25 साल के प्रतिबंध के बाद सीपीडब्ल्यूडी के प्रोजेक्ट में शुरू होगा लकड़ी का इस्तेमाल, उद्योग ने की सराहना

person access_time3 30 July 2020

केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने 1993 से प्रतिबंधित अपनीपरियोजनाओं में लकड़ी के उपयोग पर यह कहते हुए प्रतिबंध को समाप्त कर दिया, कि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, रोजगार पैदा करने और किसानों को अधिक पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ;(MoEFCC) ने प्रतिबंध हटाने के लिए कहा था। (MoEFCC) ने कंस्ट्रक्शन में लकड़ी के उपयोग पर प्रतिबंध को हटाने के लिए कहा है, क्योंकि इससे सम्बंधित उद्योगों के उत्पादों की मांग बढ़ेगी, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा और किसानों तथा अन्य लोगों को बंजर भूमि में पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

सम्बंधित उद्योगों, स्टेक होल्डर्स और अनुसंधान संस्थानों द्वारा इसका लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। इसके लिए आईडब्ल्यूएसटी ने कई साल पहले सिफारिश की थी। आईडब्ल्यूएसटी के निदेशक श्री एमपी सिंह ने कहा कि यह सरकार द्वारा उठाया गया स्वागत योग्य कदम है। आईडब्ल्यूएसटी ने इस पर प्रतिबंध नहीं लगाने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि अब प्रतिबंध हटने के बाद कृषि वानिकी को फायदा होगा और इससे किसान लाभान्वित होंगे। मकानों में लकड़ी के बढ़ते उपयोग से वुड बेस्ड इंडस्ट्री को भी बढ़ावा मिलेगा। कांडला टिम्बर एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री नवनीत गज्जर ने भी प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इससे लकड़ी उद्योग को मदद मिलेगी और मांग बढ़ेगी।

अखिल भारतीय टिम्बर मर्चेंट्स सॉ मिलर्स एंड एलाइड इंडस्ट्रीज फेडरेशन के अध्यक्ष श्री नवल केडिया ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारी विभागों में लकड़ी के विभिन्न उपयोग तथा इसके लिए सतत विकास के आधार पर लकड़ी के उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एसोसिएशन लंबे समय से प्रयास कर रहा है। प्लास्टिक, स्टील, एल्युमीनियम आदि के विपरीत लकड़ी एक कार्बन न्यूट्रल कमोडिटी है। हम परियोजनाओं जैसे स्कूलों/ कॉलेजों में डेस्क/कुर्सियों, रेलवे ट्रैक्स में वुडन स्लीपरों के पुनः निर्माण को प्रोत्साहित करने के साथ सरकारी विभागों में डोर, डोर फ्रेम तथा इंडस्ट्रियल युज के लिए लकड़ी के अधिक से अधिक उपयोग तथा कृषि वानिकी का प्रचार आदि के लिए प्रायसरत हैं। 25 साल के लंबे इंतजार के बाद अपनी सभी परियोजनाओं में टिम्बर के उपयोग पर सीपीडब्ल्यूडी द्वारा प्रतिबंध हटाने से संतोष का अहसास हो रहा है। कार्बन न्यूट्रल इंडिया के बड़े उद्देश्य को प्राप्त करने और सतत विकास पर आधारित लकड़ी के उपयोग के लिए यह पहला कदम है।

सुमित्रा राजकृपाल ग्रुप (एसआरजी) के निदेशक श्री अक्षत गर्ग ने कहा कि भवन निर्माण में उपयोग के लिए लकड़ी पर प्रतिबंध हटाने के सीपीडब्ल्यूडी के फैसले से निश्चित रूप से रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे। रियल एस्टेट सेक्टर में किसानों से लेकर श्रमिकों तक हर कोई इससे जुड़कर अधिक से अधिक नौकरियों पैदा करने में सक्षम होंगे जिससे अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। हम SRG में वनीकरण और इसके महत्व को समझते और विश्वास करते हैं जैसा कि हम दक्षिण अमेरिका और पश्चिम अफ्रीका में देखते है। सतत विकास के लिए हमें अपने देश के किसानों, जो हमारी अर्थव्यवस्था के स्तंभ का निर्माण करते है, उनकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पुनर्वनीकरण के महत्व को समझना होगा।

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