वुड बेस्ड पैनल उत्पादों के लिए फॉर्मल्डिहाइड इमिशन के बारे में वुड बेस्ड पैनल उद्योग से प्राप्त पत्र का हवाला देतेहुए इपिर्ति ने भारतीय मानक ब्यूरो से अनुरोध किया है कि वह इस मामले को अगली ब्म्क्-20 की बैठक में विचार के लिए रखंे। फॉर्मल्डिहाइड इमिशन पर तकनीकी नोट और वुड बेस्ड पैनल प्रोडक्ट के मानकों को उन्हें रेफ्रेन्स के लिए भेजा गया है। हमारे देश में ऐसे वुड बेस्ड उत्पादों/फर्नीचर के आयात में फार्मल्डिहाइड उत्सर्जन से संबंधित तकनीकीस्थिति के लिए वाणिज्य मंत्रालय को भी सिफारिश की गई है।
वुड बेस्ड पैनल इंडस्ट्री प्लाइवुड, पार्टिकल बोर्ड, एमडीएफ बोर्ड बनाने के लिए फार्मल्डिहाइड आधारित सिंथेटिक रेजिन एडेसिव का उपयोग करते हैं। आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले रेजिन यूरिया फार्मल्डिहाइड (यूएफ), फिनोल फॉर्मल्डिहाइड (पीएफ) और कुछ हद तक मेलामिन फार्मल्डिहाइड (एमएफ) और यूरिया मेलामिन फार्मल्डिहाइड (यूएमएफ) का भी उपयोग किया जा रहा है। ये रेजिन, वुड बेस्ड पैनल में बॉन्डिंग के रूप में उपयोग किए जाते हैं, तो पैनल उत्पादों से जीवन पर्यन्त फॉर्मल्डिहाइड का उत्सर्जन होता हैं। पार्टिकल बोर्ड और एमडीएफ से अधिक उत्सर्जन होता है और प्लाइवुड से थोड़ी कम। कई तरह के रेजिन में सबसे ज्यादा उत्सर्जन यूएफ रेजिन से फिर एमएफ और यूएमएफ से और सबसे कम पीएफ रेजिन से होता है। फार्मल्डिहाइड को स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना जाता है, इसलिए कम्पोजिट वुड के उत्पादों में फोर्मल्डिहाईड उत्सर्जन सख्त नियमों के तहत निर्धारित सीमा के भीतर होना चाहिए। हवा में फॉर्मल्डिहाइड वाले वातावरण में लंबे समय तक रहने से स्वास्थ्य की समस्या पैदा हो सकती है। लेकिन कम समय में फॉर्मल्डिहाइड से त्वचा में जलन और आंखों से आँसू बहने की समस्या हो सकती है। पैनल उत्पादों के लिए कई अंतरराष्ट्रीय/ राष्ट्रीय मानक हैं जो फॉर्मल्डिहाइड उत्सर्जन के लिए निर्धारित है।
लोगों में जागरूकता बढ़ने से वुड पैनल उत्पादों फॉर्मल्डिहाइड के उत्सर्जन का स्वीकार्य स्तर पिछले दशकों में लगातार कम हुआ है। कैंसर पर अनुसंधान कर रहे इंटरनेशनल एजेंसी द्वारा ‘‘मनुष्यों के लिए कार्सिनोजेनिक‘‘ के रूप में फॉर्मल्डिहाइड के पुनः वर्गीकरण करने से उपभोक्ता संघों, अधिकारियों और स्वयं उद्योग ने इस पर चिंता व्यक्तकी है। फॉर्मल्डिहाइड के प्रभावों पर 2005 से यूएसए और यूरोप में अध्ययन शुरू किया गया था और इससे संबंधित स्टैण्डर्ड तय किये गए, उसी के अनुसार यूरोप और यूएसए ने वुड एंड वुड बेस्ड पैनल उत्पादों के लिए फॉर्मल्डिहाइड एमिशन क्लासेज तय गई थी।
यूरोप में, जर्मनी ने नियमों के साथ-साथ वास्तविक इंडस्ट्रियल प्रक्टिसेस में पैनल फॉर्मल्डिहाइड इमिशन को कम करने में अग्रणी था। वर्तमान में जर्मन ई 1 इमिशन लिमिट के कम्प्लायन्स की आवश्यकता है। वुड बेस्ड पैनल के लिए यूरोपीय फॉर्मल्डिहाइड लिमिट मानक म्छ 13986 में संक्षेपित हैं - जिसमें 2 इमिशन क्लासेज म्1 और म्2 शामिल हैं। यूरोपीय देशों, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान ने भी फॉर्मल्डिहाइड इमिशन के लिए स्टैण्डर्ड तय किए हैं। इनमें से ज्यादातर देश म्1 मानकों के साथ पैनल क्लास 0.1 पीपीएम चैंबर मेथड) से कम फॉर्मल्डिहाइड उत्सर्जन सीमा रखते हैं। 1 जून, 2018 से 22 मार्च, 2019 तक संयुक्त राज्य अमेरिका में बिक्री के लिए निर्मित या आयात किए गए वुड प्रोडक्ट की बिक्री व् सप्लाई के लिए, उन्हें ब्।त्ठ ।ज्ब्ड फेज प्प् या ज्ैब्। टाइटल टप् के अनुपालन से सम्बंधित लेबल करने की आवश्यकता थी। 22 मार्च, 2019 के बाद, कम्पोजिट वुड प्रोडक्ट को ज्ैब्। टाइटल टप् कम्प्लायन्स के रूप में लेबल किया जाना चाहिए। इन उत्पादों में हार्ड वुड, प्लाइवुड, एमडीएफ, और पार्टिकल बोर्ड शामिल हैं, साथ ही वैसे घरेलू और अन्य फिनिश्ड गुड्स जिनमें इन उत्पादों का उपयोग किया गया है। लैमिनेटेड उत्पादों के लिए, उत्पाद-परीक्षण आवश्यकताओं, लेबलिंग, रिकॉर्डकीपिंग और आयात प्रमाणनके प्रावधानों को शामिल करके, नियम यह सुनिश्चित करता है कि सूचीबद्ध उत्पादों को संयुक्त राज्य अमेरिका में निर्मित करने, बेचने, सप्लाई करने, बिक्री के लिए आयात हो उसके लिए मानक तय है।
भारत में, हालांकि, आम तौर पर फॉर्मल्डिहाइड के उत्सर्जन और मानव स्वास्थ्य पर इसके हानिकारक प्रभाव के बारे में वुड बेस्ड पैनल उत्पादों के निर्माताओं और उपयोगकर्ताओं के बीच आम सहमति विकसित हो रही है, भारतीय मानक ब्यूरो को वुड बेस्ड पैनल प्रोडक्ट से उत्सर्जन की सीमा और इसके लिए अभी भी मानक तय करना है। हालांकि, एक मानक आईएसः 13745 है, जो पार्टिकल बोर्ड में फॉर्मल्डिहाइड के निर्धारण के लिए निर्धारित है। बीआईएस मानकों के अभाव में, कई पैनल निर्माता अपने उत्पादों को नियंत्रित करने, मानकीकृत करने और उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कार्ब मानकों को अपना रहे हैं।