अब हैंकी-पैंकी बिजनेस नहीं चलेगा; इसलिए आर्गनाइज हो जाएं!

person access_time   3 Min Read 04 February 2022

डुरियन लेमिनेट्स, सीडार डेकॉर प्रा.ली. के निदेशक, श्री विशाल दोकानिया 05 दिसंबर 2021 को प्लाई रिपोर्टर के ‘ब्रांड बज’ प्रोग्राम में प्रगत द्विवेदी के साथ बातचीत कर रहे थे। प्लाई रिपोर्टर का ब्रांड बज एक विशेष कार्यक्रम है, जो एक वीडियो कंटेंट प्लेटफार्म के माध्यम से ब्रांड को अपनी यूएसपी, नये फीचर्स, इनोवेशन, नये नये अपडेट और महत्वपूर्ण संदेश बिजनेस चैनल पार्टनर्स और इंडस्ट्री के साथ साझा करने का अवसर प्रदान करता है। श्री विशाल दोकानिया, डुरियन इंडस्ट्रीज के लेमिनेट वर्टिकल में सीडार डेकॉर प्राइवेटलिमिटेड का नेतृत्व कर रहे हैं। सीडार डेकॉर गुजरात की लेमिनेट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है, जिनके पास अखिल भारतीय डिस्ट्रीब्यूशन चैनल नेटवर्क हैं। वे प्रति माह छह लाख शीट के उत्पादन के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाली लेमिनेट कंपनियों में से एक हैं। पेश है उनसे बातचीत का संक्षिप्त अंश।

आपका अब तक का सफर कैसा रहा, इस उद्योग में अब आप कैसा महसूस करते हैं?

मेरी एक दिलचस्प पृष्ठभूमि रही है और मैं भारत और विदेशों में कई शहरों में रहा हूं। मैं कोलकाता में पैदा हुआ, दार्जिलिंगm में बोर्डिंग स्कूल में पढा और अमेरिका में एमबीए और कंप्यूटर इंजीनियरिंग करते हुए लगभग 9 साल तक पढ़ाई की। जब मैं अपना एमबीए पूरा कर रहा था, मेरे परिवार के सदस्यों ने अहमदाबाद में एक लेमिनेट प्लांट शुरू किया, जो वास्तव में मेरे वापस आने और पारिवारिक व्यवसाय में शामिल होने पर विचार कर रहे थे। मेरे लिए मेरे परिवार में मजाक में कहा जाता था कि ‘‘मैं सॉफ्टवेयर से हार्डवेयर में बदल गया।‘‘

प्र. आप उद्योग में क्या क्या बदलाव देखते हैं?

अब बहुत कठिन प्रतिस्पर्धा है! अगर हम 15 से 17 साल के इतिहास को देखें तो कंपनियों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। जब प्रतिस्पर्धा बढ़ती है तो रचनात्मकता और नवीनता भी बढ़ती है। आत्मतुष्टि काम नहीं करती, इसलिए स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय आपूर्तिकर्ताओं, मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों, विभागों, प्रदूषण, भूजल, आदि से उद्योग का बहुत अच्छा जुड़ाव होना चाहिए, इसलिए, हर चीज के साथ अब अनुपालन बढ़ गया है। अब धीरे-धीरे कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। ग्राहकों (डीलरों, वितरकों और अंतिम उपभोक्ताओं) के साथ गहरा संबंध होना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई कंपनियां आप से प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। तो, आपको परिस्थिति के अनुसार जागरूकता के साथ हमेशा पूरी तरह तैयार रहना होगा। यह उद्योग के सभी लोगों पर लागू होता हैं जैसे कि यदि मैन्युफैक्चरिंग स्तर पर प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है, तो वितरकों के स्तर पर भी यही स्थिति है।

अब उपभोक्ताओं के पास अधिक विकल्प हैं जो उनके लिए अच्छा भी है। लाभप्रदता के स्तर पर उपभोक्ताओं के साथ-साथ निर्माता, दोनों ही विजेता हैं क्योंकि अब जब प्रतिस्पर्धा के साथ निर्माताओं को अधिक इनोवेशन करना पड़ता है तो ग्राहकों के पास अधिक विकल्प भी होते हैं।

प्र. अब तक का गा्रेथ कैसा रहा, प्रतिस्पर्धा के साथ इस बदलते समय में आप इसे कैसे देखते हैं?

