लेमिनेट की थिकनेस से हो रहा है समझौताः सर्वे

Friday, 12 February 2021

कच्चे माल की बढ़ती कीमतें लेमिनेट कैटेगरी में असंगठित और छोटे डेकोरेटिव लेमिनेट निर्माता, मोटाई पर समझौता करने को मजबूर हैं। प्लाई रिपोर्टर द्वारा तैयार रिपोर्ट से पता चलता है, कि ऐसा ही ट्रेंड भारत में पिछले दशक प्लाइवुड, एमडीएफ, पार्टिकल बोर्ड में भी देखी गई थी। ऐसा माना जा रहा है कि बढ़ती आपूर्ति और प्रतिस्पर्धा के कारण बाजार की कीमत से मेल खाने के लिए अब लेमिनेट केटेगरी भी बचत के लिए उसी तरह का ट्रिक्स अपना रहें हंै। लाइनर लैमिनेट की लोकप्रिय मोटाई 0.72 मिमी माना जाता है, जो विभिन्न ब्रांडों में 0.62 से 0.65 एमएम तक पहुंच गया है। प्लाई रिपोर्टर ने बाजार से लिए कुछ नमूनों का परीक्षण किया और पाया कि मोटाई के मामले में जनवरी 2021 में निर्माताओं ने जो दावा किया था, उसके विपरीत सच्चाई कुछ और है।

लाइनर केटेगरी में बड़ी गड़बड़ी की सूचना है, जहाँ वास्तविक उल्लेखित थिकनेस या किये गए दावे से 10 फीसदी कम है। लाइनर या बैलेंसिंग ग्रेड लेमिनेट की बाजार हिस्सेदारी तकरीबन 50 प्रतिशत पहुंच गया है। इस सेगमेंट में थिकनेस में कमी के लिए मोटे तौर पर क्राफ्ट पेपर, बेस पेपर और रेजिन, जिसे कच्चे माल की बढ़ती कीमतों को जिम्मेदार ठहराया गया है क्योंकि वे रॉ मटेरियल काॅस्ट के अनुसार सेल्स प्राइस हासिल करने में सक्षम नहीं है। बढ़ती इनपुट कॉस्ट के साथ, लाइनर ग्रेड लेमिनेट निर्माता बैक फुट पर थे। उनमें से कई ने कुछ महीने पहले अपने उत्पादन को रोक दिया था। हाल में किये गए सर्वे से पता चला है कि उन्होंने लाइनर ग्रेड लेमिनेट की कीमतें भी बढ़ाई, जो पहले तो मूल्य वृद्धि आसानी से स्वीकार कर ली गई थी, लेकिन दूसरी कीमत वृद्धि लागू नहीं की जा सकी। कच्चे माल की बढ़ती लागत का दबाव, अब थिकनेस के साथ समझौता पर देखा जा रहा है।

लाइनर ग्रेड में थिकनेस के साथ समझौता इनपुट कॉस्ट में वृद्धि का साइड इफेक्ट है, क्योंकि वॉल्यूम ट्रेड प्लेयर्स मैन्युफैक्चरर्स को आगे बढ़ी हुई कीमत के साथ फीड करने के लिए सस्टेनेबल नहीं लग रहा है। इसके परिणामस्वरूप कई मैन्युफैक्चरर्स अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने और बाजार में बने रहने के लिए थिकनेस कम कर रहे हैं। रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि बड़ी मात्रा में 0.65 मिमी लाइनर लेमिनेट की आपूर्ति बढ़ी है।अभी भी उपयोगकर्ताओं से कोई शिकायत नहीं मिल रही है। यह भी माना जा रहा है कि लाइनर लेमिनेट में थिकनेस के लिए कोई स्टैण्डर्ड नहीं है और जैसे ही मेटेरियल आते है, उसी तरह सप्लाई भी हो जाती है। अन्य कैटेगरी की तरह इसमें पेमेंट साइकिल भी इतना बड़ा नहीं है।

बाजार का वर्तमान ट्रेंड थोड़े समय तक राहत देगा, लेकिन लंबे समय में यह लेमिनेट इंडस्ट्री को प्रभावित करेगा। यह लाइनर ग्रेड में हो रहे विस्तार पर प्रश्न चिह्न लगा सकता है। तकनीकी लोगों का कहना है कि लाइनर ग्रेड लेमिनेट एक बैलेंसिंग उत्पाद है, इसलिए, यदि यह पैनल के सामने और पीछे एक ही थिकनेस में उपयोग किया जाता है, तो ही पैनल संतुलित  होगा। लेकिन, जानकारी की कमी और ओवर सप्लाई का परिदृश्य बहुततेजी से बदल रहा है।

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