अगस्त के अंतिम सप्ताह से प्रीलैम बोर्ड की मांग में वापसी से पार्टिकल बोर्ड की मांग में सुधार देखा जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई के मुकाबले सितंबर के पहले सप्ताह में दक्षिणी और पूर्वी क्षे़त्र में भी बिक्री अच्छी रही। गुजरात के मैन्युफैक्चरर्स का कहना है कि पार्टिकल बोर्ड की कीमतें बढाने की घोषणा के बाद, यह सेक्टर में मेटेरियल उठान मेंमदद मिली है।
ऑफिस फर्निचर बनाने वालों के तरफ से मेटेरियल की मांग अचानक बढी है, क्योंकि उनके ऑडर बुकिंग में उछाल देखी जा रही है। एज बैंड सेगमेंट के प्लेयर्स ने भी ऑफिस स्पेस के लिए काम कर रहे ओइएम से मिल रही डिमांड के चलते एज बैंड की काफी अच्छी मांग होने का दावा किया है। बंेगलौर स्थित पार्टिकल बोर्ड सप्लायर भी ओइएम से आ रही डिमांड के चलते राहत महसूस कर रहे हैं।
कच्चे माल की कमी और कम उत्पादन के चलते बाजार डिमांड के मामले में स्थिर है। हालांकि, मेलामाइन, वुड तथा बगास के चलते बढते इनपुट कॉस्ट की वजह से पार्टिकल बोर्ड मैन्युफैक्चरर्स पर मार्जिन का दबाव है और वे हमेशा इसकी बात कर रहंे हैं।
भारतीय पार्टिकल बोर्ड का बाजार सालाना 16 फीसदी की दर से ग्रोथ कर रहा है, जिसमें हर साल 6 से 7 नये प्लांट जुड रहे हैं। सेक्टर के अग्रणी प्लेयर सेंचुरी प्लाई, जी माइका, ट्रेनॉक्स, ट्रिलॉजी, क्रॅासबॉड इत्यादि भी इस कटेगरी और इसकी मांग को लेकर काफी उत्साहित हैं क्योंकि घरेलू उत्पादन तेजी से आयातित पार्टिकल बोर्ड को रिप्लेस कर रहा है।