सोलह साल पहले हमारे पास एक प्रेस था और हर दो तीन साल में हमने एक प्रेस स्थापित किया। आज हमारे पास 6 लाख शीट की स्थापित क्षमता के साथ छह प्रेसें हैं। हम इसकी पूरी क्षमता हासिल करने के बहुत करीब हैं। ग्रोथ काफी अच्छा रहा और सुगमता से जारी है जो कि ऑर्गनिक भी है।

प्र. आपने नई फैक्टरी लगाने के बजाए, लगी फैक्टरी लेना पसंद किया, इसकी कोई खास वजह ?

इसका मुख्य कारक समय की कमी है, क्योंकि आज अगर आप ग्रीनफील्ड परियोजना शुरू करते हैं, तो इसका पहला उत्पादन प्राप्त करने में कम से कम दो साल लगते हैं। हम निश्चित रूप से निर्यात और भारत में वॉल्यूम बढ़ाने के उद्देश्य से क्षमता बढ़ाने के लिए विस्तार की योजना बना रहे थे। हम निर्यात तो कर रहे थे, लेकिन उस पर ध्यान केंद्रित नहीं था। फिर ऐसे समय में एक प्लांट के प्रस्ताव का अवसर खुद चल कर आया। हमें वहां जाने के बाद अच्छा लगा और चार दिनों के भीतर सौदा पक्का हो गया।

प्र. क्या आपने क्षमता में विस्तार के साथ-साथ ऑफरिंग के साइज में भी बदलाव किया?

ज्यादातर ऑफरिंग सामान्य आकार के ही लेमिनेट हैं लेकिन वर्तमान अधिग्रहण के साथ हमारे पास 7‘ग4.25‘ आकार का प्रेस भी है। इसके अलावा हम न केवल लेमिनेट्स और डोर स्किन पर बल्कि डुरियन डोर्स के नाम से तैयार डोर पर भी बहुत रचनात्मकता के साथ काम कर रहे हैं। रेडी टू इनस्टॉल डोर की मांग तेजी से बढ़ी है।। यह उन लोगों की पसंद के लिए अनुकूलित उत्पाद है जो लेमिनेटेड डोर चाहते हैं। वे 7ग3.25 फीट के लेमिनेट का उपयोग कर सकते हैं और कीमत के साथ-साथ कॉस्ट इफेक्टिवनेस भी हासिल कर सकते हैं।

प्र. पिछले दो वर्षों में हमने देखा है कि कीमतें एक बड़ा मुद्दा बन गया हैं और प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। क्या यह लाइनर लेमिनेट सेगमेंट की तरह नहीं है?

नहीं, बिल्कुल नहीं! चूंकि इसमें विशेष रूप से डिजिटल डोर स्किन के अतिरिक्त मूल्यवर्धन और रचनात्मकता है। हमने डेढ़ साल में अपने डोर स्किन की मांग में लगभग 800 फीसदी की वृद्धि देखी है। यह निश्चित रूप से कोई वस्तु या सस्ता उत्पाद नहीं है।

प्र. क्या आपको लगता है कि लेमिनेट सेक्टर में भी डिजाइनमें कोई बदलाव आया है? अगला रुझान क्या है?

