बिहार में उभरेगी वुड इंडस्ट्री, तैयार है तकरीबन 5 करोड़ पोपलर प्लांट

Thursday, 30 July 2020

बिहार राज्य में औद्योगिक प्रोत्साहन के लिए पालिसी फ्रेम वर्क में वुड बेस्ड इंडस्ट्री को प्राथमिकता दी गई है। राज्य के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिहार में 2012-13 से कृषि वानिकी को बढ़ावा दिया जा रहा है और वित्त वर्ष 2018-19 के अंत तक लगभग 9 करोड़ पेड़ लगाए गए हैं जिनमें 5 करोड़ से\अधिक पोपलर के पेड़ हैं। उन्होंने कहा कि 7 से 8 वर्ष की आयु के बाद ये पेड़ अब कटने के लिए तैयार हैं। इनसे राज्य के वुड बेस्ड कई उद्योगों में मदद मिलेगी जिनमें प्लाइवुड, विनियर, सॉ मिल, पल्प, कागज, माचिस आदि शामिल हैं। राज्य में फर्नीचर, बिल्डिंग मेटेरियल, प्लाइवुड, विनियर, और स्पोर्ट्स के सामान के उद्योग की जबरदस्त संभावनायंे हंै क्योंकि इन उद्योगों में प्रमुख रूप से एग्रो फॉरेस्टरी और प्लांटेशन टिम्बर से प्राप्त कच्चे माल का उपयोग किया जाता है।

वुड बेस्ड इंडस्ट्री, राज्य में नई औद्योगिक नीति ढांचे में शामिल होने से कई फायदे होंगे जैसे बैंकों से लिए गए ऋण पर ब्याज दरों में, उद्योग प्रतिष्ठानों, बिजली और अन्य के लिए खरीदी गई भूमि के लिए पंजीकरण शुल्क की प्रतिपूर्ति सहित कई लाभ प्राप्त होंगे। 25 लाख रुपये के न्यूनतम निवेश और 25 से अधिक श्रमिकों को नियुक्त करने वाले प्रतिष्ठान यह लाभ प्राप्त कर सकेंगे।

फरवरी 2020 में, बिहार में बजट सत्र के दौरान राज्य के आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 की रिपोर्ट पेश करते हुए, श्री सुशील मोदी ने कहा था कि पिछले 10 वर्षों की तुलना में बिहार में कृषि आधारित कारखानों में परिचालन में वार्षिक वृद्धि दर 16.4 फीसदी है, जबकि अखिल भारतीय स्तर पर यह केवल 3.3 फीसदी तक थी।

गौरतलब है कि लगभग छह महीने पहले, पटना में आयोजित प्लाइवुड, विनियर और फर्नीचर उद्योग पर आयोजित उदमी पंचायत की बैठक के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने भी अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने और वुड बेस्ड इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए विशिष्ट नीति तैयार करने के लिए कहा था। इस उद्योग के स्टेकहोल्डर्स (बैठक के दौरान 50 से अधिक उद्योगपति मौजूद थे) के अनुसार राज्य में वुड बेस्ड इंडस्ट्री के लिए बैठक में मौजूद बिहार उद्योग संघ के अध्यक्ष श्री संजय गोयनका ने ‘पोपलर‘ और ‘सेमल‘ के वृक्षों की तरह मुलायम लकड़ी के लिए कृषि-वानिकी को बढ़ावा देने और बड़े पैमाने पर उत्पादन करने का सुझाव दिया था, जिस पर सीएम ने सहमति जताई थी और आश्वासन दिया था इसे वन विभाग के बजाय इस विषय को कृषि विभाग के दायरे में लाएं।

सीएम ने अधिकारियों को प्लाइवुड, विनियर और फर्नीचर उद्योगों के लिए रोड मैप तैयार करने का भी निर्देश दिया था। अधिकारियों ने बेहतर उत्पादन के लिए मौजूदा औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 में आवश्यक बदलाव का सुझाव देने को भी कहा है जो इस संबंध में उद्योगपति की रुचि बढ़ा सकता है।

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