर होगी, लेकिन मुझे नहीं लगता कि प्लाईवुड इंडस्ट्री को इससे फायदा होगा। सरकार उद्योग के लिए वन-स्टॉप शॉप के बारे में भी बात कर रही है, लेकिन हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि ये सरकारी प्रस्ताव कैसे अच्छे से कार्य करते हैं।