अगर हम हाई इंड सेगमेंट के लेमिनेट जैसे आर्किटेक्ट्स और इंटीरियर डिजाइनरों की बात करें, तो डिजाइन में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं आया। उदाहरण के लिए, यूरोपीय प्रिंटर-दुनिया में लीडर है, जो हर दो साल में एक बार अपना कलेक्शन लाते हैं, इसलिए इस सेगमेंट में दिन-प्रतिदिन डिजाइन में बदलाव नहीं होता।

सॉलिड कलर में थोड़ा बदलाव था, जो एक समय धीमा था, लोग सॉफ्ट सॉलिड की मांग कर रहे थे। हां, रिटेल सेगमेंट में बदलाव आया है, खासकर कम थिकनेस में लोग अभी भी जैजी और फैंसी स्टॉक पसंद करते हैं। हाइयर थिकनेस में नेचुरल विनियर की ओर शिफ्ट हुआ है और अधिक से अधिक नेचुरल लुक की मांग ज्यादा है।

प्र. लेमिनेट सेगमेंट में फोल्डर एक पेन पॉइंट बनता जा रहा है। क्या आपको लगता है कि लोग इसके साथ न्याय कर रहे हैं?

यदि हम पांच साल पहले और आज देखें तो कैटलॉग की सुरक्षा और उचित उपयोग के लिए जागरूकता अब और ज्यादा है। पहले औसतन हर 30 से 35 शीट पर एक कैटलॉग भेजा जाता था, उस समय इसकी कीमत भी कम होती थी। एक अच्छे साइज का कैटलॉग 800 रुपये से कम का था। अब लेमिनेट का इनपुट कास्ट बढ़ गया है और लेवर कॉस्ट भी बढ़ गया है, इसलिए एक बड़े आकार का कैटलॉग 2000 रुपये से ज्यादा का हो गया है।

दूसरी ओर लेमिनेट की कीमत दोगुनी नहीं हुई क्योंकि कीमते स्वीकार नहीं किया गया था। इल्मा बोर्ड में भी ऐसी चर्चा होती है कि कैटलॉग का कॉस्ट कम हो। यूनिट कैटलॉग की लागत कम नहीं हो सकता है क्योंकि लोगों को अच्छी प्रस्तुति देनी होती है। लेकिन फैक्ट्री और ग्राहक के आधार पर संख्या निश्चित रूप से कम हो गई। मुझे लगता है कि लगभग 40 से 50 शीट के लिए अब एक कैटलॉग है।

कैटलॉग के कारण उत्पाद की लागत बढ़ जाती है और डीलर का इनपुट इसमें बड़ी भूमिका निभाते हैं। इसलिए, अगर कोई भी चीज जिसकी कीमत 2000 रुपये है, उसे बर्बाद नहीं करना चाहिए। यदि आपको लगता है कि किसी कैटलॉग की बिक्री आपके काउंटर पर नहीं है, तो आपको इसे निर्माताओं के पास वापस ले जाना चाहिए। इसका कोई अपव्यय नहीं होना चाहिए, क्योंकि अपव्यय धन व् संसाधन के साथ-साथ पर्यावरण की दृष्टि से भी होता है।

प्र. आप कहते हैं कि अगर डीलर के पास कैटलॉग का कोई उपयोग नहीं है तो उन्हें इसे वापस कर देना चाहिए। यदि कोई डीलर कैटलॉग लौटाता है तो वे अपने लेमिनेट को कैसेबेच सकेगा?

क्या आपको लगता है कि किसी डीलर के पास यदि 200 कैटलॉग हैं और वे उनके साथ न्याय कर रहे हैं? मैं क्या करता हूं? यदि आने वाले सैंपल का उपयोग नहीं होता हैं तो उसे सप्लायर को वापस कर देता हूँ। बावजूद इसके मुझे रखने और बाद में उन्हें स्क्रैप करने पर कोई खर्च नहीं आता, हम सोचते हैं कि पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी हमें इसे वापस कर देना चाहिए क्योंकि फिनोल, फॉर्मल्डिहाइड, मेलामाइन से बने मेटेरियल का ठीक से निपटान नहीं होता है, तो यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसलिए, यदि हम पर्यावरण के दृष्टिकोण से एक देखें, तो भी इन चीजों को स्क्रैप करना और फेंकना अच्छा नहीं है।

प्र. डुरियन लैमिनेट में क्या क्या बदलाव आया हैं और आप विकास के कौन कौन से अवसर देखते हैं?

