कंस्ट्रक्शन साइटें चलने से शटरिंग प्लाई इकाइयों को तेज रिकवरी की उम्मीद

Monday, 24 May 2021

लॉकडाउन की घोषणाओं के बावजूद कंस्ट्रक्शन साइटों पर काम चल रहे हैं, जिसके चलते बिल्डर, लेवर और मेटेरियल सप्लायर कंपनियों को कुछ राहत है। यह खबर लिख जाने तक, पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में शटरिंग प्लाइवुड और डोर सेगमेंट की मांग औसतन लगभग 80 फीसदी बने रहने से स्थिति अच्छी है। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली आदि कई राज्यों में लॉकडाउन के बाबजूद जारी मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों ने डीलरों और स्टॉकिस्टों को अभी तक अपने आउटलेट खोले रखने में सहायक सिद्ध हुआ हैं। इसकी वजह से लगातार मांगबने रहने से फिल्म फेस शटरिंग और डोर यूनिटों को कोविड काल में काम काज चालू रहने की उम्मीद है। लेवर के कॉन्ट्रैक्टर का कहना है कि मांग को देखते हुए, मजदूरों को भोजन और फैक्ट्रियों में रहने के साथ-साथ मैन्युफैक्चरिंग साइटों पर रहने की सुविधा दी जा रही है।

पंजाब, हरियाणा और लखनऊ बेल्ट में स्थित फैक्ट्रियों को आशा हैं कि लॉकडाउन के चलते उन्हें पिछली बार की तरह ज्यादा दिक्क्तें नहीं होगी, क्योंकि सरकार मैन्युफैक्चरिंग को बंद करने के लिए तैयार नहीं है। यही कारण है कि, इकाइयों को बंद करने को लेकर मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर्स के बीच अब तक कोई सहमति नहीं बनी है।

हालांकि लोगों में डर के कारण मांग कम है, लेकिन विशेष रूप से फिल्म फेस शटरिंग और डोर मैन्युफैक्चरिंग धीमी गति से भी चलते रहने की खबर है। प्लाई रिपोर्टर ने अपने अध्ययन में पाया कि फर्नीचर मैन्युफैक्चरिंग, सरकारी परियोजनाएं, सड़क निर्माण, आवासीय और कमर्शियल प्रोजेक्ट पर काम चालू हैं, जो टिम्बर, फिल्म फेस्ड शटरिंग प्लाईवुड, पेमेंट, यहां तक की प्लाइवुड की मांग बने रहने में मदद कर रही है।

राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार दुकानें ठीक से नहीं खोली जा रही हैं, लेकिन अगर जरूरत पड़ती है तो वेयरहाउस और गोदामों से सप्लाई जारी है। दूसरी तरफ, परियोजनाओं से पेमेंट का परिदृश्य चुनौतीपूर्ण लगरहा है, जिसके चलते मैन्युफक्चरर्स और सप्लायर को दिक्क्तें हो रही है।

कोविड की पहली लहर के विपरीत, इस वर्ष मैन्युफैक्चरर्स मजबूत वापसी को लेकर आश्वस्त हैं क्योंकि मांग में मजबूती है और बाजारों में कोई इन्वेंटरी नहीं है। पिछले साल, अचानक लॉक डाउन होनें के चलते सब कुछ स्थिर हो गया था, यहां तक कि ट्रांसपोर्ट सेक्टर भी ठप था। लेकिन इस बार ट्रांसपोर्ट सामान्य रूप से जारी है और जरूरत के अनुसार सप्लाई भी सुचारू रूप से चल रही है, इसलिए यह समाचार लिखे जाने तक प्लाइवुड और डोर इकाइयां कथित तौर पर अभी 50 फीसदी क्षमता पर काम कर रही हैं।

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