पिछले दो वर्षों में कोविड काल के दौरान कंपनी में काफी मंथन किया गया और उस पर कार्रवाई भी की गई है। पहले सर्विस टाइम काफी लंबा था, जो एक बहुत बड़ी समस्या थी और हमें इसकी जानकारी थी। इसलिए उसके लिए हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि यह नहीं चलेगा, क्योंकि हम जानते हैं कि लेमिनेट भी एक सर्विस सोल्यूशन है। हमने 50,000 वर्ग फुट का एक गोदाम बनाया, जिसमें हमारे पास हमारे सभी फोल्डर का 200000 से अधिक शीट का रेडी स्टॉक है।

इसके साथ ही हमारा टर्नअराउंड टाइम 20 से 21 दिनों तक घटकर 6 दिन रह गया है, सर्विस फास्ट हो गई है, वितरक बहुत खुश हैं और हम अभी ऑर्डर भी नहीं खो रहे हैं। उत्पाद की पेशकश के मामले से हमने यूनिक आइटम बनाने के लिए मूल्य वर्धित और सामग्री चयन में बहुत प्रयास किया है। इसके बहुत अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। कैटलॉग प्रस्तुति और लेआउट में काफी सुधार हुआ। भविष्य में हमारे पास निर्यात के लिए नएप्लांट स्थापित करने और डोमेस्टिक प्रजेंस बढ़ाने जैसे कुछनिर्धारित लक्ष्य हैं। अभी हम 6 फीसदी निर्यात कर रहे है जो अगले दो वर्षों में 20 फीसदी हो जाएगा।

प्र. आपके पास बहुत सारे ब्रांड हैं, आप इसके सभी एसकेयू को ठीक से कैसे संभालते हैं?

यह एक पेन पॉइंट है, लेकिन अगर आप इसे ठीक से संभालते हैं तो यह एक अवसर बन जाता है जैसे की हम हमेशा इसे देखते है। लेमिनेट में विभिन्न सेगमेंट हैं और हम इन सभी सेगमेंट में उत्पाद पेश कर रहे हैं। हम देखते हैं कि किसी खास सेगमेंट में मेटेरियल नहीं बेची जा रही है, तो हमारे पास जो क्षमता और बैंडविड्थ है, उनसे इसे पूरा किया जाता है। इस तरह हम देश के हर शहर और हर कोने में मौजूद हैं और एक शहर में भी हमारे पास पूरे सेगमेंट में कुछ न कुछ है। आज हमारे पास तैयार उत्पादों के 3000 से अधिक एसकेयू हैं। मैं सॉफ्टवेयर बैकग्राउंड से हूं इसलिए सबसे पहले हमने ईआरपी में विस्तार किया, इसलिए अगर हम दस उत्पादों या 10000 उत्पादों का निर्माण करते हैं तो हम इसे बहुत आसानी से प्रबंधित कर सकते हैं। हम उस पर नजर रखते हैं।

प्र. क्या आप एसकेयूज और बढ़ रहे हैं या इसे इसी स्तर तक सीमित कर रहे हैं?

नहीं! नहीं! नहीं बढ़ रहा है, ग्रोथ कुछ साल पहले आया था लेकिन अब यह कम हो रहा है। कुल मिलाकर मौजूदा चलन में वितरकों को भी 500 आईटम का कैटलॉग नहीं चाहिए, लेकिन छोटा कलेक्शन का आइटम अधिक बिकता है क्योंकि इसके साथ डेड स्टॉक इन्वेंट्री कम हो जाती है और सर्विस रोटेशन तेज हो जाता है। मुझे लगता है कि किस्में धीरे-धीरे सिकुड़ रही हैं और कैटलॉग अधिक इफिशिएंट हो रहे हैं।

प्र. कच्चे माल की कीमतों में कमी के बाद अब आप लेमिनेट की कीमतों में नरमी के साथ स्थिति को कैसे देखते हैं?

लेमिनेट उद्योग में आपूर्ति और आपूर्ति की क्षमता मांग की तुलना में बहुत अधिक है, इसलिए प्रतिस्पर्धा के साथ कीमत पर दबाव है, इसलिए हमें इस बड़े बाजार में आने के लिए कुछ नया करना होगा। कीमत के लिहाज से आज से डेढ़ साल पहले केm कच्चे माल की कीमत में बड़ा अंतर है।

कच्चे माल की कीमत में अभी भी काफी उतार-चढ़ाव है और यह एक वैश्विक परिदृश्य है। एक साल में हर एक वस्तु के दाम बढ़े हैं। शिपिंग, मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक आदि जैसे बहुत सारे मुद्दे हैं। सबसे बड़ी समस्या मुद्रास्फीति है, क्योंकि दुनिया भर में अधिकांश सरकारों ने पैसे की आपूर्ति बढ़ाने के लिए बहुत सारे करेंसी प्रिंट की हैं।

प्र. बैलेंसिंग शीट और डेकोरेटिव बनाने के क्या फायदे हैं, और क्या कंपनी के लिए बैलेंसिंग शीट बनाना फायदेमंद है?

सीडार लेमिनेट में, बैलेंसिंग शीट और डेकोरेटिव में 30ः70 अनुपात है। इसकी व्यवहार्यता, उत्पादन और इंजीनियरिंग पर ध्यान देने पर निहित है। सही इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और नियंत्रण के साथ वही शीट के उत्पादन की लागत को 20 से 30 फीसदी तक कम की जा सकती है। मजबूत वित्तीय क्षमता के साथ सब कुछ पहले से खरीदी होने से भी लागत में कमी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

प्र. अब इन दिनों प्री-लैम एमडीएफ और प्री-लैम बोर्ड तेजी से बढ़ रहे हैं, क्या आप आने वाले समय में लेमिनेट पर भी इसका असर देखते हैं?

कुछ भी फर्क नहीं पड़ेगा। प्लाइवुड और लेमिनेट दोनों ही अभूतपूर्व रेट से बढ़ रहे हैं क्योंकि भारत एक बहुत बड़ा बाजार है। प्री-लेमिनेटेड एमडीएफ और बोर्ड के मामले में दोनों बहुत अच्छी तरह से ग्रोथ कर रहे हैं। छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों से वॉल्यूम अब आने लगा है, इसलिए लेमिनेट के लिए पूरा क्षितिज खुला है।

प्र. डुरियन लेमिनेट्स में वितरकों का संतुष्टि स्तर कैसा है?

आज हमारे पास देश भर में 140 स्टॉक कीपिंग डिस्ट्रीब्यूटर हैं, लेकिन हमने 10 या 12 डिस्ट्रीब्यूटर्स के साथ इंडस्ट्री में शुरुआत की थी। वे 10 या 12 डिस्ट्रीब्यूटर अभी भी हमारे साथ हैं। डुरियन लेमिनेट्स में वितरकों का संतुष्टि स्तर यह है।

प्र. नॉन-फोल्डर और 0.9 मिमी या 0.7 मिमी जैसे थिकनेस में ,बदलाव पर आपकी क्या राय है?

कई डीलर/वितरक मेरे पास आते हैं और हमारे फोल्डर से या कोई और चुनिंदा आइटम देने के लिए कहते हैं, हम आमतौर पर इस प्रकार की गतिविधियों को हतोत्साहित करते हैं। हमारे पास पर्याप्त कैटेलॉग है (हम अपने कैटलॉग को संपत्ति कहते हैं) और हमारे पास सबके लिए कुछ न कुछ है। इसके अलावा, अगर किसी चीज की जरूरत है तो उसका कोई अंत नहीं है। अगर हम इसे बनाते हैं, तो बनाया जा सकता है लेकिन हमने जो योजना बनाई गई है उसके अनुसार उससे दक्षता नहीं है। यह हमारे काम के हित में नहीं है। मैं जानता हूं कि व्यापार करने वाले लोगों का इसमें बड़ा मार्जिन होता है इसलिए वे गैर-ब्रांडेड रखना चाहते हैं।

थिकनेस पर ऑप्टिमाइजेशन, प्रतिस्पर्धा और अनुप्रयोगों का भी दबाव है। बोर्ड बेस के जैसा, यदि यह कैलिब्रेटेड और स्मूद है, तो कोई 0.4 मिमी लेमिनेट का भी उपयोग कर सकता है। यदि हम लेमिनेट में थिकनेस ऐड करते हैं तो यह अनइवेन सरफेस को छिपा देगा। निर्यात के बारे में बात करे तो मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि 0.5 मिमी की भारी मात्रा में मांग है और वे बड़ी मात्रा में वर्षों से खरीद रहे हैं। वे उच्च गुणवत्ता वाला पेपर लेते हैं क्योंकि उन्हें कैलिब्रेटेड एमडीएफ पर चिपकाना होता है।

प्र. भारत में कम कीमत वाले बाजारों के लिए कम थिकनेस बनाई जाती है, क्या वे गुणवत्ता बनाए रखते हैं?

अगर हम गुणवत्ता बनाए रखना चाहते हैं, तो इसे निश्चित रूप से बनाए रखा जा सकता है। भारत में थीन लेमिनेट्स पर दो चीजों का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। यदि आप इसके कैटलॉग को देखें तो पूरा सिलेक्शन कम लागत वाले डिजाइन पेपर परआधारित है। यूरोपीय पेपर 600 रुपये किलो और भारतीय पेपर 220 रुपये किलो आता है, इसलिए लगभग तीन गुना अंतर केवल डेकोर पेपर पर है। इसके अलावा, क्राफ्ट, रेजिन और अन्य सभी केमिकल की लागत है।

तो कीमत जरूर कम है लेकिन मैन्युफैक्चरिंग में कितनी बचत है? क्योंकि बाजार में बिक्री काफी कम कीमत पर है। तो, निश्चित रूप से फैक्ट्री के मार्जिन पर भी दबाव है। थिकनेस अप्लीकेशन की जरूरत है क्योंकि कहीं पर 0.6 मिमी का उपयोग किया जाता है और कहीं 12 मिमी का उपयोग किया जाता है। मुझे लगता है कि आईएसआई में ही बचाव का रास्ता है, क्योंकि वे 10 फीसदी तक थिकनेस वैरिएशन की अनुमति प्रदान करता हैं। जबकि जब आप निर्यात कर रहे हैं तो केवल 5 फीसदी ही वैरिएशन स्वीकार्य है।

प्र. उद्योग, व्यापार, डीलरों और वितरकों के लिए आपका क्या संदेश है?

यह एक शानदार उद्योग है। हमें बस थोड़ा कुशल होने की जरूरत है क्योंकि अक्षमता पूरे व्यापार को भारी नुकसान पहुंचाती है। अक्षमता किसी भी बिंदु, मात्रा, स्टॉकिंग, वित्तीय आदि पर हो सकती है। इसलिए, कोई भी उद्यमी चाहे वह डीलर हो, वितरक, खुदरा विक्रेता या कारखाने के मालिक हों, निम्नलिखित सभी चीजेंः क्षमता, वित्तीय संसाधन, मानव संसाधन आदि आपके सामने रखें और उसके बाद ही विकास की रणनीतियों के लिए योजना बनाएं।

व्यवसाय और कुछ नहीं बल्कि सीमाओं का प्रबंधन है। दुनिया में किसी भी व्यवसाय के लिए असीमित संसाधन नहीं होते हैं। इसलिए, उपलब्ध संसाधनों को कैसे अनुकूलित किया जाए यह बहुत महत्वपूर्ण है और यह हर किसी के छिपे हुए खर्चों को बचाता है। यदि हम उद्योग के मानदंडों का पालन कर रहे हैं और 100 फीसदी बिलिंग आदि प्राप्त कर रहे हैं, तो यह व्यापार अद्भुत रूप से काम कर सकता है। अल्पकालिक लाभ के लिए आपकी दीर्घकालिक संभावनाएं नष्ट हो जाती हैं। यह सिर्फ हमारी इंडस्ट्री में ही नहीं, हर इंडस्ट्री में देखा जाता है। जिस तरह से सरकार अनुपालन का उपयोग कर रही है और सब कुछ ऑनलाइन किया जा रहा है, लोगों को अब खुद को सही करने की जरूरत है अन्यथा उन्हें उसके लिए भुगतना होगा। बहुत जल्द लोगों को एहसास होगा कि हंकी-पैंकी व्यवसाय टिक नहीं सकता।


ी जनक व्यास वाईस प्रेसिडेंट (सेल्स एंड मर्केटिंग), सीडार डेकार प्राइवेट लिमिटेड ने कंपनी के साथ जुड़ाव पर अपने विचार रखे।

प्र. पिछले 15 वर्षों में कितने वितरकों ने डुरियन लेमिनेट्स छोड़े हैं?

2005 में हमने एक ब्रांड के वितरकों के साथ शुरुआत की थी। आज भारत में विभिन्न ब्रांडों के लगभग 150 वितरक हमारे साथ काम कर रहे हैं। मुझे लगता है कि जब उन्हें कुछ समस्याएं, प्रश्न और उनकी अपनी राय होती है, वे हमारे पास आते हैं और प्रबंधन के साथ हर बात पर चर्चा करते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि न सिर्फ डिस्ट्रीब्यूटर हमसे काफी संतुष्ट हैं बल्कि हमारी 60 फीसदी सेल्स टीम भी 8 से 9 साल पुरानी है। मैं खुद पहले दिन से कंपनी के साथ हूं और अब 16 साल पूरे कर चुका हूं।

प्र. डुरियन के कई फोल्डर हैं, ग्राहकों को कौन से फोल्डर सबसे ज्यादा पसंद हैं?

मैं पूछना चाहता हूं कि क्या माता-पिता अपने बच्चों में अंतर करते हैं? वे सभी हमारे बेटे हैं और हमें उन सभी के साथ समान व्यवहार और पालन-पोषण करना है। इसलिए, हमारे लिए हमारे सभी ब्रांड और वितरक समान हैं। जब हम उसके डिजाइन और उत्पादों के साथ कोई फोल्डर बनाते हैं तो हम उसके लिए वितरकों के पैनल से परामर्श करते है। इसलिए, प्रत्येक वितरक को अपने ग्राहकों की पसंद, क्रय शक्ति, बिक्री आदि के आधार पर ही कोई कैटलॉग मिलता है।

प्र. डुरियन लेमिनेट के उत्पाद और सेवा की पेशकश में दूसरों की तुलना में अद्वितीय और अलग क्या है?

हम उस सेगमेंट में सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयाश करते हैं। हम सर्वोत्तम डिजाइन और एसकेयू हासिल करने के लिए यूरोपीय, जापानी पेपर का उपयोग करते हैं। हमारा मुख्य फोकस ग्राहक हैं क्योंकि वे हमारे व्यापार भागीदार हैं। वे केवल हमारा मार्गदर्शन करते है कि किस प्रकार के उत्पाद बाजार में बेच सकते हैं।

प्र. ऐसा अनोखा क्या है जो आप इस कंपनी से 15 साल से अधिक समय से जुड़े हुए हैं?

यह मेरे निर्देशकों का मुझ पर भरोसा है। वह मेरी राय और सुझावों को स्वीकार करते है। बहुत सारे नए प्रबंधन और बुनियादी सिद्धांत उससे आते हैं और हम उसके लिए काफी उत्साहित रहते हैं। जीवन हर समय कुछ न कुछ सीखने को प्रेरित करता है इसलिए मूल्य और नैतिकता के सही मिश्रण के साथ हमारा प्रबंधन आधुनिक है।

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